तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जानकारी में था जलदाय मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित के रेप का प्रकरण। महिला पत्रकार की एफआईआर के बाद क्या महेश जोशी का इस्तीफा लिया जाएगा? या फिर बेटे की करतूत को देखते हुए महेश जोशी खुद ही इस्तीफा दे देंगे।
जयपुर की एक महिला पत्रकार ने राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी पुत्र रोहित जोशी के विरुद्ध दिल्ली में जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसमें बताया गया है कि 28 फरवरी 2022 को जब वह रोहित के साथ दिल्ली की एक होटल में थी, तब जयपुर की सदर थाना पुलिस के थानाधिकारी और अन्य पुलिसकर्मी आए और होटल से जबरन जयपुर ले गए। पुलिसकर्मियों ने उसका मोबाइल भी छीन लिया। जयपुर में जब उसकी तबीयत बिगड़ी, तब उसका एसएमएस अस्पताल में इलाज भी करवाया गया। एफआईआर में बताया है कि मंत्री पुत्र रोहित ने कब कब रेप किया। पुलिस को ज्यादतियों और गर्भपात कराने की भी जानकारी दी गई है। रोहित यह कह कर रेप करता रहा कि वह अपनी पत्नी से तलाक ले लेगा और दूसरी शादी या निकाह कर लेगा। रोहित के रेप प्रकरण की जांच तो पुलिस करेगी ही, लेकिन महिला पत्रकार की रिपोर्ट से प्रतीत होता है कि इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पूर्व में ही थी। राजस्थान से गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। ऐसे में यदि प्रदेश की राजधानी जयपुर की पुलिस महेश जोशी जैसे प्रभावशाली मंत्री के पुत्र के लिए दिल्ली जाए तो यह नहीं माना जा सकता है कि मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में न हो। जयपुर के सदर थानाधिकारी पृथ्वीपाल सिंह ने स्वयं स्वीकार किया है कि रोहित जोशी की पत्नी और मंत्री महेश जोशी की पुत्रवधू ने लिखित में अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत दी थी। इस शिकायत के आधार पर जयपुर पुलिस दिल्ली गई थी। सवाल यह भी है कि जब 28 फरवरी 22 को ही रोहित और महिला पत्रकार के संबंधों के बारे में पता चल गया था, तो फिर ढाई माह तक मामले को छिपाए क्यों रखा गया? राजस्थान पुलिस को 28 फरवरी को ही मामले को सार्वजनिक करना चाहिए था। क्या एमएल लाठर के अधीन काम करने वाली राजस्थान पुलिस पर राजनीतिक दबाव है? कहा जा रहा है कि पुलिस की मौजूदगी में तथाकथित समझौता पत्र पर पीड़िता के हस्ताक्षर करवाए गए हैं। यानी जिस पुलिस पर रेप के आरोपी पर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी थी, वही पुलिस पीडि़ता पर दबाव डाल कर समझौता करवा रही थी। चूंकि यह मामला कांग्रेस सरकार के एक मंत्री से सीधे तौर पर जुड़ा है, इसलिए आने वाले दिनों में कई गोपनीय बातों से पर्दा उठेगा। अभी यह बात भी सामने आएगी कि आखिर राजस्थान पुलिस कसके दबाव में दिल्ली गई थी? सब जानते हैं कि महेश जोशी और सीएम गहलोत के बीच बहुत अच्छे संबंध है। जुलाई 2019 में जब गहलोत सरकार पर राजनीतिक संकट आया, तब जोशी कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे। जोशी की शिकायत पर ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी दिल्ली जाने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों की सदस्यता खत्म करने वाला नोटिस जारी किया था। जोशी की शिकायत पर ही पुलिस ने इन्हीं 19 विधायकों पर देशद्रोही होने की कार्यवाही भी शुरू कर दी थी। सरकार बचाने में जोशी ने जो भूमिका निभाई, उसी का इनाम सीएम गहलोत ने जोशी को मंत्री बना कर दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या गहलोत अब महेश जोशी से इस्तीफा मांगेंगे? या फिर गहलोत सरकार को बदनामी से बचाने के लिए जोशी स्वयं ही इस्तीफा दे देंगे? आने वाले दिनों में रोहित जोशी का रेप का प्रकरण गर्म रहेगा। यह मामला ऐसे समय में उजागर हुआ है, जब 13 से 15 मई के बीच उदयपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय चिंतन शिविर हो रहा है।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-05-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511