तो क्या दिल्ली पुलिस जयपुर में राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी के पुत्र रोहित को गिरफ्तार कर पाएगी? जयपुर में एफआईआर दर्ज नहीं करने की गलती का अब अहसास हो रहा है। मंत्री के सरकारी आवास पर नोटिस चस्पा।

राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी के पुत्र और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रोहित जोशी को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस 15 मई को जयपुर पहुंच गई है। एक एसीपी के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की 15 सदस्य टीम ने पहले महेश जोशी के  मानसरोवर स्थित निजी आवास पर रोहित को तलाश किया। निजी आवास पर कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद दिल्ली पुलिस जयपुर के सिविल लाइन स्थित जोशी के मंत्री वाले बंगले पर आ गई। लेकिन सरकारी आवास से भी पुलिस को रोहित के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। इसलिए यह सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली पुलिस जयपुर में रोहित जोशी को गिरफ्तार कर पाएगी। मालूम हो कि रोहित के खिलाफ 23 वर्ष एक महिला पत्रकार ने दिल्ली के सदर पुलिस थाने पर बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। यह रिपोर्ट गत 8 मई को दर्ज करवाई गई थी। पीड़िता के बयान 164 में मजिस्ट्रेट के समक्ष करवाने के बाद ही पुलिस रोहित जोशी को गिरफ्तार करने के लिए जयपुर पहुंची है। जानकार सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस फिलहाल जयपुर में ही डेरा जमाए रखेगी। पुलिस को भी पता है कि रोहित इतनी आसानी से गिरफ्तार नहीं होगा। लेकिन रोहित को गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस कोई कसर नहीं छोडेगी। हालांकि गिरफ्तार से बचाने के लिए रोहित की ओर से दिल्ली के संबंधित सेशन न्यायालय में अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र भी दायर किया जा सकता है। लेकिन महेश जोशी के सामने सबसे बड़ी समस्या दिल्ली पुलिस की तैयारियों की होगी। एफआईआर के आधार पर दिल्ली पुलिस रोहित के अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र का विरोध करेगी। पीडि़ता ने रोहित पर बलात्कार के जो आरोप लगाए हैं, उनमें महेश जोशी को भी घसीटा गया है। एफआईआर में विस्तार से बताया गया है कि रोहित ने दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, सवाई माधोपुर आदि स्थानों पर कब कब दुष्कर्म किया। असल में पीड़िता पहले जयपुर में ही एफआईआर दर्ज करवाना चाहती थी। इसके लिए पीडि़ता जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव से भी मिली, लेकिन थाने से लेकर पुलिस आयुक्त स्तर तक एफआईआर दर्ज नहीं की। एफआईआर दर्ज न कर जो गलती की उसका अहसास अब राजस्थान पुलिस और महेश जोशी को भी हो रहा है। यदि एफआईआर जयपुर में ही दर्ज कर ली जाती तो जांच राजस्थान पुलिस के पास हाथों में ही होती। ऐसे में रोहित जोशी को अनेक रियायतें भी दी जा सकती थी। राजस्थान पुलिस तो पहले भी रोहित और पीड़िता को दिल्ली से जयपुर लाई। तब किसी को भी खबर नहीं लगने दी। दिल्ली से जयपुर तक के सफर में रोहित के पक्ष में जो कुछ भी किया जा सकता था, वो पुलिस ने किया। लेकिन अब बलात्कार प्रकरण की जांच दिल्ली पुलिस के पास है। इसलिए राजस्थान पुलिस वाली रियायत रोहित जोशी को नहीं मिल सकती है। दिल्ली पुलिस तो रोहित के साथ बलात्कार के आरोपी वाला व्यवहार ही करेगी।
पिता ने दी क्लीन चिट:
दिल्ली पुलिस भले ली रोहित को गिरफ्तार करने के लिए जयपुर आ गई हो, लेकिन जलदाय मंत्री महेश जोशी पहले ही अपने पुत्र रोहित को बलात्कार के प्रकरण में क्लीन चिट दे चुके हैं, महेश जोशी का कहना है कि उनका पुत्र बेहद संस्कारी है, इसलिए वह बलात्कार जैसा कृत्य कर ही नहीं सकता। महेश जोशी ने अपने पुत्र को झूठा फंसाने का आरोप लगाया है।
नोटिस चस्पा:
दिल्ली पुलिस ने जलदाय मंत्री महेश जोशी के सरकारी आवास पर रोहित जोशी को लेकर नोटिस चस्पा कर दिया है। इसमें रोहित को दिल्ली पुलिस के समक्ष उपस्थित होने की हिदायत दी गई है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (15-05-2022)
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