गहलोत सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों के विरोध में राजस्थान भर में विहिप और बजरंग दल का प्रदर्शन। जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी धरने पर बैठे। अजमेर में भी कलेक्ट्रेट पर धरना। न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा बिछीवाड़ा थाने पर उपस्थित हुए।
अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार की हिन्दू विरोधी नीतियों के विरोध में 16 मई को राजस्थान भर में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया। हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार हिंदुत्ववादी संगठनों के बारे में जहर उगलते हैं। गहलोत के तुष्टीकरण वाले बयानों से ही प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव हो रहा है। अप्रैल माह में जब हिन्दू समुदाय के अनेक धार्मिक पर्व थे, तब धारा 144 के प्रावधानों के अंतर्गत अनेक पाबंदियां लगा दी गई। यहां तक कि चौराहों एवं सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक प्रतीक चिन्ह लगाने से भी रोक दिया गया। इससे हिन्दुओं के पर्व उत्साह के साथ नहीं मने। जबकि तीन मई को ईद के दिन बाजारों में खुले रूप से नमाज पढ़ने की छूट दी गई। सीएम गहलोत हिन्दूवादी संगठनों पर तो आरोप लगाते हैं, लेकिन ईद के दिन जोधपुर में जो कुछ भी हुआ उस पर एक शब्द भी नहीं बोलते। ईद के दिन जोधपुर में कोई शोभायात्रा नहीं निकली और न ही किसी ने नारे लगाए, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस को नमाज के बाद लाठीचार्ज करना पड़ा। जोधपुर में 3 मई को जिस तरह उपद्रव हुआ, उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की। विहिप और बजरंग दल की ओर से 16 मई को जिला कलेक्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिए गए। इन ज्ञापनों में कहा गया कि सरकार को तुष्टीकरण की नीति बंद करनी चाहिए। हिन्दू समुदाय के लोगों को भी अपने पर्व स्वतंत्रता के साथ मनाने की छूट मिलनी चाहिए।
जोधपुर में मंत्री का धरना:
सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में विहिप और बजरंग दल के धरने में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री व जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए। शेखावत कोई 20 मिनट तक धरना स्थल पर बैठे रहे। शेखावत ने कहा कि प्रदेश में इन दिनों जो साम्प्रदायिक हिंसा हो रही है उसके पीछे सीएम गहलोत के एक तरफा बयान है। सीएम हर बार हिन्दू समुदाय को कटघरे में खड़ा करते हैं। यदि करौली की हिंसा के आरोपियों पर सख्त कार्यवाही कर दी जाती तो 3 मई को जोधपुर में नमाज के बाद उपद्रव नहीं होता।
अजमेर में भी धरना:
विहिप और बजरंग दल की ओर से 16 मई को अजमेर के कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया। विहिप के नेता एडवोकेट शशि प्रकाश इंदोरिया ने बताया कि धरने में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में हो रहे साम्प्रदायिक तनाव के लिए मौजूदा कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। धरने में डॉ. अशोक मेघवाल, अलका गुर्जर, विनीता जैमन आदि को शामिल हुए, लेकिन अजमेर के सांसद और विधायक नदारद रहे। हालांकि विहिप की ओर से भाजपा के सांसद और सभी विधायकों को धरने में शामिल होने की विधिवत सूचना दी गई थी। विहिप के नेता एडवोकेट इंदोरिया ने कहा कि मुझे नहीं पता कि सांसद और विधायक धरने में शामिल क्यों नहीं हुए।
एंकर चोपड़ा थाने में उपस्थित:
न्यूज 18 चैनल के एंकर अमन चोपड़ा 16 मई को राजस्थान के डूंगरपुर स्थित बिछीबड़ा पुलिस स्टेशन पर उपस्थित हुए। यहां थानाधिकारी दिलीप दान ने चोपड़ा से गहन पूछताछ की। चोपड़ा पर साम्प्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप है। विगत दिनों हाईकोर्ट ने चोपड़ा की अग्रिम जमानत लेने के साथ साथ ही निर्देश दिए थे कि 16 मई को प्रातः 10 बजे संबंधित थाने में पूछताछ के लिए उपलब्ध हो। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ही चोपड़ा अपने वकीलों के साथ दिन भर थाने में रहे। यहां यह उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को अमन चोपड़ा ने अपने विशेष कार्यक्रम में राजस्थान के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने की तुलना दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने से की थी। जबकि राजगढ़ की घटना 17 अप्रैल की थी और जहांगीरपुरी में 20 अप्रैल को अतिक्रमण हटाए गए। लेकिन राजगढ़ का प्रकरण 22 अप्रैल को ही प्रकाश में आया था, इसलिए चोपड़ा ने जहांगीरपुरी का बदला राजगढ़ में लेने की बात अपने प्रसारण में कही।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-05-2022)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511