आखिर गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा को सफाई क्यों देनी पड़ी? क्या चोर की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत चरितार्थ हो रही है? राजनीति में मौके का फायदा उठाने के उस्ताद है रघु शर्मा। गुजरात में कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेलने का श्रेय भी रघु को ही जाएगा। 15 हजार कांग्रेसियों के साथ हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रहे और मौजूदा समय में गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने एक जून को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के बागी नेता हार्दिक पटेल के बयान पर अपनी सफाई दी। पटेल ने एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल पर कहा था कि रघु शर्मा जब गुजरात का प्रभारी बन कर आए थे, तब अहमदाबाद में मुलाकात के दौरान रघु ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत ने सब बेकार कर दिया है। इस बार 10 सीटें भी कांग्रेस को नहीं मिलेगी।  लेकिन वे चाहते हैं कि गुजरात में कांग्रेस को 70-75 सीटें मिल जाएं ताकि कांग्रेस आला कमान के सामने उनका (रघु) राजनीतिक कद अशोक गहलोत के बराबर हो जाए। मालूम हो कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत गुजरात के प्रभारी थे। तब कांग्रेस को 182 में से 77 सीटें मिली थी। हार्दिक पटेल ने ये बातें तब बताईं, जब वे कांग्रेस छोड़ चुके थे। इसलिए हार्दिक का बयान राजनीतिक दृष्टि से कोई मायने नहीं रखता है, लेकिन इसके बाद भी रघु शर्मा ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई दी। इसलिए चोरी की दाढ़ी में तिनका वाली कहावत के चरितार्थ होने की बात कहीं जा रही है। जो लोग रघु शर्मा की राजनीति को जानते हैं उन्हें पता है कि मौके का फायदा उठाने में रघु उस्ताद हैं। गहलोत के 2008 से 2013 के कार्यकाल में रघु को मुख्य सचेतक बनाया था। तब मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण रघु शर्मा अपने ही मुख्यमंत्री की आलोचना विधानसभा के अंदर और बाहर करते रहें। हार्दिक पटेल तो अब की बात कर रहे हैं, लेकिन 2008 से 2013 के बीच गहलोत के बारे में रघु की राय कैसी थी, यह केकड़ी से लेकर जयपुर तक कांग्रेसी जानते हैं। 2013 में केकड़ी से विधानसभा चुनाव हारने के बाद रघु का कांग्रेस की राजनीति में कोई प्रभाव नहीं था। जनवरी 2018 के अजमेर के लोकसभा उपचुनाव में पायलट ने मेहरबानी कर रघु को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया। तब रघु शर्मा, पायलट के घर के बाहर खड़े रहते थे। पायलट ने अजमेर के कोटड़ा क्षेत्र में दीपक हासानी के बंगले में अपना अस्थाई निवास बनाया था। तब रघु शर्मा किस तरह घर के बाहर खड़े होकर पायलट के निकलने का इंतजार करते थे, यह अजमेर के कांग्रेसी भी जानते हैं। पायलट ने तब कड़ी मेहनत कर रघु को सांसद बनवाया। सांसद रहते हुए रघु को आसानी से केकड़ी से कांग्रेस का टिकिट मिल गया। यदि पायलट उपचुनाव में रघु को सांसद नहीं बनाते तो रघु को केकड़ी से टिकट भी नहीं मिलता, लेकिन सब जानते हैं कि 2018 में स्वास्थ्य मंत्री बनने पर रघु शर्मा ने सबसे पहले सचिन पायलट का ही विरोध किया। पायलट को नीचा दिखाने के लिए गहलोत ने रघु का पूरा इस्तेमाल किया। यानी जिन पायलट ने रघु को राजनीति के कचरे के ढेर से निकाल कर सांसद बनवाया, उन्हीं पायलट को कमजोर करने का काम रघु ने किया। इससे रघु की मौका परस्ती को समझा जा सकता है। 2021 में सीएम गहलोत ने रघु से मंत्री पद लेकर गुजरात भिजवाया तो रघु के मन में गहलोत के कैसे विचार थे, यह हार्दिक पटेल ने उजागर कर दिए हैं। रघु जब प्रभारी बन कर गए, तब हार्दिक पटेल गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष थे। हार्दिक का कहना है कि कांग्रेस छोड़ने का एक कारण रघु शर्मा भी हैं। रघु के घमंड पूर्ण व्यवहार के गुजरात में अधिकांश कांग्रेसी नाराज हैं। यही वजह है कि गुजरात में कांग्रेस पिछड़ती जा रही है। हार्दिक पटेल जैसे दमदार पटेल नेता के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को भारी क्षति होगी। रघु शर्मा जो 70-75 सीटों का ख्वाब देख रहे हैं, उसके उलट राजनीति के जानकारों का मानना है कि पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली जाएगी। गुजरात में अब मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच होने जा रहा है। कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेलने में रघु शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हार्दिक पटेल के बयान पर रघु शर्मा कितनी भी सफाई दें, लेकिन सीएम अशोक गहलोत भी रघु शर्मा की फितरत से वाकिफ हैं। जानकारों की मानें तो रघु शर्मा के रवैए के बारे में कांग्रेस आलाकमान को भी पता चला गया है, इसलिए रघु को अभी तक राष्ट्रीय संगठन में कोई पद नहीं दिया है। जबकि अजय माकन को जब राजस्थान का प्रभारी बनाया था, तब थोड़े ही दिन बाद माकन को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया था। हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल:2 जून को गुजरात के गांधी नगर स्थित भाजपा के कार्यालय में हार्दिक पटेल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। हार्दिक ने दावा किया है कि उनके साथ गुजरात के 15 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा का समर्थन किया है। हार्दिक ने कहा कि अब वे पांच माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात में भाजपा का प्रचार प्रसार करेंगे और एक बार फिर गुजरात में भाजपा की सरकार बनवाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होने पर उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है। उल्लेखनीय है कि हार्दिक पटेल के नेतृत्व में ही गुजरात में पटेल समुदाय को आरक्षण देने के लिए बड़ा आंदोलन हुआ था। छोटी उम्र में ही प्रदेशभर में हार्दिक पटेल की जबरदस्त लोकप्रियता है। S.P.MITTAL BLOGGER (02-06-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...