पुष्कर के दो अधिकारियों को एपीओ करवाकर पूर्व विधायक नसीम अख्तर ने आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को राजनीतिक मात दी। पुष्कर के ईओ अभिषेक गहलोत की फाइल पर मंत्री शांति धारीवाल ने लिख दिया था- इसमें धर्मेन्द्र राठौड़ की सिफारिश है। फिल्म पृथ्वीराज चौहान को राजस्थान में कर मुक्त किया जाए-विधायक देवनानी।
राज्य सरकार ने अजमेर के पुष्कर नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी अभिषेक गहलोत और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र की अजमेर ग्रामीण की पंचायत समिति के विकास अधिकारी विक्रम सिंह चौहान को एपीओ कर दिया है। इन दोनों अधिकारियों को एपीओ करवाने में पुष्कर की पूर्व विधायक और सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नसीम अख्तर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन दोनों अधिकारियों को राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ का संरक्षण प्राप्त था। जानकार सूत्रों के अनुसार नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने तो अभिषेक गहलोत की फाइल पर लिख दिया था कि इसमें धर्मेन्द्र राठौड़ की सिफारिश है। धारीवाल ने ऐसा इसलिए लिखा ताकि अनजाने में भी गहलोत का तबादला न हो। लेकिन इसके बावजूद भी दोनों अधिकारियों को एपीओ कर दिया गया है। इसलिए यह माना जा रहा है कि नसीम अख्तर ने धर्मेन्द्र राठौड़ को राजनीतिक मात दे दी है। राठौड़ को यह मात तब मिली है, जब वे राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर निर्दलीय बसपा और अन्य दलों के विधायकों को कांग्रेस के पक्ष में एकजुट करने में लगे हुए हैं। असल में राठौड़ और अख्तर दोनों ही पुष्कर से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। पिछले कुछ माह से राठौड़ ने पुष्कर में अपनी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ा दी है। राठौड़ के भाई विष्णु सिंह राठौड़ भी पुष्कर के निकट नांद ग्राम पंचायत के सरपंच हैं। राठौड़ की गतिविधियों से भी नसीम अख्तर नाराज हैं। अख्तर के समर्थकों का कहना है कि वे तीन बार पुष्कर से चुनाव लड़ चुकी हैं। भले ही दो बार हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन पुष्कर में अख्तर की लोकप्रियता अभी भी बनी हुई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दो बार चुनाव हारने के बाद भी नसीम अख्तर और उनके पति इंसाफ अली पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। पुष्कर में ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तरीय गतिविधियों में भी श्रीमती अख्तर बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं। 2 जून को भी सीएमआर में विधायकों और पदाधिकारियों का जो लंच हुआ उसमें भी श्रीमती अख्तर उपस्थित रहीं। समर्थकों का कहना है कि श्रीमती अख्तर ने पुष्कर में जो कांग्रेस की जमीन तैयार की है उस पर किसी अन्य को खड़े होने का अधिकार नहीं है। धर्मेन्द्र राठौड़ भले ही सीएम अशोक गहलोत के पसंदीदा हों, लेकिन राठौड़ की भावनाओं के विपरीत पुष्कर के दो अधिकारियों को एपीओ कर दिया गया है। अख्तर के समर्थकों का आरोप है कि पुष्कर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए विजय सिंह चौहान सरपंचों को बाध्य करते थे कि वे पुष्कर आगमन पर धर्मेन्द्र राठौड़ का स्वागत सत्कार करें और भीड़ के लिए ग्रामीणों के बुलाए। राठौड़ की इन गतिविधियों से अख्तर को नुकसान हो रहा था। इसी प्रकार अभिषेक गहलोत अख्तर के समर्थक पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करने से बाज नहीं आ रहे थे। दोनों अधिकारियों के हट जाने से श्रीमती अख्तर और उनके पति इंसाफ अली को बड़ी राहत मिली है।
फिल्म कर मुक्त हो:
भारत के अंतिम हिन्दू सम्राट माने जाने वाले पृथ्वीराज चौहान पर बनी फिल्म 3 जून को देश भर के सिनेमा घरों में प्रदर्शित हो गई। चूंकि यह फिल्म पृथ्वीराज चौहान पर बनी है, इसलिए फिल्म को लेकर देशभर में उत्सुकता है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि इस फिल्म को कर मुक्त किया जाए ताकि फिल्म को अधिक से अधिक लोग देख सके। देवनानी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने फिल्म को कर मुक्त कर दिया है। ऐसे में राजस्थान सरकार को भी इस फिल्म को कर मुक्त किया जाना चाहिए। देवनानी ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान वही राजा हैं जिन्होंने आक्रमणकारी मुहम्मद गौरी को युद्ध में 17 बार पराजित किया। इस फिल्म के माध्यम से युवा पीढ़ी को देशभक्ति और वीरता की प्रेरणा भी मिलेगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-06-2022)
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