#9001 नाराज विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटाया। लेकिन फिर भी निर्दलीय सुभाष चन्द्रा को जीत की उम्मीद । राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर घमासान। निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने सबसे पहले सरकार के प्रति वफादारी दिखाई।

बसपा से कांग्रेस में शामिल और कांग्रेस के ही जो विधायक कल नाराज थे,उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटा लिया। राजेन्द्र गुना, वाजिब अली, संदीप यादव, लखन सिंह, खिलाड़ी लाल बैरवा ( बसपा ) तथा कांग्रेस के गिरिराज मलिंगा ने रुबरु बात करने के उदयपुर में हो रही विधेयकों की वाडाबंदी में शामिल होने की सहमति दे दी है। इन विधेयकों का कहना है कि सी एम गहलोत ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं। अब हम 10 जून को राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मतदान करेंगे। कांग्रेस के प्रबंधकों का दावा है कि बीटपी और कम्युनिस्ट पारोटी के चारों विधायक भी उनके कब्जे में हैं । ऐसे में कांग्रेस के पास 125 विधायकों का जुगाड हो गया है, जबकि कांग्रेस को वोट अपने तीनों उम्मीदवारों को जीताने के लिए 123 वोट चाहिए । कांग्रेस के इतने मजबूत दावे के बाद भी भाजपा के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चन्द्रा को अपनी जीत की उम्मीद है । चन्द्रा के प्रबंधकों का दावा है कि निर्दलीय और बसपा वाले विधायक भले ही कांग्रेस की वाडाबंदी में हों, लेकिन वोट सुभाष चन्द्रा को ही मिलेंगे । कांग्रेस को 21 वोटों का जुगाड करना है, जबकि चन्द्रा को 11 वोटों का ही जुगाड करना है। चन्द्रा को जीत के लिए 41 वोट चाहिए। चन्द्रा के पास भाजपा के 30 सरप्लस वोट पहले से ही हैं। सांसद हनुमान बेनीवाल की आर एल पी के तीन विधायक भी चन्द्रा के साथ है। बसपा वाले विधायकों और निर्दलीय विधायकों के कुछ वोट भी चन्द्रा को मिलने की उम्मीद है। चन्द्रा ने 2016 में हरियाणा से राज्यसभा का चुनाव लडा था, तब कांग्रेस के 14 विधायकों के वोट निरस्त हो गए थे। इससे चन्द्रा जीत आसान हो गई। इस बार राजस्थान में ऐसा खेल हो सकता है। चन्द्रा की जीत के लिए भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे भी प्रयास कर रहीं हैं । जानकार सूत्रों के अनुसार राजे की सिफारिश पर ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने चन्द्रा समर्थन देने का निर्णय लिया है। भाजपा संगठन भी चन्द्रा को जीताने की कोशिश कर रहा है। इसी सिलसिले में 4 जून को केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने जयपुर की यात्रा की। विधायक टाक ने दिखाई वफादारी##################राजस्थान में सबसे पहले किशनगढ के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने गहलोत सरकार के प्रति वफादारी दिखाई । टाक कांग्रेस की वाडाबंदी में पहुचने वाले प्रथम विधायक थे। हालांकि वाडाबंदी में जाने से पहले टाक की मुलाकात भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया से भी हुई। लेकिन टाक का कहना है कि किशनगढ के विकास के लिए वे गहलोत सरकार के साथ हैं। किशनगढ की जनता ने विकास के लिए ही उन्हें विधायक बनवाया। किशनगढ के विकास के लिए उन्होंने जो भी प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे, वो सभी मंजूर हुए। शेष डेढ साल में भी किशनगढ का विकास करवाना है, इसलिए वे सरकार के साथ हैं।S.P.MITTAL BLOGGER (04-06-2022)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...