कचरा संग्रहण शुल्क पर अजमेर के व्यापारियों का एतराज। घरेलू उपभोक्ताओं से शुल्क नहीं लिया जाए-विधायक देवनानी। पर्यावरण बचाने की जरूरत है-विधायक भदेल। घर घर से संग्रहण शुल्क जायज-भाजपा अध्यक्ष डॉ. हाड़ा। सरकार पुनर्विचार करे-कांग्रेस अध्यक्ष-विजय जैन।

घर-घर से कचरा एकत्रित करे के कार्य पर अब राजस्थान सरकार ने जो शुल्क लगाया है उसका अजमेर के व्यापारी विरोध कर रहे हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल का भी ध्यान आकर्षित किया गया है। अजमेर शहर व्यापारिक महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता और संरक्षक भगवान चंदीराम ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में छोटे दुकानदार से भी प्रतिमाह 250 रुपए शुल्क का प्रावधान किया गया है। सरकार ने बड़े शो रूम और चाय पान की दुकान के मालिक को बराबर रखा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सफाई की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों की है, इसलिए कचरा संग्रहण पर कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। आखिर सरकार के भी सामाजिक सरोकार है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का दृष्टिकोण सिर्फ व्यवसायिक है। सरकार व्यापारिक वर्ग से पहले ही अनेक प्रकार के टैक्स वसूलती है। सरकार को यदि संग्रहण शुल्क लेना ही है तो व्यापारिक प्रतिष्ठानों का वर्गीकरण किया जाना चाहिए। चाय पान की दुकान वाला छोटा व्यापारी कचरा संग्रहण के लिए प्रतिमाह 250 रुपए नहीं दे सकता है। 
घरेलू उपभोक्ता से वसूली न हो:
अजमेर उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं से भी 80 रुपए प्रतिमाह शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। देवनानी ने कहा कि घर घर कचरा संग्रहण से अब गली मोहल्ले साफ सुथरे नजर आते हैं। बाजारों में कचरे के ढेर नजर नहीं आते हैं। यह व्यवस्था अच्छी है, लेकिन घरेलु उपभोक्ताओं से शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। व्यापारिक प्रतिष्ठानों से शुल्क की वसूली को जायज ठहराते हुए देवनानी ने कहा कि प्रतिष्ठानों का वर्गीकरण कर छोटे दुकानदारों को राहत देनी चाहिए।
 
पर्यावरण बचना जरूरी:
अजमेर दक्षिण क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि पर्यावरण को बचने के लिए कुछ कीमत तो अदा करने की पड़ेगी। उन्होंने कहा कि घर घर से कचरा एकत्रित करने के कार्य से शहरभर में गंदगी पर अंकुश लगा है। अब प्लास्टिक की थैलियां भी इधर उधर बिखरी नजर नहीं आती है। घर की महिलाओं ने भी कचरे को एकत्रित करने की आदत बना ली है। जब नगर निगम का वाहन आता है तो परिवार के सदस्य इसी वाहन में कचरे की थैली डालते हैं। भदेल ने कहा कि पर्यावरण तेजी से दूषित हो रहा है। ऑक्सीजन की कमी से लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण को बिगाड़ने में कचरे की भी भूमिका है। अब यदि कचरा घर घर से एकत्रित कर निर्धारित स्थान पर डाला जा रहा है तो इसकी कीमत भी देनी पड़ेगी। भदेल ने कहा कि कचरा संग्रहण के लिए शुल्क लिया जाना उचित है। व्यापारियों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
 
जायज है वसूली:
शहर भाजपा के अध्यक्ष डॉ. प्रियशील हाड़ा ने कहा कि सरकार ने कचरा संग्रहण के लिए जो शुल्क निर्धारित किया है वह जायज है। इससे शहर भर में स्वच्छता रहेगी। डॉ. हाड़ा ने कहा कि अजमेर एक अंतर्राष्ट्रीय शहर है। अजमेर के महत्व को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है। स्मार्ट सिटी के प्रावधानों में कचरा संग्रहण भी शामिल है। यदि शहर स्वच्छ रहेगा तो बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी अच्छा लगेगा। नगर निगम जो संग्रहण शुल्क ले रहा है उसमें व्यापारियों को सहयोग करना चाहिए। प्रत्येक घर से 80 रुपए के शुल्क की राशि ज्यादा नहीं है।
 
सरकार पुनर्विचार करे:

भाजपा के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों की राय के विपरीत सत्तारूढ़ कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष विजय जैन ने कचरा संग्रहण शुल्क पर राज्य सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। जैन का कहना है कि सफाई कार्य सरकार का सामाजिक दायित्व है। ऐसे में कचरा संग्रहण के नाम पर कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। जैन ने कहा कि प्रत्येक घर से 80 रुपए प्रतिमाह शुल्क की वसूली का असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। जैन ने इस बात को माना कि उपभोक्ताओं से पहले ही कई प्रकार के टैक्स वसूले जा रहे हैं।



S.P.MITTAL BLOGGER (12-06-2022)

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