जुलाई 2020 में सचिन पायलट भाजपा से मिले हुए थे यह बात अब केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वीकार कर ली है। ईआरसीपी पर 13 जिलों की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी-सीएम अशोक गहलोत। डॉक्टरों के तबादलों को लेकर कांग्रेस विधायक अमीन कागजी का स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के बंगले पर धरना।
राजस्थान में जुलाई 2020 में कांग्रेस में जो राजनीतिक संकट आया था उसमें अब एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। 25 जून को सीकर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि सचिन पायलट भाजपा से मिले हुए थे, यह बात खुद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वीकार कर ली है। शेखावत ने हाल ही में कहा है कि यदि सचिन पायलट अपने प्रयासों में सफल हो जाते तो अब तक ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को मंजूरी मिल जाती। गहलोत ने कहा कि जुलाई 2020 में मेरी सरकार गिराने की साजिश में शेखावत शामिल थे। इसलिए उनके विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज है। लेकिन शेखावत अपनी आवाज का सैम्पल नहीं दे रहे हैं। यदि शेखावत आवाज का सैम्पल दे तो उस ओडियो से मिलान किया जाए जिसमें सरकार गिराने की साजिश हो रही है। अब जांच एजेंसियों ने नोटिस तामिल करवाया है। उम्मीद है कि अब शेखावत की आवाज का सैम्पल लिया जा सकेगा। जहां तक ईआरसीपी का सवाल है तो राज्य सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना बनाने के लिए केंद्र को जो प्रस्ताव भेजा है उसमें कोई संशोधन नहीं किया जाएगा। यदि प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी नहीं मिलती है तो अगले चुनाव में प्रदेश के 13 जिलों की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। गहलोत ने कहा कि शेखावत राजस्थान के सांसद हैं, इसलिए ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना बनाने की जिम्मेदारी उन्हीं की है। उन्होंने कहा कि यह योजना लाखों नागरिकों की प्यास बुझाएगी, इसलिए इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी का प्रस्ताव भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है। मैंने तो इसे आगे बढ़ाया है। गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने ईआरसीपी के लिए 9 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, लेकिन यदि इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट मान लिया जाए तो लोगों को जल्द पेयजल उपलब्ध हो सकता है। सीएम गहलोत ने 25 जून को ईआरसीपी के मुद्दे पर जिस प्रकार सचिन पायलट और गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम का उल्लेख किया, उससे जाहिर है कि जुलाई 2020 में हुआ राजनीतिक संकट एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट जुलाई 2020 में जब कांग्रेस के 18 विधायकों के साथ एक माह के लिए दिल्ली चले गए थे, तब सीएम गहलोत ने आरोप लगाया था कि मेरी सरकार गिराने की साजिश में भाजपा का हाथ है। तब गहलोत ने कांग्रेस विधायकों के 35-35 करोड़ रुपए में बिकने के आरोप भी लगाए। हाल ही में गहलोत ने अपने बयान में कहा कि राजस्थान में बागी विधायकों को 10-10 करोड़ रुपए तो बट भी गए थे।
कागजी का मीणा के आवास पर धरना:
25 जून को जयपुर के किशनपोल क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा के गांधी नगर स्थित सरकार आवास पर धरना प्रदर्शन किया। विधायक कागजी ने आरोप लगाया कि मंत्री मीणा ने उनकी सिफारिश के बगैर ही उनके क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों का तबादला कर दिया। कागजी ने जानना चाहा कि क्या किशनपोल क्षेत्र में मरीज नहीं है। कागजी ने कहा कि कई अस्पताल डॉक्टर विहीन हो गए हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री मीणा ने कागजी के आरोपों को तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुरूप ही डॉक्टरों के तबादले किए गए हैं। मीणा ने कहा कि वे ऐसे धरना प्रदर्शनों से दबाव में आने वाले नहीं है।
S.P.MITTAL BLOGGER (25-06-2022)
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