नेशनल हेराल्ड दफ्तर को सील करने का गुस्सा राहुल गांधी ने संघ को देशद्रोही संगठन बता कर निकाला। आयकर रिटर्न और चुनाव के शपथ पत्र में नेशनल हेराल्ड की संपत्ति का मालिक होने का उल्लेख राहुल गांधी ने क्यों नहीं किया? हम पीएम मोदी से नहीं डरते-राहुल गांधी।
दिल्ली में नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सील किए जाने को लेकर कांग्रेस बेहद गुस्से में है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देशद्रोही संगठन तक कह दिया। दफ्तर नेशनल हेराल्ड का सील हुआ है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो देश में अद्योषित आपातकाल होने की बात कर रहे हैं। सवाल उठता है कि हेराल्ड दफ्तर को सील किए जाने पर कांग्रेस इतना आग बबूला क्यों हैं? असल में नेशनल हेराल्ड की 2 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक राहुल गांधी और उनकी माताजी सोनिया गांधी हैं। जब संपत्ति का हस्तांतरण हुआ, तब अनेक वित्तीय अनियमितताएं हुई। तब देश में डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार चल रही थी। तब कांग्रेस के नेताओं खासकर गांधी परिवार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन पोल खुल जाएगी। यही वजह रही कि राहुल गांधी ने अपने आयकर रिटर्न और लोकसभा चुनावों के शपथ पत्रों में भी नेशनल हेराल्ड का मालिक होने का उल्लेख नहीं किया। असल में गांधी परिवार यह बात छुपाए रखना चाहता था कि यह दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक हो गया है। पिछले दिनों ईडी की पूछताछ में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मालिकाना हक के हस्तांतरण की सारी जिम्मेदारी कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल बोहरा पर डाल दी। पूछताछ को आगे बढ़ाने के लिए ईडी को नेशनल हेराल्ड अखबार के परिसर में चल रहे यंग इंडियन दफ्तर की तलाशी लेनी थी। इसके लिए यंग इंडियन के निदेशक और राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े को नोटिस भी जारी किया गया। लेकिन खडग़े नहीं आए। इसलिए मजबूरी में ईडी को दफ्तर सील करना पड़ा। राहुल गांधी संघ को देशद्रोही संगठन बताने के बजाए यह बताएं कि दफ्तर की तलाशी के लिए मल्लिकार्जुन खडग़े को क्यों नहीं भेजा? यदि खडग़े को भेज कर दफ्तर की तलाशी करवा दी जाती तो ईडी को सील करने की जरुरत ही नहीं होती। आखिर गांधी परिवार नेशनल हेराल्ड दफ्तर की तलाशी से क्यों घबरा रहा है? खडग़े लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे, लेकिन गत लोकसभा का चुनाव खडग़े हार गए। लेकिन गांधी परिवार ने खडग़े को राज्यसभा का सदस्य बनवा कर राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुनवा दिया ताकि दिल्ली में खडग़े का केबिनेट मंत्री वाला दर्जा बना रहे। ऐसा इसीलिए किया गया कि खडगे भी यंग इंडियन में निदेशक हैं। यदि मल्लिकार्जुन खडग़े नाराज होते हैं तो गांधी परिवार की पोल खुल सकती है। खडग़े को राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल का नेता बनाने के लिए गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा का सदस्य तक नहीं बनवाया गया। खडग़े से पहले आजाद ही राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे। गांधी परिवार से खडग़े जैसा लाभ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उठा रहे हैं। परसराम मदेरणा, सीपी जोशी और 2018 में सचिन पायलट का हक मार कर गांधी परिवार ने गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनवाया। यही वजह है कि नेशनल हेराल्ड के दफ्तर को सील करने पर गहलोत को देश में अद्योषित आपातकाल नजर आता है। जबकि 1975 में पूरा देश उस आपातकाल को देख चुका है जो तत्कालीन कांग्रेस सरकार की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने लगाया था, तब विपक्षी राजनीतिक दलों से लेकर जन आंदोलन से जुड़े नेताओं तक को जेल में डाल दिया गया। इतना ही नहीं मीडिया पर सेंसरशिप लागू कर दी गई। जो भी व्यक्ति कांग्रेस और सरकार की आलोचना करता, उसे भी जेल में डाला जाता रहा। गहलोत बताएं कि कांग्रेस के किस नेता को बेवजह जेल में डाला गया है तथा किस मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के नेता खुले आम केंद्र की मोदी सरकार और सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना कर रहे हैं। यहां तक कि राष्ट्रवादी संगठन संघ को देशद्रोही तक कहा जा रहा है। देश में लगातार बढ़ रही आतंकी और देशद्रोही वारदातों पर कांग्रेस चिंतित नहीं है, लेकिन गांधी परिवार की पोल खुलने पर हंगामा किया जा रहा है। यदि ईडी के अधिकारी कुछ गलत कर रहे हैं तो गांधी परिवार को न्यायालय की शरण लेनी चाहिए।
हम डरते नहीं है:
नेशनल हेराल्ड की दो हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के हस्तांतरण पर तो राहुल गांधी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन हेराल्ड के दफ्तर को सील किए जाने पर राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह कुछ भी कर लें, लेकिन हम डरने वाले नहीं है। मैं लोकतंत्र और देश को बचाने का काम करता रहंूगा। राहुल ने कहा कि हम भागने वाले नहीं है। मोदी सरकार की ज्यादतियों का डटकर मुकाबला करते रहेंगे। संसद में सांसदों के धरने में भी राहुल गांधी शामिल हुए और उन्होंने संकेत दिए कि अब मोदी सरकार के विरुद्ध देशभर में आंदोलन चलाया जाएगा। कांग्रेस ने पहले ही 5 अगस्त को आंदोलन करने की घोषणा कर रखी है।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-08-2022)
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