1972 में 34 लीटर दूध संकलन से हुई थी, अजमेर डेयरी की शुरुआत। आज 5 लाख लीटर तक संकलन हो रहा है। 1990 में रामचंद्र चौधरी डेयरी के अध्यक्ष बने थे, तब ढाई करोड़ का कारोबार था, आज 915 करोड़ रुपए सालाना का है। गौमाता को लम्बी स्किन डिजीज से बचाने के लिए एक लाख वैक्सीन बांटी। सीएम गहलोत ने भी की तारीफ।

सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली अजमेर दुग्ध डेयरी आज देश की चुनिंदा डेयरियों में से एक है। अजमेर डेयरी की शुरुआत 1972 में 34 लीटर दूध संकलन से हुई थी। लेकिन आज प्रति दिन 5 लाख लीटर तक दूध का संकलन हो रहा है। वैसे डेयरी की क्षमता प्रतिदिन 8 लाख लीटर दूध के प्रोसेसिंग की है। अजमेर डेयरी अपना 50वां स्थापना दिवस 17 अगस्त को मना रही है। इसी अवसर पर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि हाल ही में डेयरी में 300 करोड़ रुपए की लागत से जो नया प्लांट लगा है उसमें व्हाइट बटर तक तैयार होता है। 1972 में शुरुआत के समय भले ही प्रतिदिन 34 लीटर दूध का संकलन होता हो, लेकिन आज अजमेर डेयरी अन्य डेयरियों के दूध का पाउडर भी बना रही है। यानी न केवल अजमेर जिले के दूध की प्रोसेसिंग हो रही है बल्कि अन्य डेयरियों के दूध की भी प्रोसेसिंग भी हो रही है। अजमेर डेयरी देश की उन चुनिंदा डेयरियों में से एक है, जिसके दूध संकलन केंद्र कम्प्यूटराइज्ड हैं। इतना ही नहीं सभी केंद्र कोल्ड स्टोरेज चैन से जुड़े हुए हैं। दूध की शुद्धता भी कंप्यूटर पर ही मापी जाती है। जो पशु पालक डेयरी के संकलन केंद्रों पर दूध जमा करवाते हैं, उन्हें डेयरी की ओर से सामाजिक सुरक्षा की अनेक सुविधाएं दी गई है। इन दिनों राजस्थान में पशुओं पर लम्पी स्किन डिजीज की मार है। अजमेर डेयरी ने मुख्यमंत्री सहायता कोष में 16 लाख रुपए जमा करवाकर जिले के पशुओं को वैक्सीन उपलब्ध करवाई है। अब तक वैक्सीन के एक लाख डोज पशुपालन विभाग को दिए जा चुके हैं। चौधरी ने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर वैक्सीन लगाई जा रही है। कोई भी पशुपालक पंचायत समिति में संपर्क कर रोगग्रस्त पशुओं के वैक्सीन लगवा सकता है। जिले में 75 पशु चिकित्सक और 270 पशुधन सहायक हैं। इनकी 16 टीमें बनाई गई है, जो गांव गांव जाकर वैक्सीन लगा रही हैं। अजमेर डेयरी ने पशुओं के लिए वैक्सीन उपलब्ध करवाने की जो पहल की है उसकी प्रशंसा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी की है। हाल ही में लम्पी स्किन डिजीज की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने वैक्सीन उपलब्ध करवाने की पहल की है उसी प्रकार प्रदेश की अन्य डेयरियों को भी करनी चाहिए। चौधरी ने बताया कि गुजरात की कंपनी से वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री संजीव बालियान से भी संपर्क किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने भी डेयरी को पूरा सहयोग किया। 
आज 915 करोड़ का कारोबार:
डेयरी के 50वें स्थापना दिवस पर चौधरी ने बताया कि उन्होंने 1990 में जब अध्यक्ष का पद संभाला था, तब डेयरी का कारोबार सालाना ढाई करोड़ रुपए का था, लेकिन आज डेयरी का कारोबार 915 करोड़ रुपए का हो गया है। चौधरी ने कहा कि इस उपलब्धि के पीछे अजमेर जिले के पशुपालकों की मेहनत रही है। जिले के अधिकांश पशुपालक अपने पशुओं का दूध डेयरी के संग्रहण केंद्रों पर ही जमा करवाते हैं। अजमेर डेयरी भी पशुपालकों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। जिले के पशुपालकों को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जाती है। पशुपालकों को नई नई तकनीक से अवगत कराया जाता है। गर्मी के दिनों में पशु पालकों को रियायती दरों पर चारा और पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाए जाते हैं। पशु पालकों को दूध का भुगतान भी नियमित किया जाता है। डेयरी प्रबंधन ने उपभोक्ताओं और पशुपालकों के बीच भी तालमेल बना रखा है। एक ओर जहां अधिकतम खरीद मूल्य का भुगतान किया जाता है, वहीं उपभोक्ताओं को बेचे जाने वाले दूध के मूल्य पर नियंत्रण रखा जाता है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि अजमेर डेयरी के दूध की शुद्धता की सौ प्रतिशत गारंटी है। मौजूदा समय में अजमेर डेयरी दूध के साथ साथ व्हाइट बटर, मक्खन, दही, छाछ, घी, पनीर, लस्सी, आईक्रीम आदि उत्पादक भी उपलब्ध करवा रही है। चौधरी ने पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का दूध डेयरी के केंद्रों पर ही जमा करवाए। अजमेर डेयरी की इन उपलब्धियों के लिए मोबाइल नंबर 9414004111 पर अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी को बधाई दी जा सकती है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-08-2022)
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