तो क्या महंगाई पर कांग्रेस की बैठक जयपुर के प्रेम प्रकाश आश्रम में होती? क्या आश्रम में इंदिरा रसोई से 8 रुपए वाली भोजन की थाली मंगाई जाती? राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं तो कई नेता घर बैठ जाएंगे। सीएम अशोक गहलोत का यह कथन 100 प्रतिशत सही है। मेरा नाम मीडिया वाले चला रहे हैं-गहलोत।
आगामी 4 सितंबर को दिल्ली में महंगाई के विरोध में होने वाली कांग्रेस की रैली की तैयारियों को लेकर 22 अगस्त को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित करीब 500 कांग्रेसियों ने भाग लिया। यह बैठक जयपुर के सबसे महंगे सेवन स्टार होटल क्लार्क्स आमेर में हुई। इस होटल में एक कप कॉफी की कीमत तीन सौ रुपए है। इसी प्रकार भोजन की एक प्लेट की एक हजार रुपए से भी ज्यादा में मिलती है। कांग्रेस की बैठक इतने महंगे होटल में होने पर कई लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक और महंगाई का विरोध कर रही है तथा दूसरी ओर खुद इतनी महंगी होटल में बैठक कर रही है। ऐसे में महंगाई का विरोध कैसे होगा। ऐसे विरोध के मद्देनजर ही सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस की बैठक जयपुर के प्रेम प्रकाश आश्रम में की जाए? क्या आश्रम में इंदिरा रसोई से 8 रुपए वाली भोजन की थाली मंगवा कर कांग्रेसियों को खिलाई जाए? राजनीति करने वाले सभी दल अपनी बैठक महंगे होटल में ही करते हैं और जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधी वादी पहचान वाले हो तब कांग्रेस की बैठक प्रेम प्रकाश आश्रम में करने की उम्मीद बेमानी है। महात्मा गांधी तो स्वयं उद्योगपति बिड़ला परिवार मेहमान रहे। ऐसे में उनके अनुयायी अशोक गहलोत ने होटल क्लार्क्स में कांग्रेस की बैठक कर कौन सा गुनाह कर लिया? आखिर गहलोत मौजूदा समय में राजस्थान जैसे समृद्ध राज्य के मुख्यमंत्री हैं। क्या एक मुख्यमंत्री के लिए यह शोभा देता है कि वे दान दक्षिणा से चलने वाले प्रेम प्रकाश आश्रम में बैठक करे और गहलोत ने तो 35 दिनों तक सौ विधायकों को जयपुर और जैसलमेर की महंगी होटलों में रखने का अनुभव भी प्राप्त कर रखा है। भले ही महंगाई के विरोध में रैली की जा रही है, लेकिन कांग्रेसी तो गरीब नहीं है।जब राज्य में कांग्रेस की सरकार हो तो फिर बैठक प्रेम प्रकाश आश्रम जैसे स्थलों पर क्यों होगी? होटल क्लार्क्स का प्रबंधन भले ही आम आदमी से लंच के एक हजार और कॉफी के 300 रुपए वसूलता हो लेकिन इतने पैसे सत्तारूढ़ दल के नेताओं से नहीं लिए जा सकते हैं। आखिर मालिकों को जयपुर में अपना होटल भी चलाना है।
गहलोत सौ प्रतिशत सही:
महंगाई के विरोध में हुई बैठक में ही सीएम गहलोत ने कहा कि यदि राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनते हैं कई नेता घर बैठ जाएंगे। गहलोत ने भले ही यह बात अपने प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के संदर्भ में कही हो, लेकिन गहलोत का यह कथन सौ प्रतिशत सही है। राहुल गांधी के अध्यक्ष नहीं बनने का मतलब है, गांधी परिवार का कमजोर होना। यह बात अशोक गहलोत भी अच्छी तरह जानते हैं कि गांधी परिवार कमजोर होगा तो कांग्रेस में किसी नेता को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। खुद गहलोत भी गांधी परिवार के कारण ही तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। यदि गांधी परिवार की मेहरबानी नहीं होती तो 2008 में सीपी जोशी, 2018 में सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री होते।
मीडिया वाले चला रहे हैं नाम:
23 अगस्त को सीएम गहलोत ने दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद मीडिया को बताया कि मुलाकात में कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर भी विचार विमर्श हुआ। गहलोत ने कहा कि मैंने सोनिया जी से आग्रह किया है कि वे राहुल गांधी को अध्यक्ष बनने के लिए तैयार करें। गहलोत ने कहा कि उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए मीडिया वाले चला रहे हैं। कांग्रेस का अध्यक्ष बनने में मेरी कोई रुचि नहीं है।
S.P.MITTAL BLOGGER (23-08-2022)
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