अजमेर में डाकघर में खाते खोलने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बुजुर्ग नागरिकों को परेशानी किया जा रहा है। मुख्य डाकघर में बदइंजामी। उपडाकघरों में बाबू ही एजेंट की भूमिका में।

डाकघर में बचत और एफडी खाता खोलने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अजमेर में बुजुर्ग नागरिकों तक को परेशान किया जा रहा है। जिन बुजुर्ग नागरिकों को एफडी की मियाद पूरी हो गई है और अब वे अपनी राशि वापस चाहते हैं तो अजमेर मुख्य डाकघर के कार्मिक आनाकानी कर रहे हैं। कार्मिकों का कहना है कि डाकघर का खाता तभी बंद किया जाए, जब किसी अन्य व्यक्ति से नया खाता खुलवाया जाएगा। बुजुर्गों के सामने यह परेशानी है कि वह किस व्यक्ति का खाता डाकघर में खुलवाए? बताया जा रहा है कि अजमेर डाकघर को खाते खोलने का जो लक्ष्य दिया गया था, वह करीब ढाई हजार खातों से पिछड़ा हुआ है। ऐसे में डाकघर के कार्मिक पुराने खातों को भी बंद नहीं कर रहे हैं। इस संबंध में बुजुर्ग नागरिकों ने डाकघर के अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन कोई राहत नहीं मिल पा रही है। अपनी जमा राशि लेने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को भी डाकघर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मुख्य डाकघर में बदइंजामी का माहौल भी है। आए दिन सर्वर डाउन रहने से उपभोक्ताओं का काम नहीं हो पाता है। इससे भी लोगों को बार बार डाकघर आना पड़ता है। मुख्य डाकघर में सेविंग अकाउंट का सिर्फ एक काउंटर होने की वजह से उपभोक्ताओं को लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। जो काउंटर बनाने की मांग लगातार की जा रही है, लेकिन डाकघर के अधिकारी कोई ध्यान नहीं देते हैं। एक ओर मुख्य डाकघर में बदइंजामी का माहौल है तो दूसरी तरफ उपडाकघरों के हाल भी बिगड़े हुए हैं। जानकारों के अनुसार अनेक उपडाकघरों के संबंधित कार्मिक ने अपने पसंदीदा एजेंट से सांठगांठ कर रखी है। ऐसे में एजेंट के खातों और ग्राहकों का तो ख्याल रखा जाता है, लेकिन आम उपभोक्ता की परवाह नहीं की जाती। जो ग्राहक एजेंट के माध्यम से आता है उसकी पासबुक आदि में एंट्री की जाती है, लेकिन यदि कोई उपभोक्ता पासबुक में एंट्री या राशि जमा कराने के आता है तो उसे लंबा इंतजार करना होता है। आरोप है कि ऐसे कार्मिक संबंधित एजेंट से अपना मेहनताना लेते हैं। उपडाकघरों में सर्वर के साथ साथ कम्प्यूटर खराब होने की भी आम शिकायतें हैं। ऐसे में स्पीड पोस्ट जैसे साधारण काम भी नहीं होते हैं। अजमेर में उत्तर क्षेत्र का पोस्ट मास्टर जनरल का कार्यालय है, उसके बाद भी डाकघरों के हालात बिगड़े हुए हैं। जब पीएमजी के होते हुए अजमेर के हालात ऐसे हैं तो अन्य जिलों के डाकघरों के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (02-09-2022)
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