समाजसेवी कालीचरण खंडेलवाल ने वृद्धा आश्रम की परिभाषा ही बदल दी। अजमेर के कोटड़ा स्थित वृद्धा आश्रम में अब युवाओं को कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर, सिलाई आदि का प्रशिक्षण भी नि:शुल्क दिया जाएगा। मेयो कॉलेज के विद्यार्थियों ने आश्रम के बुजुर्गों के साथ आधा दिन बिताया।
अजमेर के कोटड़ा स्थित दाहरसेन स्मारक के निकट बुजुर्गों के लिए एक आश्रम पिछले कई वर्षों से चलाया जा रहा है। इस आश्रम का संचालन जय अम्बे सेवा समिति के माध्यम से होता है। लेकिन अब समिति के अध्यक्ष और प्रमुख समाजसेवी कालीचरण खंडेलवाल ने इस वृद्धा आश्रम की परिभाषा ही बदल दी है। खंडेलवाल का मानना है कि इस आश्रम भवन में पर्याप्त स्थान है, यहां बड़ी संख्या में बुजुर्गों को सुविधा पूर्वक तरीके से रखा जाता है। भवन का बहुउद्देशीय उपयोग हो, इसको ध्यान में रखते हुए अब कम्प्यूटर, ब्यूटी पार्लर और सिलाई मशीन के प्रशिक्षण भी संचालित किए जा रहे हैं। 16 अक्टूबर को कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ खंडेलवाल ने मेरे हाथों से करवाया। खंडेलवाल ने बताया कि प्रशिक्षित होने वाले युवाओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। कम्प्यूटर की जो बेसिक जानकारी दी जाएगी इसके माध्यम से कोई भी युवा रोजगार प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि देश में जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद छोटे छोटे दुकानदारों को भी अपनी दुकान पर कम्प्यूटर रखना पड़ रहा है। अब कंप्यूटर के माध्यम से बिलिंग होती है। यदि किसी युवक को कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज है तो वह किसी भी दुकान पर बिलिंग का कार्य आसानी से कर सकता है। यानी ऐसे युवा को बीस हजार रुपए तक का मासिक वेतन मिल सकता है। इसी प्रकार महिलाएं जब अपने घर पर बैठ कर सिलाई का काम करेंगे तो उन्हें अतिरिक्त आमदनी भी होगी। आजकल सभी परिवारों में महिलाएं अपने कपड़ों को बाहर ही सिलवाती हैं। ब्यूटीपार्लर का चलन भी बहुत बढ़ गया है। ऐसे में युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिलेगा। खंडेलवाल ने बताया कि इस आश्रम को बहुउद्देशीय बनाने में उनके परिवार के शिवचरण दास खंडेलवाल चैरिटेबल मेमोरियल ट्रस्ट की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। आश्रम की ओर से 70 से भी ज्यादा परिवारों को प्रतिमाह राशन सामग्री दी जाती है। इसी प्रकार जरूरतमंद व्यक्तियों की आर्थिक मदद भी की जाती है। आश्रम के आसपास कच्ची बस्तियों में रहने वाले बच्चों को आश्रम में बुलाकर प्राथमिक शिक्षा दी जा रही है। प्राथमिक शिक्षा लेने वाले बच्चों को यूनिफॉर्म भी उपलब्ध करवाई जाती है। इसी प्रकार नाश्ता भी नि:शुल्क दिया जाता है। बुजुर्गों के लिए स्वादिष्ट व्यंजन रोजाना बनाए जाते है। यही वजह है कि मध्यम वर्गीय परिवारों के बुजुर्ग भी मान सम्मान के साथ आश्रम में रह रहे हैं। खंडेलवाल ने बताया कि जय अंबे सेवा समिति को पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती का सक्रिय सहयोग हमेशा मिलता रहा है। 16 अक्टूबर को हुए समारोह में भी डॉ. बाहेती उपस्थित रहे। इसके अलावा घनश्याम दास काबरा, सुरेंद्र सिंह चुंडावत, संदीप धाबाई, जगदीश नंदन शर्मा, रमेश हेड़ा, भगवती बारहठ आदि का भी सक्रिय सहयोग है। 16 अक्टूबर को हुए समारोह में समाजसेवी अतुल पाटनी ने बुजुर्गों को फल वितरित किए। इस अवसर पर सुरेश सोनी भी उपस्थित रहे। इस बहुउद्देशीय आश्रम की गतिविधियों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414003357 पर कालीचरण खंडेलवाल से ली जा सकती है।
बुजुर्गों के साथ रहे विद्यार्थी:
अजमेर स्थित देश के सुप्रसिद्ध शिक्षण संस्था मेयो कॉलेज के अनेक विद्यार्थियों ने 16 अक्टूबर को वृद्धा आश्रम में आकर बुजुर्गों के साथ आधा दिन बिताया। विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए माना कि बुजुर्गों का अपने ही परिवार में निवास होना चाहिए। हालांकि इस आश्रम में बुजुर्गों को सभी सुविधाएं प्राप्त है। लेकिन फिर भी बुजुर्गों को अपने परिवार के साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आश्रम में आकर उन्हें जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला है। मेयो कॉलेज के विद्यार्थियों ने बुजुर्गों के साथ बैठ कर नाश्ता भी किया।
S.P.MITTAL BLOGGER (16-10-2022)
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