पुष्कर मेले में अराजकता का माहौल। प्रशासन का फोकस मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर। पर्यटन विभाग के मेले में पर्यटन मंत्री का ही पता नहीं। सीएम गहलोत 1 नवंबर को सायं सवा चार बजे पुष्कर पहुंचेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेला शुरू होने से पहले ही अराजकता का शिकार हो गया है। पशु मेले पर प्रतिबंध लगने से पशु पालक और प्रशासन के कार्मिकों में रोजाना झड़प हो रही है। इसे प्रशासन का नासमझी भरा निर्णय ही कहा जाएगा कि एक ओर केमल सफारी के नाम पर पुष्कर में 400 ऊंट हैं। वहीं लंपी रोग का डर दिखाकर पशु मेले को रद्द कर दिया गया है। सैकड़ों पशु पालक दूर दराज के क्षेत्रों से अपने पशुओं को लेकर आ रहे हैं, लेकिन अब सरकारी करीदें डंडे के बल पर पशुपालकों और पशुओं को खदेड़ रहे हैं। मजे की बात यह है कि पशु मेला रद्द करने के बाद भी पशु मेले के नाम से पुष्कर मेले के निमंत्रण बांटे गए हैं। पुष्कर के जागरूक लोगों के अनुसार पुष्कर मेले की ऐसी दुर्दशा पूर्व में कभी नहीं देखी गई। जिला प्रशासन और संबंधित विभागों में तालमेल का अभाव भी देखा जा रहा है। किसी अधिकारी को मेले के आयोजन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पर्यटन विभाग ने मेले को लेकर जो कार्यक्रम घोषित किया है उस पर भी आपत्ति जताई जा रही है। मेले में पहले ही पशुपालकों की नाराजगी है, उस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रोग्राम ने और परेशानी खड़ी कर दी है। आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ का दावा है कि पुष्कर मेले के शुभारंभ पर 1 नवंबर को सीएम गहलोत पुष्कर में ही रहेंगे। प्रशासन धर्मेन्द्र राठौड़ के दावे पर भरोसा कर रहा है। यही भरोसा है कि प्रशासन का फोकस अब मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर हो गया है। किशनगढ़ एयरपोर्ट से लेकर पुष्कर घाटी तक एक हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा रहे है ताकि सीएम के दौरे में कोई अप्रिय घटना न हो। विगत दिनों गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के अवसर पर आयोजित सभा में गहलोत को लेकर प्रतिकूल नारे लगे। यहां तक कि सीएम के पुत्र वैभव गहलोत और सरकार के कई मंत्रियों को भाषण दिए बगैर ही लौटना पड़ा। 1 नवंबर को सीएम गहलोत पुष्कर में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। सीएम के ठहराव की लंबी अवधि को देखते हुए भी प्रशासन चिंतित है। चूंकि देश का माहौल बहुत अच्छा है इसलिए प्रशासन का भी मानना है कि इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। मेले को कार्तिक माह का अष्टमी से यानी 1 नवंबर से शुरू माना जा रहा है। मेले का समापन धार्मिक दृष्टि से 8 नवंबर को पूर्णिमा स्नान के साथ होगा। मेले के घोषित कार्यक्रम को सीएम गहलोत के दौरे ने उलट पुलट कर दिया। सीएम का शाम को पुष्कर पहुंचने का कार्यक्रम है, जबकि मेले का झंडा रोहण प्रात: 10 बजे निर्धारित किया गया है। झंडा रोहण को लेकर अधिकारी अलग अलग बयान दे रहे हैं। मेले में पर्यटन विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन प्रदेश के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की कोई सक्रियता नजर नहीं आ रही है। सीएम के दौरे की सारी पंचायत आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ कर रहे हैं।  राठौड़ की दखलंदाजी के कारण ही शायद विश्वेंद्र सिंह 1 नवंबर को सीएम गहलोत के साथ न आए। विश्वेंद्र सिंह के आने की सूचना पर्यटन विभाग के अधिकारियों के पास नहीं है।
सीएम का अधिकृत कार्यक्रम:
पुष्कर मेले के दौरान सीएम गहलोत के आने का अधिकृत कार्यक्रम घोषित हो गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी प्रोग्राम के अनुसार सीएम गहलोत 1 नवंबर को दोपहर 3:45 मिनट पर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद हेलीकॉप्टर से सवा चार बजे पुष्कर पहुंच जाएंगे। मेले के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद सायं 7 कार द्वारा पुष्कर से रवाना होकर 7:45 पर किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से गहलोत का जयपुर जाने का कार्यक्रम है।  गहलोत पुष्कर में मेले का शुभारंभ करने के साथ साथ सरोवर के घाटों पर दीपदान और महाआरती के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (30-10-2022)
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