जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी, आज भी, अशोक गहलोत देश के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं – नरेन्द्र मोदी मानगढ़धाम की गौरवगाथा के समारोह में बहुत संभलकर बोले अशोक गहलोत मानगढ़धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के बजाय राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र मिलकर आदिवासी क्षेत्र के विकास की योजना बनायें। पी.एम. मोदी की दो टूक
1 नवम्बर को राजस्थान के बांसवाड़ा के मानगढ़ में मानगढ़धाम की गौरवगाथा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल आदि कई केन्द्रीय मंत्री और राज्यपाल उपस्थित रहे, क्योंकि ये कार्यक्रम मानगढ़धाम में हुए आदिवासी नरसंहार से जुड़ा हुआ था, इसलिए ये उम्मीद की जा रही थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मानगढ़धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की घोषणा करेंगे। सी.एम. अशोक गहलोत भी लगातार इसकी मांग करते आ रहे हैं, लेकिन पी.एम. मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्मारक से पहले राजस्थान, एम.पी. गुजरात और महाराष्ट्र चारों राज्य मिलकर आदिवासी क्षेत्र का निर्धारण करें और फिर विकास की योजना बनायें। इन चारों राज्यों की जो योजना बनेगी उसके नेतृत्व भारत सरकार करेगा उन्होंने कहा कि देश की आजादी में आदिवासियों का विशेष योगदान है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि आजादी के बाद लिखे गये इतिहास में आदिवासियों के बलिदान को कम आंका गया। मोदी ने कहा कि ये वही मानगढ़ की पहाडिय़ाँ हैं जिस पर 17 नवम्बर 1913 को अंग्रेजों ने आदिवासियों पर गोलियाँ चलाईं उस दिन गोविन्द गुरु के नेतृत्व में लाखों आदिवासी यज्ञ करने के लिए एकत्र हुए थे, लेकिन अंग्रेजों ने इसे सरकार के खिलाफ विद्रोह माना और 1500 आदिवासियों की हत्या कर दी। इससे पहले भी 1780 में भी आदिवासियों ने संथाल में अंग्रजों के खिलाफ आन्दोलन किया। मोदी ने कहा कि हकीकत ये है कि गुलामी का दौर शुरू होने से लेकर आजादी तक आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ आन्दोलन की। अब समय आ गया है कि जब आदिवासियों को देश में पूरा मान-सम्मान मिलना चाहिये। मेरा ये सौभाग्य रहा कि मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था तब भी मानगढ़धाम आया और यहाँ वनक्षेत्र विकसित करवाया। उन्होंने कहा कि गोविन्द गुरु किसी रियासत के राजा नहीं थे, लेकिन लाखों आदिवासियों के नायक थे। उन्होंने आदिवासियों अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ खड़ा करने के साथ-साथ आदिवासी समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ भी संघर्ष किया। समारोह में सी.एम. अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि बांसवाड़ा को रेल लाइन से जोड़ा जाये। गहलोत ने कहा कि पूर्व में इस परियोजना पर कार्य भी शुरू हुआ था, लेकिन इसे बन्द कर दिया गया। इसके जवाब में पी.एम. मोदी ने कहा कि उन्होंने दो दिन पहले ही अहमदाबाद से उदयपुर तक ब्राडगेज लाइन का उद्घाटन किया है। इससे सम्पूर्ण उदयपुर क्षेत्र का विकास होगा।
कल भी सीनियर और आज भी सीनियर
पी.एम. मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी अशोक गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्री होते थे और आज भी गहलोत देश के सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं। मानगढ़ धाम में गहलोत की उपस्थित बहुत मायने रखती है। मोदी के सम्बोधन से पहले सी.एम. गहलोत को भी बोलने का अवसर मिला, लेकिन 1 नवम्बर को गहलोत बहुत सम्भलकर बोले उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं की जो देश के प्रधानमंत्री के पद पर प्रतिकूल हो। गहलोत ने कहा कि आज नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर विदेशों में जाते हैं तो उन्हें बहुत सम्मान मिलता है। यह सम्मान इसलिए मिलता है कि वे भारत के प्रधानमंत्री हैं, गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी और उसी के कारण देश आजाद हुआ। गहलोत ने पी.एम. मोदी को सलाह दी कि उनकी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को देशभर में लागू किया जाये। गहलोत ने कहा कि योजना के तहत राजस्थान के सभी नागरिकों का प्राइवेट अस्पताल में नि:शुल्क इलाज हो। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भुपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, महेश शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किये। S.P.MITTAL BLOGGER (1-11-2022)
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