एडीए और नगर निगम के जिन अधिकारियों के कार्यकाल में आनासागर के भराव क्षेत्र में अतिक्रमण हुए उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। क्या आईएएस समित शर्मा के आदेश पर अजमेर प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करेगा।
अजमेर के आनासागर को अतिक्रमण कारियों से बचाने के लिए हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी जांच कमेटी के प्रमुख आईएएस डॉ. समित शर्मा ने अजमेर प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि आनासागर के भराव क्षेत्र नो कंस्ट्रक्शन जोन में जो अतिक्रमण हुए हैं उन्हें हटाया जाए। डॉ. शर्मा ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की रिपोर्ट भी तलब की है। आनासागर के भराव क्षेत्र को पूर्व में ही नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी अजमेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आनासागर में पक्के निर्माण हो गए। इन निर्माणों में खुले होटल, रेस्टोरेंट आदि को नगर निगम ने फूड लाइसेंस भी जारी कर दिए। इसी प्रकार अतिक्रमण कारियों को बिजली के कनेक्शन भी मिल गए। नो कंस्ट्रक्शन जोन की परवाह किए बगैर स्मार्ट सिटी योजना के तहत भी आनासागर में निर्माण किए गए। यहां तक कि अतिक्रमण कारियों को राहत देने के लिए आनासागर के अंदर पाथवे का निर्माण कर दिया गया। यानी इस समय जो अतिक्रमण है उनके बाद पाथवे बना हुआ है। एक तरह से यह आनासागर की भराव क्षमता पर अत्याचार है। अब जब बरसात के दिनों में आनासागर में पानी ज्यादा आ जाता है तो तत्काल प्रभाव से चेनल गेट खोल दिए जाते हैं। यदि चेनल गेट न खोले जाए तो अतिक्रमण वाले मकानों, रेस्टोरेंट और होटलों में पानी भर जाता है। यानी अतिक्रमण कारियों को राहत देने में भी प्रशासन पीछे नहीं है। जानकारों की मानें तो अतिक्रमण को वैध करने के लिए ही स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों ने आनासागर के अंदर पाथवे का निर्माण करवा दिया। अब जब पाथवे का निर्माण हो चुका है, तब सवाल उठता है कि अजमेर प्रशासन अतिक्रमणों को कैसे हटाएगा। देखा जाए तो पाथवे का निर्माण ही अतिक्रमण है। क्या प्रशासन पाथवे को हटाने का काम करेगा? डॉ. समित शर्मा के आदेशों की कितनी क्रियान्विति होती है इसका पता तो आने वाले दिनों में चलेगा, लेकिन अभी उन अधिकारियों को चिन्हित करना चाहिए जिनके कार्यकाल में आनासागर में अतिक्रमण हुए हैं। जब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होगी तब तक सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण होते रहेंगे। प्रशासन को सब पता है कि किन प्रभावशाली लोगों ने आनासागर के भराव क्षेत्र में अतिक्रमण कर रखा है। असल में अतिक्रमण कारियों का एक गिरोह बना हुआ है, जिसका संबंध राजनीतिक दलों के नेताओं से भी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि आनासागर झील अजमेर के प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाती है। इस झील के चारों तरफ जो पाथवे बनाया गया है उस पर भी अब शहरवासियों की भीड़ रहने लगी है। अच्छा होता कि यह पाथवे अतिक्रमण हटाने के बाद आनासागर के चारों ओर बनाया जाता। लेकिन अधिकारियों ने अपनी सुविधा को देखते हुए अतिक्रमण हटाए बगैर पाथवे का निर्माण करवा दिया। पाथवे के निर्माण पर करोड़ों रुपया खर्च हो चुका है। गत 1 नवंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पाथवे का लोकार्पण भी कर दिया है।
S.P.MITTAL BLOGGER (04-11-2022)
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