पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ओबीसी आरक्षण के फेर में फंसाया। राजस्थान में तीन वर्ष भर्तियां नहीं हुई, इसलिए चुप रहा। लेकिन अब चुप नहीं रहूंगा। जी टीवी की लाइव डिबेट में हरीश चौधरी की दो टूक।
राजस्थान में ओबीसी आरक्षण की कथित विसंगतियों को लेकर 11 नवंबर को ज़ी टीवी समूह के राजस्थान के न्यूज़ चैनल पर लाइव डिबेट का प्रोग्राम हुआ। इस प्रोग्राम में विसंगती का मुद्दा उठाने वाले कांग्रेस के पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, भाजपा की पूर्व मंत्री और चार बार की विधायक श्रीमती अनिता भदेल के साथ पत्रकार के तौर पर मैंने भी भाग लिया। हरीश चौधरी चाहते हैं कि पूर्व सैनिकों की मेरिट आरक्षित श्रेणी में बनाई जाए। अभी यह मेरिट ओबीसी के 21 प्रतिशत आरक्षण में अलग से बनाई जा रही है। इससे ओबीसी वर्ग के युवाओं को नुकसान हो रहा है। इस कथित विसंगति को ठीक न करने के लिए हरीश चौधरी ने सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है। इससे राजस्थान की राजनीति खास कर सत्तारूढ़ कांग्रेस में खलबली मच गई है। लाइव प्रोग्राम में मैंने हरीश चौधरी से जानना चाहा कि ओबीसी वर्ग से जुड़े इस मुद्दे पर वे चार साल तक क्यों चुप रहे। पूर्व सैनिकों की मेरिट अलग से बने, यह प्रावधान तो भाजपा सरकार ने अपने अंतिम दिनों 2018 में लागू किया था। इस पर हरीश चौधरी ने स्वीकार किया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के शुरू के तीन वर्ष में भर्तियां नहीं हुई। अब जब भर्तियां शुरू हुई तो पता चला कि भाजपा सरकार के निर्णय से ओबीसी वर्ग के युवाओं को नुकसान हो रहा है। इसलिए यह मामला अब उठाया है। चौधरी ने कहा कि सरकार बनने के बाद लोकसभा चुनाव में और फिर दो वर्ष कोरोना काल में गुजर गए। चौधरी ने कहा कि कार्मिक विभाग सीएम गहलोत के पास है, इसलिए इस विसंगति को दूर करने की जिम्मेदारी सीएम की ही है। मैं इस मुद्दे पर लगातार सीएम से मिलता रहा, लेकिन जब 9 नवंबर को मंत्रिमंडल की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो मुझे मजबूरन विरोध करना पड़ा। अब यदि आंदोलन की जरूरत होगी तो वह भी किया जाएगा। मैं पूरी तरह ओबीसी वर्ग के साथ खड़ा हंू। हरीश चौधरी जिस तीखे अंदाज में ओबीसी वर्ग का मुद्दा उठा रहे हैं, उसमें सीएम गहलोत फंस गए हैं। गहलोत दावा कर रहे हैं कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस सरकार रिपीट होगी, वहीं हरीश चौधरी का मानना है कि सरकार के रवैए से ओबीसी वर्ग में नाराजगी है। सब जानते हैं कि हरीश चौधरी मौजूदा समय में पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। चौधरी सीधे हाईकमान के संपर्क में रहते हैं। चौधरी की यह खिलाफत कांग्रेस की राजनीति में बहुत मायने रखती है। चौधरी ने लाइव प्रोग्राम में जिस बेबाक तरीके से अपना पक्ष रखा उस से प्रतीत होता है कि कांग्रेस में आंतरिक विवाद बहुत गहरा है। वहीं कांग्रेस की राजनीति में इस बार की भी चर्चा है कि हरीश चौधरी पुन: मंत्री बनने के लिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं।
भदेल का संतुलित बयान:
प्रोग्राम में जहां हरीश चौधरी अपनी सरकार पर हमलावर नजर आए, वहीं भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व सैनिकों के लिए अलग से मेरिट बनाने का निर्णय भाजपा सरकार का ही है। भदेल ने कहा कि किसी विसंगति को दूर करने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है, लेकिन सभी वर्गों के युवाओं का ख्याल रखा जाना जरूरी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिकों की मेरिट आरक्षित श्रेणी में बनती है तो सामान्य वर्ग के युवाओं के अवसर कम होंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-11-2022)
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