अनुशासनहीनता के आरोपियों पर कार्यवाही होने के बजाए अजय माकन को ही राजस्थान के प्रभारी महासचिव का पद छोड़ना पड़ा। राजस्थान में कांग्रेस की कलह और बढ़ी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन ने राजस्थान के प्रभारी पद से इस्तीफा देने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को पत्रभेज दिया है। यह पत्र 8 नवंबर को लिखा गया है। जानकार सूत्रों के अनुसार अजय माकन अनुशासनहीनता के तीन आरोपियों पर कार्यवाही नहीं होने से खफा है। सूत्रों के अनुसार 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समांतर विधायकों की बैठक करने के मामले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को अनुशासनहीनता करने का नोटिस दिया। उम्मीद जताई गई थी कि इन तीनों नेताओं पर कार्यवाही होगी। विधायक दल की बैठक निर्धारित स्थान पर नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी श्रीमती सोनिया गांधी से माफी तक मांगी। उम्मीद थी कि आरोपी तीनों मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। लेकिन आज तक भी एक भी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई है। उल्टे धर्मेन्द्र राठौड़ को राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा की तैयारियों की जिम्मेदारी दे दी गई है। इन तीनों ही आरोपियों ने अजय माकन पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इन तीनों का कहना रहा कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक में अजय मकान चाहते थे कि मुख्यमंत्री पद के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास हो, जिसमें मुख्यमंत्री पद का निर्णय कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ा जाए। नेताओं का कहना रहा कि ऐसा प्रस्ताव अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए करवाया जाना था। लेकिन हमने अजय माकन के षडय़ंत्र को विफल कर दिया। माकन को इस बात का भी दुख है कि जब अनुशासनहीनता के तीनों आरोपी उन पर आरोप लगा रहे थे, तब अशोक गहलोत ने कोई दखल नहीं दिया। 25 सितंबर के बाद राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने जो गुटबाजी हो रही है उससे भी अजय माकन दुखी हैं। अजय माकन को अब नहीं लगता कि अब वे राजस्थान में कोई प्रभावी भूमिका निभा पाएंगे। प्रदेश के हालातों को देखते हुए ही माकन ने इस्तीफे का पत्र खडग़े के पास भिजवा दिया गया है। माकन के इस्तीफे से राजस्थान में कांग्रेस की कलह और बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट नहीं चाहते कि अजय माकन राजस्थान के प्रभारी के पद से हटे। पायलट ने भी हाल ही में कहा है कि जिन तीन मंत्रियों को अनुशासनहीनता का नोटिस दिया गया उन पर जल्द कार्यवाही होनी चाहिए। पायलट यह भी चाहते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद का निर्णय जल्द से जल्द हो। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि राजस्थान में मौजूदा हालातों में अशोक गहलोत की ही चल रही है। यही वजह है कि तीनों मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही होने के बजाए अजय माकन को भी इस्तीफा देना पड़ा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में सचिन पायलट ने तत्कालीन प्रभारी अविनाश पांडे की भूमिका पर भी एतराज जताया था। तब पांडे को प्रभारी महासचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस बार पायलट समर्थक माने जाने वाले अजय माकन को प्रभारी पद छोड़ना पड़ा। 

S.P.MITTAL BLOGGER (16-11-2022)

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