अशोक गहलोत यदि असली गांधीवादी हैं तो बागी विधायकों द्वारा 10-10 करोड़ रुपए लेने के सबूत सार्वजनिक करने चाहिए। क्या राहुल गांधी अपनी यात्रा में अब गद्दार सचिन पायलट को अपने साथ रखेंगे? आखिर एनडीटीवी ने इंटरव्यू को दो दिन तक क्यों छिपाए रखा?

अशोक गहलोत कांग्रेस के कोई साधारण नेता नहीं है। गहलोत उस राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं जो ऑस्ट्रेलिया के बराबर है। गहलोत ने मुख्यमंत्री के नेताओं ने सच बोलने और संविधान की रक्षा करने की भी शपथ ली है। ऐसे में अशोक गहलोत का झूठ बोलने का सवाल ही नहीं उठता। गहलोत से नैतिकता की भी उम्मीद की जाती है, क्योंकि वे स्वयं को महात्मा गांधी का अनुयायी मानते हैं। गहलोत यदि असली गांधीवादी हैं तो उन्हें कांग्रेस के बागी विधायकों द्वारा 10-10 करोड़ रुपए प्राप्त करने के सबूत सार्वजनिक करने चाहिए। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में गहलोत ने कहा कि जुलाई 2020 में उनकी सरकार गिराने की साजिश करने वालों ने 10-10 करोड़ रुपए लिए। सब जानते हैं कि जुलाई 20 में सचिन पायलट के नेतृत्व में ही कांग्रेस के 18 विधायक दिल्ली गए थे। गहलोत के अनुसार पायलट सहित 19 विधायकों को 190 करोड़ रुपए प्राप्त किए। अब जब यह बात सीएम गहलोत खुद कह रहे हैं, तब राजनीति में यह बात बहुत गंभीर है। गंभीर बात इसलिए भी है कि दिल्ली जाने वाले 19 विधायकों में से पांच अब गहलोत मंत्रिमंडल में शामिल हैं। यानी गहलोत ने उन विधायकों को मंत्री बना रखा है, जिन्होंने उनकी सरकार गिराने के लिए 10-10 करोड़ रुपए लिए। गहलोत के आरोप के बाद पायलट सहित 19 बागी विधायकों का खून कितना गर्म होगा, यह तो आना वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना जरूरी है कि जब से 19 विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाएंगे तो मतदाता इन्हें संदेह की निगाह से देखेगा। बागी विधायकों की इससे ज्यादा मानहानि नहीं हो सकती है। यदि दिल्ली जाने वाले विधायक चुप रहते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि गहलोत जो कह रहे हैं वह सही है। अशोक गहलोत के अनुसार तो सुदामा जैसी छवि वाले मसूदा (अजमेर) के विधायक राकेश पारीक ने भी 10 करोड़ रुपए ले लिए हैं। 
क्या अब पायलट यात्रा में साथ रहेंगे?:
राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा तीन दिसंबर को  राजस्थान में प्रवेश कर रही है। राहुल की यात्रा 18 दिसंबर तक राजस्थान में ही रहेगी। अब सीएम गहलोत ने पायलट को गद्दार और भाजपा से पैसा लेने वाला बता दिया है, तब सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी, पायलट को अपने साथ यात्रा में रखेंगे? गहलोत ने तो स्पष्ट कह दिया है कि वे पायलट की शक्ल देखना भी पसंद नहीं करते हैं। जानकारों की मानें तो राहुल गांधी चाहते थे कि राजस्थान में गहलोत और पायलट दोनों साथ रहें। लेकिन राहुल की यात्रा के आने से पहले ही गहलोत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। गहलोत के रुख से गांधी परिवार खास कर राहुल गांधी के सामने संकट खड़ा हो गया है। राहुल गांधी भले ही पायलट को अपने साथ रो, लेकिन पायलट के मुद्दे पर गहलोत ने आर पार की लड़ाई लडऩे का मन बना लिया है। पायलट के मुद्दे पर गहलोत अब राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और गांधी परिवार से लडऩे के मूड में भी है। राजस्थान में अशोक गहलोत किसी भी स्थिति में पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। अशोक गहलोत का इंटरव्यू प्रसारित हुए 24 घंटे गुजर गए, लेकिन अभी तक भी किसी केंद्रीय नेता ने गहलोत के बयान को गलत ठहराने की हिम्मत नहीं दिखाई है। जयराम नरेश का बयान तो गहलोत के पक्ष में ही है।
दो दिन तक इंटरव्यू को छिपाया?:
एनडीटीवी के संवाददाता ने सीएम गहलोत का इंटरव्यू 22 नवंबर को पाली में ही रिकॉर्ड कर लिया था। न्यूज चैनलों के बीच जो प्रतिस्पर्धा चल रही है उसमें तो गहलोत का इंटरव्यू 22 नवंबर को ही एनडीटीवी पर जारी हो जाना चाहिए था, लेकिन यह इंटरव्यू 24 नवंबर को प्रसारित हुआ। सवाल उठता है कि एनडीटीवी ने गहलोत के इंटरव्यू को 2 दिनों तक क्यों छिपाए रखा? क्या इंटरव्यू देने के बाद प्रसारण को रुकवाया गया? एनडीटीवी निष्पक्ष पत्रकारिता करने का दावा करता है, इसलिए अब एनडीटीवी को स्पष्ट करना चाहिए कि गहलोत के इंटरव्यू को 2 दिन तक क्यों छुपाया?

S.P.MITTAL BLOGGER (25-11-2022)
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