तो राजस्थान पुलिस अब संजीवनी क्रेडिट घोटाले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस भेज कर तलब कर सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। यह कार्यवाही मानहानि के मुकदमे का जवाब भी होगी। अडानी के विरोध प्रदर्शन में सीएम गहलोत शामिल नहीं हुए। मोदी के इशारे पर केजरीवाल राजस्थान आ रहे हैं-रंधावा। अजमेर की धनवर्षा क्रेडिट सोसायटी के निवेशक भी परेशान।

12 मार्च को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़े चर्चित संजीवनी क्रेडिट सोसायटी के घोटाले के मामले में एक बहुत गंभीर टिप्पणी की है। गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संजीवनी सोसायटी के जो पदाधिकारी पकड़े गए हैं, उन्होंने अपने बयानों में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम लिए हैं। ऐसे में शेखावत को खुद पहल कर पीड़ित निवेशकों के पैसे वापस करवाने चाहिए। गहलोत का यह ताजा बयान इसलिए महत्वपूर्ण है कि शेखावत अब तक यही कहते रहे कि उनका व उनके परिवार के किसी भी सदस्य का नाम पुलिस की एफआईआर में नहीं है और न ही सोसायटी के किसी पदाधिकारी ने उनके नाम का उल्लेख किया है। एफआईआर में नाम नहीं होने का आधार बना कर ही शेखावत ने दिल्ली की एक कोर्ट में सीएम गहलोत के विरुद्ध मानहानि का दावा प्रस्तुत किया है। इस मामले में शेखावत के बयान कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं और हो सकता है कि कोर्ट की ओर गहलोत का पक्ष जानने के लिए समन जारी हो। दिल्ली कोर्ट से समन जारी होने से पहले ही सीएम गहलोत ने महत्वपूर्ण बयान दे दिया है। गहलोत के कथन के अनुसार यदि संजीवनी के पदाधिकारियों ने शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम लिए है तो स्वाभाविक है कि राजस्थान पुलिस शेखावत और परिवार के सदस्यों को पूछताछ के लिए तलब करेगी। कई बार ऐसा होता है कि एफआईआर में नाम नहीं होता, लेकिन पकड़े गए आरोपी जब किसी अन्य का नाम लेते हैं, तब अन्य लोगों को भी अभियुक्त मान कर पूछताछ के लिए बुलाया जाता है। इसका ताजा उदाहरण दिल्ली का शराब घोटाला है। सीबीआई और ईडी ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी कविता राव का नाम नहीं है, लेकिन तेलंगाना में पकड़े गए शराब कारोबारियों ने 100 करोड़ रुपए के लेनदेन में कविता राव का नाम भी लिया है। आरोपी के बयान के आधार पर ईडी ने कविता राव से पूछताछ की है। चूंकि संजीवनी क्रेडिट के घोटाले में गिरफ्तार पदाधिकारियों के बयान की जानकारी खुद गहलोत ने दी है, इसलिए महत्व बढ़ जाता है। गहलोत के पास ही गृह विभाग है। गृह मंत्री के नाते पुलिस और उससे जुड़ी जांच एजेंसियां गहलोत के अधीन ही आती है। संजीवनी घोटाले के पदाधिकारी क्या बयान दे रहे हैं, इसकी जानकारी गहलोत प्रतिदिन ले रहे होंगे। यदि राजस्थान पुलिस केंद्रीय मंत्री शेखावत को पूछताछ के लिए बुलाती है तो फिर मानहानि वाला मुकदमा कमजोर होगा। 
गहलोत शामिल नहीं हुए:
उद्योगपति गौतम अडानी की वित्तीय अनियमितताओं के विरोध में 13 मार्च को कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। इसके अंतर्गत राज्यों की राजधानी में राजभवन का घेराव किया गया। राष्ट्रीय आव्हान के अंतर्गत 13 मार्च को जयपुर में भी कांग्रेस ने सिविल लाइन फाटक से राजभवन तक मार्च किया। सिविल लाइन फाटक पर हुई सभा में कांग्रेस के अनेक नेता मौजूद रहे। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नजर नहीं आए। वहीं प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर राजस्थान आ रहे हैं, मोदी चाहते हैं कि जिस प्रकार गुजरात में केजरीवाल ने चुनाव लड़कर भाजपा को जिताया उसी प्रकार राजस्थान में भी केजरीवाल अपनी पार्टी के उम्मीदवार खड़े कर भाजपा को जीताए। रंधावा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाब नहीं संभाल रहा है और राजस्थान में भाजपा को जिताने के लिए राजनीतिक गतिविधियां कर रहे हैं। 
धनवर्षा के निवेशक भी परेशान:
धनवर्षा क्रेडिट सोसायटी के निवेशक भी पिछले तीन वर्षों से परेशान है। जानकारों के अनुसार कोई तीस करोड़ रुपए निवेशकों का फंसा हुआ है। सोसायटी के पदाधिकारियों के खिलाफ अजमेर सहित कई जिलों में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। लेकिन अभी तक भी पदाधिकारियों की गिरफ्तार नहीं हुई है। आरोप है कि सोसायटी के पदाधिकारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। इस सोसायटी के सबसे ज्यादा निवेशक अजमेर जिले के है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (13-03-2023)
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