संसद में अडानी की आड़ में विपक्ष को पीएम मोदी पर हमला करने का अवसर नहीं देगी भाजपा। 23 मार्च से शोर गुल के बीच ही दोनों सदनों में जरूरी विधायी कार्य होंगे। संसद 6 अप्रैल से पहले ही स्थगित हो सकती है। भाजपा ने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया।
विपक्ष चाहता है कि अडानी की आड़ में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया जाए। राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग कर भाजपा ने अब तक तो विपक्ष को अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया है। हालांकि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी नेता संसद के बाहर अडानी को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोलते रहे हैं, लेकिन संसद के रिकॉर्ड में दर्ज हो जाए, इसलिए संसद में बोलने और संसद की संयुक्त जांच समिति बनाने की मांग की जा रही है। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि 13 मार्च से दोनों सदन लोकसभा और राज्यसभा में कोई कार्य नहीं हो सकता है। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ रोजाना संसदीय लोकतंत्र पर प्रवचन देते हैं, लेकिन ऐसे प्रवचनों को संसद में सुनने वाला कोई नहीं है। अब तक तो भाजपा भी संसद न चलने में ही रुचि दिखा रही थी, लेकिन अब भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। 23 मार्च को सुबह 11 बजे जब संसद शुरू होगी तो जरूरी विधायी कार्य करवाए जाएंगे। कांग्रेस सहित विपक्षी सांसद भले ही चिल्ल पौ करते रहे, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति फटाफट अंदाज में विधायी कार्यों को करवाएंगे। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, जब विपक्ष के हंगामे के बीच अनेक बिलों को मंजूरी दी है तथा सरकारी निर्णयों पर संसद की मुहर लगवाई है। लोकसभा में 545 में से भाजपा और सहयोगी दलों की संख्या 350 है। राज्यसभा में भी भाजपा अपने सहयोगियों के सहयोग से कोई भी बिल स्वीकृत करवाने की स्थिति में है। दोनों सदनों में 23 मार्च से भाजपा का संख्या बल कम न हो, इसके लिए भाजपा ने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। यानी भाजपा सांसदों की उपस्थिति अनिवार्य हो गई है। बजट सत्र का तीसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ और पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार संसद को 6 अप्रैल तक चलना है। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि संसद को 6 अप्रैल से पहले ही स्थगित कर दिया जाएगा। ऐसा पहले भी कई बार हुआ है, जब समय से पहले संसद को स्थगित किया गया है। लेकिन सत्तारूढ़ दल भाजपा को जो विधायी कार्य करवाने हैं, उन्हें अवश्य करवाया जाएगा। भले ही किसी भी प्रस्ताव पर स्वीकृति से पहले बहस न हो। लंदन वाले बयान पर राहुल गांधी से माफी मांगने की जो शर्त भाजपा ने रखी है, उस पर कांग्रेस कभी तैयार नहीं होगी। भाजपा और कांग्रेस दोनों का अपना-अपना राजनीतिक नजरिया है। यही वजह है कि गत 13 मार्च से संसद के दोनों सदन नहीं चल पाए हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (22-03-2023)
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