राहुल गांधी पर हमलों को मुद्दा क्यों नहीं बना रही राजस्थान में कांग्रेस? गांधी परिवार जब संकट में है, तब गहलोत सरकार की उपलब्धियों का जश्न मनाया जा रहा है। अजमेर में कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए पटेल मैदान को देने में प्रशासन की रुचि नहीं।
सूरत की अदालत से मानहानि के एक प्रकरण में राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा मिलने के बाद एक दिन बाद ही राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द करने और अब सरकारी बंगला खाली करने की कार्यवाही से गांधी परिवार संकट में है। दिल्ली में कांग्रेस की ओर से विपक्ष को एकजुट करने का काम किया जा रहा है। 25 सितंबर 2022 से पहले तक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही गांधी परिवार के प्रमुख सलाहकार रहे, लेकिन अब जब गांधी परिवार बड़ा राजनीतिक संकट आया है, तब सीएम गहलोत अपनी सरकार की उपलब्धियों का जश्न मनाने में व्यस्त हो गए है। सरकार की उपलब्धियों को लेकर 28 से 31 मार्च तक संभाग स्तरीय सम्मेलन किए जा रहे हैं। इन सम्मेलनों में भीड़ जुटाने के निर्देश भी दिए गए हैं। यानी 31 मार्च तक राहुल गांधी वाले प्रकरण में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा। 28 मार्च को बीकानेर में जो संभाग स्तरीय सम्मेलन हुआ, उस में सीएम गहलोत की ओर से राहुल प्रकरण में मोदी सरकार की आलोचना तो की गई, लेकिन सम्मेलन का उद्देश्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाना रहा।खुद कांग्रेस पार्टी में चर्चा है कि जब राहुल गांधी के प्रकरण को लेकर कांग्रेस को प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करवाना था, तब सरकार की उपलब्धियों पर सम्मेलन कराए जा रहे हैं। सभी सम्मेलनों की जिम्मेदारी गहलोत के वफादार मंत्रियों को सौंपी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ आ सके। जानकार सूत्रों के अनुसार गत वर्ष 25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों की बगावत करवाने के बाद अशोक गहलोत और गांधी परिवार के बीच खटास हो गई है। 26 मार्च को दिल्ली में सीएम गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के साथ तो रहे, लेकिन गहलोत की सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से वन टू वन बात नहीं हो सकी। सूत्रों की माने तो गहलोत ने सोनिया गांधी से मिलने का समय भी मांगा है, लेकिन उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया नहीं जा रहा है। गहलोत के संभाग स्तरीय सम्मेलन हो रहे हैं जहां तक प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का सवाल है तो वे सीएम गहलोत की मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते हैं। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी राजस्थान में सत्ता का खूब मजा ले रहे हैं। रंधावा अभी तक भी गहलोत और सचिन पायलट के बीच तालमेल नहीं करवा पाए हैं। कांग्रेस के इन सम्मेलनों में पायलट और उनके समर्थकों की कोई भूमिका नहीं है।
पटेल मैदान को देने में रुचि नहीं:
अजमेर में 31 मार्च को होने वाले कांग्रेस के संभाग स्तरीय सम्मेलन को सफल बनाने की जिम्मेदारी आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के पास है। राठौड़ ने 27 मार्च को शहर के बीचों बीच बने पटेल मैदान का मुआयना किया और सम्मेलन के लिए पटेल मैदान के उपयोग की बात कही, लेकिन जिला प्रशासन किसी राजनीतिक दल के सम्मेलन के लिए पटेल मैदान को आवंटित नहीं करना चाहता है। यही वजह है कि प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने कांग्रेस के नेताओं को बताया है कि पटेल मैदान को स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, ऐसे में यदि कोई सम्मेलन होता है तो स्पोर्ट हब का कार्य प्रभावित होगा। प्रशासन ने कांग्रेस के नेताओं से आग्रह किया है कि वे सम्मेलन को कायड़ स्थित विश्राम स्थली पर करवाए। हालांकि अभी सम्मेलन स्थल को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-03-2023)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511