वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सचिन पायलट का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सबसे बड़ा हमला। 11 अप्रैल को अनशन। पायलट के बदले रुख से कांग्रेस में जबरदस्त खलबली।
9 अप्रैल को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर अब तक का सबसे बड़ा राजनीतिक हमला किया है। पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत जब विपक्ष में थे तब भाजपा सरकार की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते थे। पायलट ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक गहलोत का वो वीडियो पर प्रदर्शित किया गया, जिसमें कह रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने पर भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारों की जांच करवाई जाएगी। खुद गहलोत ने माना कि वसुंधरा राजे की सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। पायलट ने कहा कि सीएम गहलोत के कथन के संदर्भ में ही उन्होंने 28 मार्च 2022 और 2 नवंबर 2022 को अलग अलग पत्र लिखे इन पत्रों में गहलोत से आग्रह किया गया कि भाजपा के शासन में जो घोटाले हुए उनकी जांच करवाई जाए। मैंने अपने पत्रों के साथ भ्रष्टाचार के सबूत और अखबारों में छपी खबरें भी प्रेषित की, लेकिन मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि गहलोत ने मेरे किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया और न ही जांच करवाने के आदेश दिए। अकेला खनन घोटाला ही 45 हजार करोड़ रुपए का है। पायलट ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को परेशान कर रही है, यहां तक कि नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार के सदस्यों को भी परेशान किया जा रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के विरोध में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं दूसरी ओर हमारी ही प्रदेश सरकार में भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचारों की जांच नहीं हो रही है। पायलट ने कहा कि 2013 के चुनाव में भाजपा को 163 सीटें और कांग्रेस को मात्र 21 सीटें मिली थी, तब राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुझे प्रदेश कांग्रेस का कमेटी का अध्यक्ष बनाया। हमने भाजपा के शासन में लगातार संघर्ष किया और प्रदेश की जनता को यह भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर न केवल भ्रष्टाचारों की जांच करवाई जाएगी, बल्कि जनता को एक पारदर्शी और ईमानदार शासन दिया जाएगा। जनता ने हमारी बात पर भरोसा किया और 2018 में कांग्रेस की सरकार बनवाई। पायलट ने कहा कि अब जब विधानसभा चुनाव में छह माह भी शेष नहीं रहे हैं तब जनता का सवाल वाजिब है कि हमने अपने वादे पूरे क्यों नहीं किए। पायलट ने कहा कि कई राजनीतिक दल यह आरोप लगाते हैं कि वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत में सांठ-गांठ है, इसलिए सत्ता में आने पर अपने ही वादे के अनुरूप जांच नहीं करवाई जाती। पायलट ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि यह आरोप सही साबित हो। अब यदि हमें अगला चुनाव जीतना है तो अपने वादे के मुताबिक वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचारों की जांच करवानी चाहिए।
11 अप्रैल को पायलट का अनशन:
पायलट ने कहा कि भाजपा सरकार के घोटालों की जांच के लिए वे 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि भ्रष्टाचार की जांच हो।
कांग्रेस में जबरदस्त खलबली:
सचिन पायलट के बयान आते ही कांग्रेस में जबरदस्त खलबली शुरू हो गई है, अब तक पायलट बचाव की मुद्रा में सीएम गहलोत पर आरोप लगाते थे, लेकिन आज उन्होंने गहलोत पर सबसे बड़ा राजनीतिक हमला कर दिया है। चूंकि पायलट के निशाने पर सीएम गहलोत के साथ साथ भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी रही, इसलिए राजनीतिक क्षेत्रों में यह माना जा रहा है कि पायलट अगले चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों से दूरी बना सकते हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पायलट को अगले चुनाव में उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव पर आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी सहमति जताई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (09-04-2023)
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