इतनी दुर्दशा के बाद भी गजब का आत्मविश्वास देखा रहे है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

राजस्थान में मंत्रालयिक राजस्व पंचायती राज आदि विभागों के कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर है, इससे प्रदेश भर में सरकार कामकाज ठप पड़ा हुआ है। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, अशोक चांदना के साथ साथ कई विधायक अशोक गहलोत के नेतृत्व को खुली चुनौती दे रहे हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी में राजनीतिक संकट लगातार बरकरार है। इतना ही नहीं जयपुर में रामप्रसाद मीणा के शव का अंतिम संस्कार पिछले छह दिनों से नहीं हुआ है। मीणा ने आत्महत्या करने से पहले जो सुसाइड नोट लिखा उसमें प्रताडि़त करने वालों में जलदाय मंत्री महेश शर्मा का भी नाम शामिल है। शव को रखकर धरना प्रदर्शन की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का भी बुरा हाल है। लेकिन इसके बावजूद भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जबरदस्त आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। गहलोत का कहना है कि उन्होंने एक सर्वे करवाया है, जिसमें उनकी सरकार  रिपीट हो रही है। प्रदेश में सात माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। गहलोत का मानना है कि उन्होंने जो कल्याणकारी योजनाएं घोषित की है, उसकी वजह से कांग्रेस की सरकार रिपीट हो जाएगी। गहलोत अब इस परंपरा से सहमत नहीं है कि एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस की सरकार बने। सरकार रिपीट की लालसा में गहलोत अपने मिजाज के विपरीत सहनशीलता भी दिखा रहे हैं। विगत दिनों कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जब प्रतिद्वंदी नेता सचिन पायलट के भ्रष्टाचार विरोधी अनशन का समर्थन किया तो अगले ही दिन सीएम गहलोत खाचरियावास को अपने साथ पुलिस अकादमी के समारोह में ले गए। खाचरियावास पायलट के खेमे में न जाए इसके लिए गहलोत ने खाचरियावास को पटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। खेल मंत्री अशोक चांदना ने जब एसएमएस स्टेडियम में आईपीएल मैच की तैयारियां पर सख्ती दिखाई तो गहलोत ने चांदना को बुलाया और सरकारी हेलीकॉप्टर में सफर करवाया। गहलोत चांदना को अपने साथ जयपुर से अजमेर लाए और बेरोजगारों को रोजगार देने वाले समारोह में उपस्थिति दर्ज करवाई। मुख्यमंत्री के साथ बैठने के बाद चांदना ने कहा कि थोड़ा बहुत विवाद हो जाता है, लेकिन अब में मुख्यमंत्री के साथ संतुष्ट हंू। यहां यह उल्लेखनीय है कि आईपीएल मैच की तैयारियों का विरोध इसलिए मायने रखता है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत   बैठे हैं। असल में सीएम गहलोत यह दिखाना चाहते हैं कि राजस्थान में सत्ता और संगठन पर उनका पूर्ण नियंत्रण है। गहलोत ही अब कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन में भी जुट गए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस विधायकों के कामकाज पर नजर रखी जा रही है। इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक नहीं है वहां भी उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी गई है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (22-04-2023)
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