दुनिया में सबसे ज्यादा समृद्धि और शांति के साथ भारत में रह रहे हैं मुसलमान। मुस्लिम देशों में मुसलमानों का ही बुरा हाल। राहुल गांधी के बयान पर खुद मुसलमान फैसला करें।

अमेरिका की सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने कहा कि 80 के दशक में भारत में जो दलितों की स्थिति थी, वही आज मुसलमानों की है। मुस्लिम लड़कों को जेल में डाला जा रहा है। सवाल उठता है कि क्या राहुल का यह बयान सही है? दूसरे देशों में रहने वाले मुसलमानों का मानना है कि दुनिया में सबसे ज्यादा समृद्धि और शांति के साथ मुसलमान भारत में रह रहे हैं। किसी भी भारतीय मुसलमान के साथ कोई भेदभाव नहीं होता। कारोबारी मुसलमान तो लगातार मालामाल हो रहे हैं। मुंबई में अधिकांश विल्डर्स मुसलमान हैं जो करोड़पति नहीं बल्कि अरब पति हैं। यदि भेदभाव होता तो भारत में कोई मुसलमान अरबपति नहीं होता। आज दो चार मुसलमान पूरी स्वतंत्रता और बिना भय के हिन्दू आबादी में रहते हैं। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में मुसलमानों से ज्यादा हिन्दू समुदाय के लोग जियारत के लिए आते हैं। भारत के पड़ोसी मुस्लिम देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मुसलमानों की हालत देखी जा सकती है। यहां मुसलमानों पर ही अत्याचार हो रहे हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसा एक भी उदाहरण भारत में नहीं मिलेगा। मुस्लिम महिलाओं को राहत देने के लिए  ही तीन तलाक जैसी प्रथा पर कानून बनाया गया। इतना ही नहीं अब भारतीय मुस्लिम महिला बगैर पुरुष के हज यात्रा पर जा सकती है। राहुल गांधी को बयान देने से पहले हज यात्रा पर गई मुस्लिम महिलाओं से बात तो करनी चाहिए थी। भारत का कोई मुसलमान नहीं कह सकता कि धर्म के आधार पर उसके साथ भेदभाव हो रहा है। हर मुसलमान को अपने धर्म के अनुरूप रहने की पूरी स्वतंत्रता है। जहां तक जेल में डाले जाने का सवाल है तो साहिल जैसे व्यक्ति को ही जेल में डाला जा रहा है। एक हिन्दू लड़की को सरेआम चाकू मारते हुए साहिल को सभी ने देखा है। अच्छा होता कि राहुल गांधी साहिल जैसे मुस्लिम युवक के कृत्य की आलोचना करते। राहुल गांधी ने अमेरिका में जो बयान दिया है, उस पर खुद मुसलमानों को फैसला करना चाहिए। भारत में मुसलमानों की समृद्धि और  शांति तभी तक है, जब तक मुसलमान सनातन संस्कृति को मानने वाले हिन्दुओं के साथ रह रहे हैं। यदि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तरह कट्टरपंथी हावी हुए तो फिर भारत में भी मुसलमान समृद्धि और शांति के साथ नहीं रह पाएंगे। यह सनातन संस्कृति की उदारता ही है कि हिन्दू समुदाय के लोग दरगाहों में जाकर जियारत करते हैं, जबकि दूसरे धर्म के लोग तो हिन्दुओं के मंदिरों का प्रसाद भी ग्रहण नहीं करते। राहुल गांधी हिन्दू मुसलमानों को लेकर सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। राहुल गांधी यह नहीं सोचते कि ऐसे एक तरफा बयानों से हिन्दू समुदाय पर क्या असर पड़ेगा? कर्नाटक में क्या सिर्फ मुसलमानों के वोट से ही कांग्रेस की सरकार बनी है? कर्नाटक में सनातन संस्कृति को मानने वालों ने भी कांग्रेस को वोट दिया है।

S.P.MITTAL BLOGGER (01-06-2023)
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