उम्मीद के मुताबिक धर्मेन्द्र राठौड़ के समर्थन में नहीं जुट सके निजी स्कूलों के कार्मिक। अजमेर उत्तर क्षेत्र में घर घर सर्वे का काम कमजोर। निजी स्कूलों के कई संगठनों ने विरोध किया। देवनानी और रलावता की भी नजर।
अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए लालायित आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ के समर्थन में 12 जून को निजी स्कूलों के कार्मिकों को अजमेर में एकत्रित होने का आव्हान किया गया था। यह आव्हान निजी स्कूलों की संस्था स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा की ओर से किया गया। शर्मा का दावा था कि 12 जून को चार सौ शिक्षा कर्मी उत्तर क्षेत्र में धर्मेन्द्र राठौड़ के समर्थन में घर घर सर्वे का काम करेंगे। 12 जून को सुबह वैशाली नगर स्थित गोविंदम समारोह स्थल पर कुछ शिक्षा कर्मी एकत्रित हुए। लेकिन इनकी संख्या 80 से ज्यादा नहीं थी। सर्वे पर जाने से पहले शिक्षा कर्मियों ने धर्मेन्द्र राठौड़ से भी मुलाकात की। इस अवसर पर राठौड़ के साथ कांग्रेस के स्थानीय नेता भी मौजूद थे। इनमें सरपंच लाल सिंह रावत, ब्लॉक अध्यक्ष शैलेंद्र अग्रवाल आदि शामिल थे। जो शिक्षा कर्मी एकत्रित हुए उनमें से अधिकांश अजमेर जिले के बाहर के थे। यहां यह उल्लेखनीय है कि अनिल शर्मा ने पहले इन शिक्षा कर्मियों को पुष्कर के आरटीडीसी के सरोवर होटल में आमंत्रित किया था। लेकिन आरटीडीसी के होटल में एडजस्टमेंट नहीं होने के कारण अजमेर के समारोह स्थल गोविंदम पर एकत्रित किया गया। सर्वे का उद्देश्य अजमेर उत्तर क्षेत्र में धर्मेन्द्र राठौड़ की जीत की संभावनाओं का पता लगाना रहा। अनिल शर्मा का कहना रहा कि निजी स्कूलों की समस्याओं के समाधान में धर्मेन्द्र राठौड़ सहयोग कर रहे हैं, इसलिए हमारा दायित्व है कि हम चुनाव में राठौड़ की मदद करें।
विरोध भी:
निजी स्कूलों की संस्था स्कूल क्रांति संघ की प्रदेश अध्यक्ष हेमलता शर्मा ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ की खातिर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों को लेकर जो चुनावी राजनीति की जा रही है उससे स्कूल क्रांति संघ का कोई सरोकार नहीं है। संगठन व उससे जुड़े स्कूल इस प्रकार की ओछी राजनीति से दूर है। वहीं राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन महासंघ के अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि उनकी संस्थान शिक्षण के नाम पर राजनीति करने की निंदा करती है। कुछ अवसरवादी लोग स्कूलों के नाम पर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, ऐसे लोग कभी भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं होते। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की समस्याएं आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। सरकारी शिकंजे के कारण निजी स्कूलों का संचालन मुश्किल हो रहा है।
देवनानी और रलावता की भी नजर:
आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की अजमेर उत्तर क्षेत्र में चल रही गतिविधियों पर भाजपा के मौजूदा विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र सिंह रलावता की भी नजर है। रलावता ने ही 2018 में उत्तर क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में पराजित होने के बाद ही रलावता अपने क्षेत्र में पिछले पांच साल से सक्रिय हैं। लेकिन धर्मेन्द्र राठौड़ चाहते हैं कि इस बार रलावता की जगह उन्हें उम्मीदवार बना दिया जाए। राठौड़ की गतिविधियों से रलावता के समर्थक भी नाराज हैं। पिछले दिनों प्रदेश की सह प्रभारी अमृत धवन के आगमन पर रलावता और राठौड़ के समर्थक के बीच मारपीट भी हो चुकी है। राठौड़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के हैं, जबकि रलावता सचिन पायलट के साथ है।
S.P.MITTAL BLOGGER (12-06-2023)
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