यूरिया की बोरी विदेशों में तीन हजार रुपए तक में मिलती है, जबकि भारत में मात्र 266 रुपए में। यह है मोदी सरकार की गारंटी। सीकर में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में श्याम बाबा का नाम भी पुकारा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीखे अंदाज पर पीएम मोदी ने दिखाई विनम्रता। आखिर गफलत कहां हुई?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गारंटी योजनाओं और महंगाई राहत शिविर का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूरिया खाद की जो बोरी भारत में मात्र 266 रुपए मिलती है, वह अमेरिका में 3 हजार रुपए तक में मिल रही है। यही बोरी पाकिस्तान में 800 रुपए, बांग्लादेश में 720 रुपए और चीन में 21 सौ रुपए में मिल रही है। पहले कोरोना काल और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में महंगाई बढ़ी लेकिन भारत में इसका असर नहीं हुआ। हमने जो नीतियां बनाई उसी का परिणाम है कि आज भारत के किसानों को मात्र 266 रुपए में यूरिया की बोरी उपलब्ध हो रही है। 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास के साथ साथ देश के साढ़े आठ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के साथ खड़ी है। राजस्थान में बाजरा उत्पादन की स्थिति को देखते हुए मोदी ने कहा कि अब दुनिया भर में मोटे अनाज की मांग होने लगी है। मोटे अनाज का नाम श्री अन्न दिया है और दुनिया भर के बाजार में श्री अन्न की पहचान बनाई है। मोदी ने कहा कि किसानों को एक ही स्थान पर सब चीजें उपलब्ध हो जाए इसलिए प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र की शुरुआत की गई है। आज ही एक लाख 25 हजार ऐसे केंद्र शुरू किए गए हैं। साल के अंत तक इनकी संख्या पौने दो लाख हो जाएगी। इन केंद्रों पर किसान को खाद, बीज, औजार, मशीन और कृषि की आधुनिक जानकारियां भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इन केंद्रों का एक बार अवलोकन जरूर करें। पीएम ने अपने संबोधन में सीकर स्थित खाटू श्याम बाबा के नाम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि श्याम बाबा के आशीर्वाद से राजस्थान का और विकास किया जाएगा। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिला है। अब यहां वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं, तो वहीं एक्सप्रेस हाइवे का जाल बिछा हुआ है। अब कोई पर्यटक राजस्थान आएगा तो उसे अच्छा लगेगा। पीएम ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की। उन्होंने कहा कि गहलोत को इस कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन बीमार होने के कारण वे शामिल नहीं हुए।
पीएम मोदी ने दिखाई विनम्रता:
27 जुलाई को राजस्थान के सीकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के हस्तांतरण, मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास आदि के सरकारी कार्यक्रम में भाग लिया। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी शामिल होना था। पीएमओ की ओर से जारी प्रोग्राम में सीएम गहलोत का तीन मिनट का संबोधन निर्धारित किया गया, लेकिन ऐन मौके पर गहलोत का कार्यक्रम हटा दिया गया। इससे नाराज होकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री जी आप राजस्थान पधार रहे हैं, आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरा पूर्व निर्धारित तीन मिनट का संबोधन कार्यक्रम से हटा दिया है, इसलिए मैं आपका भाषण के माध्यम से स्वागत नहीं कर सकंूंगा। अत: मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में तहे दिल से स्वागत करता हंू। इसी ट्वीट में सीएम की ओर से कहा गया कि जिन 12 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है उसमें एक हजार 476 करोड़ रुपए का अंशदान राज्य सरकार करेगी। इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश से जुड़ी मांगों को भी प्रधानमंत्री के सामने रखे। सीएम गहलोत के इस ट्वीट के बाद पीएमओ ने ट्वीट के जरिए अपना पक्ष रखा। पीएमओ के ट्वीट में सीएम गहलोत को संबोधित करते हुए कहा गया कि प्रोटोकॉल के तहत आपको विधिवत आमंत्रित किया गया है और आपका भाषण भी निर्धारित है, लेकिन आपके कार्यालय से बताया गया कि आप कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली यात्राओं के दौरान भी आपको आमंत्रित किया गया, आपने उपस्थित होकर कार्यक्रमों की शोभा भी बढ़ाई। आज के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आपका हार्दिक स्वागत है। विकास कार्यों की पट्टिका पर भी आपका नाम लिखा हुआ है। पीएमओ के ट्वीट में यह भी कहा गया कि हाल ही में लगी चोट के कारण आपको शारीरिक परेशानी न हो। आपकी उपस्थिति को बहुत महत्व दिया जाएगा। पीएमओ और सीएमओ के ट्वीट से प्रतीत होता है कि दोनों दफ्तरों के बीच कोई गफलत हुई है। सवाल उठता है कि आखिर सीएमओ की ओर से पीएमओ को यह सूचना किसने भिजवाई की मुख्यमंत्री कार्यक्रम में भाग नहीं ले पाएंगे। यदि ऐसी सूचना नहीं आती तो पीएमओ के कार्यक्रम से सीएम गहलोत के संबोधन का कार्यक्रम नहीं हटाया जाता। प्रधानमंत्री कार्यालय ने तो बड़ा दिल दिखाते हुए नाराजगी के बाद भी सीएम गहलोत को कार्यक्रम में आमंत्रित कर दिया, यह बात अलग है कि जयपुर में सीएम का सरकारी कार्यक्रम होने के कारण सीएम गहलोत सीकर वाले समारोह में शामिल नहीं हो सके।
S.P.MITTAL BLOGGER (27-07-2023)
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