अजमेर उत्तर में धर्मेंद्र राठौड़ और पुष्कर में डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को कांग्रेस का उम्मीदवार मान कर मौजूदा भाजपा विधायक देवनानी और सुरेश रावत तैयारियां कर रहे हैं।
हालांकि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों पर अंतिम निर्माण नहीं लिया है। लेकिन दोनों ही दलों के संभावित उम्मीदवारों ने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है। अजमेर उत्तर और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र सामान्य है। इसलिए दोनों ही दलों में उम्मीदवारों की लंबी लाइन है। अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को पूर्ण भरोसा है कि पांचवीं बार भी उन्हें ही टिकट मिलेगा। इसलिए देवनानी ने अपनी सक्रियता और बढ़ा दी है। कांग्रेस के हालातों को देखते हुए प्रतीत होता है कि आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। राठौड़ को अपना प्रतिद्वंदी मानते हुए देवनानी ने हमले भी शुरू कर दिए हैं। अजमेर उत्तर से टिकट की चाहत रखने वाले भाजपा नेता भले ही धर्मेन्द्र राठौड़ और उनकी बहुचर्चित डायरियों पर खामोश हो, लेकिन देवनानी लगातार हमलावर है। पार्टी में कौन कौन से नेता टिकट मांग रहे हैं, इसकी परवाह किए बगैर देवनानी ने स्वयं को उम्मीदवार मानते हुए चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। देवनानी के समर्थकों को भी लगता है कि धर्मेन्द्र राठौड़ कड़ी टक्कर देंगे। राठौड़ तो पिछले एक वर्ष से देवनानी के सामने सक्रियता दिखा रहे हैं। उत्तर क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राठौड़ लगातार सक्रिय हैं। जनसमस्याओं से जुड़े राठौड़ के समारोह में भाजपा नेता भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। देवनानी के समर्थकों का तो आरोप यहां तक है कि भाजपा के कई जिम्मेदार नेता धर्मेन्द्र राठौड़ से मिले हुए हैं। हालांकि गत बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता भी क्षेत्र में सक्रिय हैं और उन्होंने संघर्ष करने का ऐलान भी कर दिया है। माना जा रहा है कि रलावता को टिकट नहीं मिलने पर वे किसी भी राजनीतिक दल के उम्मीदवार हो सकते हैं। यह सही है कि पराजित होने के बाद से ही रलावता अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र:
भाजपा के मौजूदा विधायक सुरेश रावत का भी मानना है कि पुष्कर से लगातार तीसरी बार भी उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा। रावत ने गत दोनों बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में श्रीमती नसीम अख्तर को हराया है। रावत के समर्थकों का मानना है कि इस बार पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जाएगा। डॉ. बाहेती की सक्रियता को देखते हुए सुरेश रावत भी अपने क्षेत्र में संघर्ष करने लगे हैं। अब छोटी छोटी समस्याओं को लेकर रावत सड़कों पर नजर आते हैं। हालांकि श्रीमती अख्तर ने भी अपनी सक्रियता बनाए रखी है। मौजूदा समय में भी श्रीमती अख्तर प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष हैं।
S.P.MITTAL BLOGGER (03-08-2023)
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