पुष्कर के मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश रावत का टिकट कटवाने और बाहरी नेताओं को रोकने के लिए चार दावेदारों ने गठबंधन किया। इससे विधायक समर्थकों में खलबली।
अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश रावत का आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट कटवाने और बाहरी नेताओं को रोकने के लिए पुष्कर क्षेत्र चार प्रमुख दावेदारों ने गठबंधन कर लिया है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय मंत्री और पुष्कर स्थित कपालेश्वर महादेव मंदिर के महंत सेवानंद गिरी (मो.9414415450), पीसांगन पंचायत समिति के पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत (मो.9414354846), राजस्थान रावत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शैतान सिंह रावत (मो.9414008777) तथा भाजपा ओबीसी मोर्चे के देहात जिला अध्यक्ष मदन सिंह रावत (मो. 9571072955) ने अपना गठजोड़ कर लिया है। पुष्कर क्षेत्र में इन चारों दावेदारों ने संयुक्त रूप से फ्लैक्स लगाए हैं। स्वाधीनता दिवस और रक्षा बंधन पर क्षेत्रवासियों को बधाई देने वाले इस फ्लेक्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो के साथ लिखा गया है कि जनता की मजबूरी बदलाव जरूरी है। यह फ्लैक्स पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि ये चारों दावेदार रावत समुदाय से संबंध रखते हैं। मौजूदा विधायक सुरेश रावत लगातार दो बार से भाजपा टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं। माना जाता है कि सुरेश रावत की जीत में रावत मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यही वजह है कि भाजपा के अन्य रावत नेता भी टिकट की मांग करते हैं। इन चारों प्रमुख दावेदारों को इस बात का अंदाजा रहा कि यदि अलग अलग टिकट मांगा गया तो एक बार फिर सुरेश रावत को ही उम्मीदवार बना दिया जाएगा। इसलिए अब इन चारों प्रमुख दावेदारों ने एक गठबंधन बना लिया है। भाजपा के प्रदेश नेताओं को संदेश दिया गया है कि हम चारों में से किसी को भी उम्मीदवार बना दिया जाए। रावत दावेदारों के गठबंधन का एक उद्देश्य बाहरी नेताओं को पुष्कर आने से रोकना भी है। इन दिनों कई बाहरी नेता पुष्कर में सक्रिय होकर भाजपा के टिकट की मांग कर रहे हैं। चारों दावेदारों का कहना है कि स्थानीय व्यक्ति की ही टिकट मिलने पर रावत समुदाय एकजुट होगा। यदि किसी बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बना दिया गया तो रावत नेता निर्दलीय खड़े हो कर भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। चारों दावेदारों ने इस बात को भी माना है कि सुरेश रावत के कार्यकाल में पुष्कर का अपेक्षित विकास नहीं हुआ है। जो समस्याएं दास वर्ष पहले थी, वे आज भी बनी हुई है। पवित्र सरोवर में आज भी दूषित पानी गिर रहा है। पिछले दस वर्षों में पांच वर्ष तो सुरेश रावत संसदीय सचिव के पद पर रहते हुए राज्य मंत्री की भूमिका में रहे। रावत समुदाय में भी मौजूदा विधायक के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
नेताओं का गठबंधन:
चार प्रमुख दावेदारों के गठजोड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक सुरेश रावत ने कहा कि भाजपा में लोकतांत्रिक व्यवस्था है, इसलिए हर कार्यकर्ता को टिकट मांगने का अधिकार है। लेकिन यह गठबंधन सिर्फ टिकट मांगने तक है,उन्होंने कहा कि रावत समुदाय ही नहीं बल्कि सर्व समाज में उनकी लोकप्रियता है। दस वर्ष के कार्यकाल में पुष्कर के मतदाताओं के सुख दुख में साथ रहे हैं। पुष्कर का चहुंमुखी विकास भी उनके माध्यम से हुआ है। पुष्कर क्षेत्र में जहां सड़कों का जाल बिछा वहीं केंद्र सरकार की अनेक योजनाओं का लाभ पुष्कर वासियों को दिलाया है। रावत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में पुष्कर के साथ भेदभाव हुआ है, जिसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में पुष्कर के मतदाता देंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (14-08-2023)
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