मंत्री कटारिया, मालवीय और सुभाष गर्ग संभाग मुख्यालयों पर ध्वजारोहण करेंगे, जबकि खाचरियावास नवगठित जिला केकड़ी में। धारीवाल, कल्ला जैसे मंत्रियों का पूरा सम्मान। टोंक में मुरारीलाल मीणा को भेज कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के प्रति नरम रुख दिखाया। अजमेर में संभागीय आयुक्त मीणा करेंगे ध्वजारोहण।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मन में क्या है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं और जो दिखता है, वह होता नहीं है। लेकिन ऐसे घाघ राजनेता की कार्यप्रणाली से कुछ तो अंदाजा लगाया जा सकता है। गहलोत अपने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से नाराज हैं, इसका पता 15 अगस्त को स्वाधीनता समारोहों में मंत्रियों के ध्वजारोहण की सूची से भी पता चलता है, कौन मंत्री किस जिले में ध्वजारोहण करेंगे, इसका निर्णय मुख्यमंत्री ही करते हैं। राजस्थान में तीन माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए इस बार का ध्वजारोहण हर मंत्री के लिए महत्वपूर्ण है। सीएम गहलोत ने मंत्री लालचंद कटारिया को सीकर, महेंद्रजीत मालवीय को बांसवाड़ा तथा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग को भरतपुर संभाग मुख्यालय पर ध्वजारोहण का अवसर दिया है, जबकि कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को नवगठित जिला केकड़ी में भेजा है। यह सही है कि खाचरियावास जयपुर शहर से विधायक हैं और जयपुर में राज्य स्तरीय समारोह होता है, जिसमें मुख्यमंत्री ही ध्वजारोहण करेंगे। लेकिन जब अन्य मंत्रियों को दूसरे बड़े जिलों में भेजा जा सकता है,तब खाचरियावास जैसे दबंग मंत्री को छोटे जिले में क्यों भेजा जा रहा है? केकड़ी से रघु शर्मा कांग्रेस के विधायक हैं। 11 अगस्त को जयपुर में हुई कांग्रेस पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में सीएम गहलोत ने खाचरियावास और रघु शर्मा दोनों को कड़ी फटकार लगाई थी। खाचरियावास को तो यहां तक कहा गया कि मैं मजबूरी में आपकी अनुशासनहीनता बर्दाश्त कर रहा हंू। खाचरियावास की तभी से बोलती बंद हैं। अब केकड़ी में ध्वजारोहण के निर्णय से खाचरियावास को और झटका लगेगा। गहलोत ने बड़ी सफाई से रघु और खाचरियावास को राजनीति की एक ही नाव में बैठा दिया है। वहीं सीएम गहलोत ने अपने प्रतिद्वंदी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के प्रति नरम रुख प्रदर्शित किया है। असल में पायलट से विवाद के चलते सीएम गहलोत ने रघु और खाचरियावास जैसे मंत्रियों को अपने गले में टांगा था। अब जब पायलट के साथ पहले जैसी प्रतिद्वंदिता नहीं है, जब रघु और खाचरियावास की दबंगता क्यों स्वीकार की जाए। सीएम ने पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में मंत्री मुरारीलाल मीणा को अवसर दिया है। मीणा पायलट के कोटे से ही मंत्री बने हैं। मीणा 2020 में पायलट के साथ दिल्ली भी गए थे। सीएम गहलोत ने खाचरियावास को भले ही केकड़ी भेजा हो, लेकिन शांति धारीवाल, बीडी कल्ला जैसे वरिष्ठ मंत्रियों के सम्मान का पूरा ख्याल रखा है। धारीवाल को कोटा और कल्ला को बीकानेर में ध्वज फहराने का अवसर दिया है। यानी दोनों मंत्री अपने गृह जिले में ही झंडारोहण करेंगे। संसदीय सचिव महेंद्र चौधरी को भी अपने गृह जिले नागौर में अवसर दिया है। इसी के साथ ही हेमाराम चौधरी बालोतरा, परसादी लाल मीणा गंगापुर सिटी, डॉ.महेश जोशी नीम का थाना, रामलाल जाट शाहपुरा, प्रमोद भाया बारां, विश्वेंद्र सिंह डीगा, उदयलाल आजना चित्तौडग़ढ़, साले मोहम्मद फलौदी, श्रीमती ममता भूपेश बैरवा दौसा, भजनलाल जाटव ब्यावर, टीकाराम जूली अलवर, गोविंद राम मेघवाल अनूपगढ़, श्रीमती शकुंतला रावत खैरथल, बृजेंद्र ओला चूरू, श्रीमती जाहिदा खान दूदू, अर्जुन सिंह बामनिया सलूंबर, अशोक चांदना बूंदी, भंवरसिंह भाट डीडवाना कुचामन, राजेंद्र सिंह यादव कोटपुतली बहरोड व सुखराम विश्नोई सांचोर में ध्वजारोहण करेंगे।
मीणा अजमेर में:
प्रदेश के 10 संभाग मुख्यालयों में से पांच में ध्वजारोहण के लिए मंत्रियों की नियुक्ति कर दी गई है, जबकि शेष पांच अजमेर, जोधपुर, उदयपुर और पाली में संभागीय आयुक्त को ही अधिकार दिया गया है। जयपुर में सीएम गहलोत स्वयं ध्वजारोहण करेंगे। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुरूप ही अजमेर में संभागीय आयुक्त सीआर मीणा ध्वजारोहण करेंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (14-08-2023)
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