तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पैरों पर खड़े हो गए हैं। अजमेर में परदेसियों से ना अखियां मिलाना वाला फिल्मी गाना सोशल मीडिया पर वायरल। भाजपा से आशीष सांड ने मसूदा और एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने पुष्कर से मजबूत दावेदारी जताई। वहीं कांग्रेस से राजेंद्र रावत ने पुष्कर में सक्रियता दिखाई।

कोई दो माह पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर स्थित अपने सरकारी आवास पर चोटग्रस्त हो गए थे, तब उनके दोनों पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर हो गया। डॉक्टरों ने अंगूठों पर जोर न डालने की सलाह दी। ऐसी स्थिति में सीएम गहलोत ने सरकारी समारोह में व्हीलचेयर पर बैठ कर ही भाग लिया। विगत दिनों जब राहुल गांधी डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम आए तब भी मंच पर सीएम गहलोत व्हीलचेयर पर बैठे और दोनों पैर सामने एक स्टूल पर रखे हुए थे। लेकिन पिछले दो दिनों से सीएम गहलोत मंच पर खड़े होकर भाषण देने लगे हैं। गहलोत इन दिनों सभी समारोह में खड़े होकर ही अपना संबोधन देते हैं। 
न अखियां मिलाना:
मुंबईया हिन्दी फिल्म जब जब फूल खिले में 1965 में लता मंगेशकर ने परदेशियों से न अखियां मिलाना वाला गाना गाया था। तब यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ, लेकिन राजनीति के जानकारों ने अजमेर की राजनीति के संदर्भ में अब इस गाने का उपयोग किया है। सोशल मीडिया पर इस गाने के बोल के साथ जो चित्र दिखाए गए हैं उनमें पूर्व सांसद आचार्य भगवान देव, विष्णु मोदी, पूर्व विधायक जगदीप धनखड़ (अब उपराष्ट्रपति), पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान के फोटो दिखाए गए हैं। इस वीडियो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि बाहर से राजनेता आते हैं और अजमेर में चुनाव जीत कर भाग जाते हैं। ऐसे बाहरी नेताओं का अजमेर से कोई संबंध नहीं होता। इस वीडियो के अंत में धर्मेन्द्र राठौड़ का फोटो भी लगाया गया है। मालूम हो कि धर्मेन्द्र राठौड़ अलवर के बानसूर में राजनीति करते रहे और अब अजमेर के उत्तर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस वीडियो के माध्यम से कहा गया है कि लोगों को परदेशियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। जानकार सूत्रों के अनुसार इस वीडियो को बनाने में  कांग्रेस के उन नेताओं का दिमाग रहा है जो राठौड़ को अजमेर से भगाना चाहते हैं। यह बात अलग है कि अजमेर के कई कांग्रेसी राठौड़ के साथ खड़े हुए हैं। 
मसूदा में आशीष सांड की दावेदारी:
अजमेर के मसूदा विधानसभा क्षेत्र से आशीष सांड ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत की है। मौजूदा समय में आशीष देहात भाजपा के कोषाध्यक्ष भी हैं। इससे पहले वे विजय नगर भाजपा मंडल की अध्यक्ष भी रहे हैं। पिछले बीस वर्षों से सांड मसूदा में भाजपा की राजनीति में सक्रिय हैं। भाजपा के सभी आंदोलनों में सांड ने सक्रिय भूमिका निभाई है। भाजपा का जो भी बड़ा नेता विजय नगर आता है उसकी मेहमान नवाजी सांड की ओर से ही की जाती है। सांड सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। हाल ही में अपने जन्मदिन पर सांड ने एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें भजन गायिका गीता रेबारी को आमंत्रित किया।  लायंस क्लब और महावीर इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं के माध्यम से सांड ने समय समय पर विकलांग सहायता शिविर भी लगाए हैं। इन शिविरों में विकलांगों को सुनने वाली मशीन से लेकर ट्राइसाइकिल तक नि:शुल्क दी है। पोलियोग्रस्त व्यक्तियों को कृत्रिम उपकरण भी हाथों हाथ दिलवाए हैं। पूरे मसूदा क्षेत्र में आशीष सांड की पहचान एक समाजसेवी के तौर पर बनी है। आशीष का कहना है कि भाजपा में कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाता है, इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत है। सांड ने भाजपा के राष्ट्रीय और प्रादेशिक पदाधिकारियों से भी आग्रह किया है कि जो नेता पूर्व में चुनाव हार गए हैं, उन्हें उम्मीदवार न बनाया जाए। इसी प्रकार जिन नेताओं ने बागी होकर मसूदा से चुनाव लड़ा उनका भी बहिष्कार होना चाहिए। पार्टी में युवाओं को महत्व दिए जाने की जरूरत है। आशीष सांड की राजनीतिक गतिविधियों की ओर अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9214310912 पर ली जा सकती है। 
पुष्कर से अशोक सिंह का दावा:
अजमेर के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से एडवोकेट अशोक सिंह रावत ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत की है। रावत पूर्व में पीसांगन पंचायत समिति के प्रधान भी रहे चुके हैं और रावत महासभा राजस्थान के महामंत्री भी रहे हैं। प्रधान के पद पर रहते हुए रावत ने समाज सेवा के उल्लेखनीय कार्य किए हैं। यह पंचायत समिति पुष्कर विधानसभा में ही आती है। भाजपा के जन आंदोलन में भी रावत ने सक्रिय भूमिका निभाई है। पूर्व में भाजपा किसान मोर्चे के महामंत्री भी रहे हैं। रावत का मानना है कि मौजूदा विधायक सुरेश रावत की गत दो बार की जीत में रावत समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। क्योंकि रावत समाज में उनकी लोकप्रियता सबसे ज्यादा है इसलिए उनकी दावेदारी पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए। रावत जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। रावत ने कहा कि पुष्कर एक धार्मिक तीर्थ स्थल है। ऐसे में उन्हें विधायक बनने का अवसर मिलता है तो वे पुष्करवासी के अनुरूप विकास कार्य करवाएंगे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि बरसात के दिनों में आज भी गंदा पानी पुष्कर सरोवर में गिरता है। अशोक सिंह रावत की राजनीतिक गतिविधियों की ओर अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9950060966 पर ली जा सकती है। 
कांग्रेस से राजेंद्र रावत:
पुष्कर विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस उम्मीदवार के लिए एडवोकेट राजेंद्र सिंह रावत ने अपनी दावेदारी जताई है। राजेंद्र रावत का कहना है कि पूर्व में पुष्कर कांग्रेस का गढ़ रहा। लेकिन गत दो बार से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। पुष्कर में भाजपा की जीत का प्रमुख कारण रावत मतदाताओं की संख्या है। चूंकि रावत समाज एकजुट होकर अपनी जाति के उम्मीदवार को वोट देता है, इसलिए दो बार से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर सुरेश रावत विजयी हो रही हैं। लेकिन सुरेश रावत की कार्यशैली को लेकर रावत समुदाय में नाराजगी बढ़ रही है। ऐसे में कांग्रेस यदि मेरे जैसे रावत नेता को उम्मीदवार बनाती है तो कांग्रेस की जीत सुनिश्चित हो सकती है। राजेंद्र रावत ने कहा कि जो नेता बाहर से आकर पुष्कर में चुनाव लड़ना चाहते हैं उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए। मैंने पार्टी के निर्देश पर जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ा। यह बात अलग है कि मुझे सफलता नहीं मिली, लेकिन मैंने पार्टी के निर्देशों का पालन किया। निष्पक्ष सर्वे में भी मेरी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मैंने भाजपा में रहते हुए भी समाज सेवा के अनेक कार्य किए जिनका लाभ अब कांग्रेस को मिल सकता है। मालूम हो कि उपेक्षा के चलते राजेंद्र रावत ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ा था। राजेंद्र रावत की राजनीतिक गतिविधियों की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414252726 पर ली जा सकती है। 


S.P.MITTAL BLOGGER (25-08-2023)

Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511

Print Friendly, PDF & Email

You may also like...