हिन्दू विचारधारा से ही दूसरों की धार्मिक आजादी की रक्षा हो सकती है-विवेक रामास्वामी, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार। दुर्गा पूजा विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण है-कोलकाता हाईकोर्ट। चंद्रमा पर अब शिव शक्ति पॉइंट। भारत की सनातन संस्कृति का इससे ज्यादा प्रभाव और महत्व क्या होगा?

विगत दिनों कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कैंपस में संत मोरारी बापू ने राम कथा की तो इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी शामिल हुए। सुनक ने बापू के साथ जय श्रीराम का नारा लगाया और इस सच्चाई को स्वीकार किया कि वे सनातन धर्म को मानते हैं, इसलिए इंग्लैंड पर अच्छी तरह शासन कर रहे हैं। सुनक ने कहा कि हिन्दू होने पर मुझे गर्व है। अब अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार रिपब्लिकन पार्टी के विवेक रामास्वामी ने कहा कि मैं हिन्दू धर्म को मानता हंू। यह मुझे मेरे परिवार से विरासत में मिला है। एक हिन्दू होने के नाते मैं अन्य नेताओं के मुकाबले दूसरों की धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकारों की बेहतर ढंग से रक्षा कर सकता हंू। मेरा उद्देश्य अमेरिकी समाज में परिवार, आस्था और देश भक्ति के मूल्यों को सहजना है। अमेरिकी समाज इन मूल्यों को खोता जा रहा है। अमेरिका में असल समस्या विभिन्न धर्मों में नहीं, बल्कि परंपरागत रूप से धर्म को मानने वालों और धर्मनिरपेक्षता (सेक्युलरिज्म) को धर्म के रूप में मानने वालों के बीच में है। यानी जिस हिन्दू विचारधारा से ऋषि सुनक इंग्लैंड पर शासन कर रहे हैं, उसी विचारधारा के अनुरूप अमेरिका में शासन करने के लिए विवेक रामास्वामी भी तैयार हैं। सब जानते हैं कि अमेरिका और इंग्लैंड ईसाई राष्ट्र है, लेकिन इन दोनों राष्ट्रों में भी सनातन संस्कृति को महत्व दिया जा रहा है। इंग्लैंड और अमेरिका में रहने वाले ईसाई भी मानते हैं कि जिस तरह कट्टरपंथ बढ़ रहा है, उसमें हिन्दू धर्म के माध्यम से ही सुरक्षित रहा जा सकता है। हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा देता है। 
विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण:
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी की सरकार ने आगामी नवरात्र पर सार्वजनिक पार्कों, सड़कों, फुटपाथों आदि पर धार्मिक पूजा करने पर रोक लगा दी। इस रोक के विरोध में दुर्गा पूजा से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की। इन याचिकाओं पर निर्णय देते हुए ही जस्टिस सब्य सांची भट्टाचार्य ने कहा कि दुर्गा पूजा सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष त्योंहार है। इसे केवल धार्मिक पूजा के अर्थ तक सीमित नहीं किया जा सकता। यह विभिन्न संस्कृतियों का मिश्रण हैं। इसमें समारोह और सांस्कृतिक आयोजन का भी तत्व है इस अर्थ में दुर्गा पूजा महोत्सव की किसी विशेष समुदाय के शुद्ध धार्मिक प्रदर्शन की तुलना में कहीं अधिक धर्मनिरपेक्ष प्रकृति है। यानी कोलकाता हाईकोर्ट ने भी माना है कि नवरात्र में दुर्गा पूजा का सभी के लिए महत्व है। सनातन संस्कृति की मान्यता के अनुसार शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा की शक्ति से संपूर्ण समाज का भला होता है। मां दुर्गा उन शक्तियों का नाश करती हैं जो समाज को नुकसान पहुंचाती है। 
शिव शक्ति पॉइंट:
इसे भी सनातन संस्कृति का प्रभाव और महत्व ही कहा जाएगा कि जिस चांद पर पूरी दुनिया अध्ययन कर रही है, उस चांद की जमीन पर शिवशक्ति पॉइंट भी बन गया है। कोई माने या नहीं लेकिन भारत के चंद्रयान तीन की सफल लैंडिंग ईश्वरीय शक्ति की वजह से ही हुई। ऐसे में यदि लैंडिंग स्थल का नाम शिव शक्ति रखा जाता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। हमने चंद्रमा पर शिव की शक्ति को पहुंचाया है। विभिन्न धर्मों में भी चंद्र ग्रह का उल्लेख मिलता है। कई धर्मों का कैलेंडर तो चांद के दिखने पर ही निर्भर है। कहा जा सकता है कि अनेक धर्मों में चांद का खास धार्मिक महत्व है। जिस चांद की इतनी महिमा है उस चांद पर शिव शक्ति पॉइंट बनना हर सनातनी के लिए गर्व की बात है। सनातन संस्कृति का इससे ज्यादा प्रभाव और महत्व क्या होगा, जब हर निर्णय में सनातन संस्कृति के विचारों का उपयोग हो रहा है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (27-08-2023)
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