पाकिस्तान ही नहीं, चीन भी चाहता है नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटवाना, इसलिए श्रीलंका के समुद्र में एक और जासूसी जहाज उतर रहा है। 31 अगस्त को फिर जुटेंगे विपक्षी दलों के नेता।
भारत में लोकसभा के चुनाव अगले वर्ष मई में होंगे, लेकिन इससे पहले इसी वर्ष अक्टूबर नवंबर में चीन अपना जासूसी जहाज शी यान-6 श्रीलंका के समुद्र में उतार देगा। चीन अपने इस जहाज से भारत के आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु राज्यों के तटीय इलाकों पर आसानी से जासूसी कर सकेगा। चीन सीधे तौर पर भले ही लोकसभा चुनाव को प्रभावित नहीं करे, लेकिन चीन की ओर से भारत को कमजोर दिखाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि विपक्षी दलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने का अवसर मिल सके। लद्दाख की सीमा पर कथित कब्जे को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पहले ही मोदी पर हमलावर हैं। राहुल का आरोप है कि चीन ने हमारी हजारों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है, हालांकि ऐसे आरोपों का सेना के अधिकारी खंडन कर चुके हैं। कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता भारत के मुकाबले भले ही चीन को ताकतवर बताते हों, लेकिन चीन के तानाशाह राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भारत की सेना की ताकत को लद्दाख सीमा पर देख चुके हैं। लद्दाख सीमा पर मात खाने के बाद ही चीन ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए मणिपुर जैसी घटनाओं को अंजाम दिलवाया है। चीन का मकसद भारत में प्रधानमंत्री मोदी को कमजोर दिखाना है। हालांकि पहले पाकिस्तान ने भी मोदी के खिलाफ ऐसी कार्यवाहियां की थी, लेकिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर मोदी ने पाकिस्तान से आने वाले आतंकवाद की कमर तोड़ दी। आज जम्मू कश्मीर में रिकॉर्ड पर्यटन हो रहा है। वहीं पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। अब पाकिस्तान तो भारत से मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए पाकिस्तान, चीन के कंधे पर सवार हो गया है। जहां तक श्रीलंका का सवाल है तो श्रीलंका पूरी तरह चीन के कर्ज पर निर्भर है। श्रीलंका ने पहले ही अपना बंदरगाह हंबनटोटा चीन को लीज पर दे रखा है। अब जासूसी जहाज शी यान-6 को भी भारतीय समुद्री सीमा से सटे समुद्र में खड़े होने की अनुमति दे दी है। असल में चीन नहीं चाहता है कि एशिया महाद्वीप में भारत ताकतवर बने। चीन को भारत की विपक्षी पार्टियों का भी सहयोग मिल जाता है। जिस प्रकार विपक्षी पार्टियां किसी भी कीमत पर मोदी को पीएम पद से हटवाना चाहती हैं, उसी प्रकार चीन भी मोदी को हटवाना चाहता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पता है कि मोदी के पीएम रहते चीन एक मात्र शक्तिशाली राष्ट्र नहीं बन पाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह पीएम मोदी का ही दबदबा है कि जी-20 के दिल्ली में होने वाले सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन चार दिनों तक रहेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन सितंबर के पहले सप्ताह में होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति दो दिन पहले दिल्ली आ जाएंगे। भारत के विपक्षी दल चाहे कुछ भी कहे, लेकिन यह भारत का दबदबा ही है कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश राष्ट्रपति चार दिन दिल्ली में रहेंगे। जी-20 समूह की अध्यक्षता करना भी भारत के लिए गर्व की बात है।
31 को मुंबई में जुटेंगे:
विपक्षी दलों ने जो इंडिया नाम का गठबंधन बनाया है उसकी बैठक 31 अगस्त को मुंबई में हो रही है। इस बैठक में भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद से हटाने की रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले देश के पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन गठबंधन की बैठक का उद्देश्य लोकसभा की रणनीति पर है। असल में कांग्रेस राज्यों में जिन क्षेत्रीय दलों से लड़ रही है वही दल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं। ऐसे में देखना होगा कि यह गठबंधन कितना सफल होता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (28-08-2023)
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