जब मोदी को हटाने के लिए विपक्षी दल एक हो सकते हैं तो मोदी संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुला सकते? पांच दिन के सत्र में गणेश चतुर्थी भी। गणेशजी तो विघ्नहर्ता हैं। नए संसद भवन की शुरुआत भी। क्या कांग्रेस राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव लोकसभा के साथ करवाने पर सहमत होगी? वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी बनी।
राजनीति शतरंज का खेल है। 31 अगस्त को जब विपक्षी दलों के नेता मुंबई में एकत्रित हो कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने की रणनीति बना रहे थे, तभी दिल्ली से खबर आई कि मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। जो मीडिया विपक्षी दलों के नेताओं के फोटो दिखा रहा था, वही मीडिया संसद के विशेष सत्र के कारणों का पता लगाने में जुट गया। सभी चैनलों की डिबेट भी विशेष सत्र पर होने लगी। सब जानते हैं कि विपक्ष के इंडिया गठबंधन में अधिकांश वो ही दल हैं जिनकी राजनीति मुस्लिम वोटो पर आधारित है। मुसलमानों के एकमुश्त वोट मिलने के कारण ही अनेक नेता मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश यादव जैसे नेता जो मुख्यमंत्री नहीं है, वे भी अपने राज्य में मजबूत स्थिति में है। ऐसे विपक्षी दलों की रणनीति भी एक विचारधारा के अनुरूप ही होती है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीति में भी अपनी सनातन संस्कृति को महत्व देते हैं, क्योंकि सनातन संस्कृति सभी विचारधारा को साथ लेकर चलने की क्षमता रखती है। जब विपक्षी दल मोदी को हटाने के लिए एकजुट हो सकते हैं, तब प्रधानमंत्री बने रहने के लिए मोदी विशेष सत्र क्यों नहीं बुला सकते? इस विशेष सत्र को लेकर विपक्षी दल कई तरह के सवाल उठा रहे हैं। जबकि सनातन संस्कृति में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। घर परिवार में जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले गणेश जी को निमंत्रित किया जाता है। ताकि शुभ कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाए। विशेष सत्र के पांच दिनों में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। सूत्रों के अनुसार इस दिन नए संसद भवन की शुरुआत हो सकती है। स्वाभाविक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन गणेश पूजा ही करेंगे ताकि नए संसद भवन को आसुरी शक्तियों से बचाया जा सके। हमारे गणेशजी में वो बुद्धिमता और शक्ति है जिससे संसद को आसुरी शक्तियों से बचाया जा सकता है। 23 अगस्त को ांद पर जिस स्थल पर हमारा चंद्रयान-3 लैंड हुआ उस स्थान का नाम भी शिवशक्ति पॉइंट रखा गया है। यही वजह है कि हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत सफल हो रही है और चंद्रयान-3 सटीक जानकारियां भेज रहा है।
कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी:
एक सितंबर को केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। 31 अगस्त को जब संसद के विशेष सत्र की घोषणा हुई तभी से यह प्रचारित हो रहा था कि विशेष सत्र में वन नेशन वन इलेक्शन का बिल लाया जा सकता है। लेकिन मोदी सरकार ने कमेटी का गठन कर इन कयासों पर विराम लगा दिया है। अब कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही संसद में प्रस्ताव आएगा। रिपोर्ट तैयार करने के लिए रामनाथ कोविंद को देश के सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से संवाद करना होगा, इसमें समय लगेगा, लेकिन सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव के साथ राजस्थान, मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं के चुनाव कराने पर सहमत होगी। 2018 के चुनावों में इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली थी। लेकिन 6 माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों की 68 लोकसभा सीटों में 51 सीट भाजपा को मिली थी। राजस्थान में तो लोकसभा चुनाव में 200 विधानसभा क्षेत्रों में 160 पर भाजपा को बढ़त हासिल हुई। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं के सामने मोदी का चेहरा होता है। जिसका फायदा भाजपा उम्मीदवारों को मिलता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-09-2023)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511