जब एप्पल को ही अपनी चेतावनी पर भरोसा नहीं तो फिर हंगामा किस बात का? सबसे ज्यादा घबराहट पुलिस अफसरों में। तो फिर उपभोक्ता महंगा आईफोन क्यों खरीदेगा।
आईफोन का निर्माण करने वाली कंपनी एप्पल ने अपने उपभोक्ताओं को सुरक्षा को लेकर जो एडवाइजरी जारी की है, उसमें यह स्पष्ट लिखा है कि यह संभव है कि यह एक गलत अलार्म हो। यानी एप्पल को स्वयं को ही अपनी एडवाइजरी पर भरोसा नहीं है। एप्पल ने यह एडवाइजरी भारत सहित 150 देशों के अपने उपभोक्ताओं को जारी की है। लेकिन भारत में विपक्षी दलों ने इस एडवाइजरी को मुद्दा बना लिया है। राहुल गांधी सहित विपक्ष के नेताओं का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार उनके फोन की जासूसी करवा रही है। एप्पल की एडवाइजरी को आगे रखकर अब विपक्षी दल मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैँ। सवाल उठता है कि जिस एडवाइजरी पर स्वयं एप्पल को भरोसा नहीं है, उस पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है? हालांकि केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए जांच करवाने की बात कही है। सवाल यह भी है कि सरकार किस बात की जांच करवाएगी? ऐसा कोई कारण नहीं है जिसकी वजह से जांच हो। भारत में एप्पल की एडवाइजरी सिर्फ विपक्ष के नेताओं को ही नहीं मिली, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं और मंत्रियों को मिली है। सवाल उठता है कि सरकार अपने नेताओं की जासूसी क्यों करवाएगी? सवाल यह भी है कि एप्पल की ओर से यह दावा किया जाता है कि उनका फोन बेहद सुरक्षित है। फोन का डेटा चुराया नहीं जा सकता। यहां तक कि आईफोन के उपभोक्ता की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी नहीं हो सकती है। अधिकांश उपभोक्ता सुरक्षा की वजह से भी आईफोन खरीदते हैं। अब जब एप्पल को ही फोन की सुरक्षा पर संदेह है तो फिर उपभोक्ता महंगा आईफोन क्यों खरीदना? एप्पल ने हाल ही में आईफोन-15 निकाला है, उसकी कीमत 80 हजार रुपए से दो लाख रुपए तक है। दो लाख रुपए खर्च करने के बाद भी यदि उपभोक्ता का मोबाइल डाटा सुरक्षित नहीं है तो फिर ऐसा फोन किस काम का है? एप्पल ने बेवजह की जो एडवाइजरी जारी की है, उससे बाजार में आईफोन की बिक्री घटेगी। एप्पल की इस एडवाइजरी से सबसे ज्यादा घबराहट पुलिस अफसरों में है। चूंकि आईफोन से बातचीत की रिकॉर्डिंग नहीं हो सकती है, इसलिए राजस्थान सहित देशभर के पुलिस अधिकारी आईफोन ही रखते हैं। राजस्थान में शायद ही कोई पुलिस इंस्पेक्टर होगा जिसके पास आईफोन न हो। सामने वाला व्यक्ति रिकॉर्डिंग न कर सके, इसलिए अधिकांश पुलिस इंस्पेक्टर आईफोन ही रखते हैं। जो व्यक्ति प्रशासन में दलाली का काम करते हैं वे भी आईफोन रखते हैं। ऐसे लोग भी अब आईफोन खरीदने में रुचि नहीं दिखाएंगे।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-11-2023)
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