लोकसभा चुनाव से पहले तक लोगों को भाजपा अयोध्या धाम की यात्रा मुफ्त करवाएगी। इसीलिए अब की बार 400 पार का नारा। आखिर कांग्रेस सनातन धर्म के प्रति ऐसा प्रेम क्यों नहीं दिखाती।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बार-बार कहा कि देश के लोगों को अयोध्या धाम की यात्रा नि:शुल्क करवाई जाएगी। तब ऐसा लगा कि यह यात्रा सरकारी खर्चे पर होगी, लेकिन 2 जनवरी को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में भाजपा के बड़े पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि 22 जनवरी को भगवान राम की प्रतिमाओं की स्थापना होने के बाद 25 जनवरी से देशभर में भाजपा के कार्यकर्ता अभियान चलाकर लोगों को अयोध्या धाम की यात्रा नि:शुल्क करवाएंगे। भाजपा का नि:शुल्क यात्रा का यह अभियान 25 मार्च तक चलेगा। सब जानते हैं कि देश में लोकसभा के चुनाव मई माह में होती है और अप्रैल माह से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो ाजएगी। यानी चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने तक भाजपा के कार्यकर्ता लोगों को अयोध्या की यात्रा करवाएंगे। स्वाभाविक है कि इस अभियान का फायदा चुनाव में भाजपा को ही मिलेगा। सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के कण कण में भगवान राम विराजते हैं, अब जब अयोध्या में जन्म स्थान वाली जगह पर भव्य मंदिर बन गया है, तब हर सनातन प्रेमी अयोध्या धाम की यात्रा करना चाहता है। जो यात्रा करवाएगा उसे भी पुण्य की प्राप्ति होगी। भाजपा एक राजनीतिक दल है। किसी भी राजनीतिक दल को पुण्य प्राप्ति की इच्छा चुनाव में ही होती है। अयोध्या धाम की यात्रा करने पर लोग यदि भाजपा को वोट देते हैं तो इसमें ऐतराज की कोई बात नहीं है। जब भगवान राम सबके हैं, तब कांग्रेस भी लोगों को अयोध्या धाम की यात्रा नि:शुल्क करवा सकती है, लेकिन कांग्रेस तुष्टीकरण के जिस जाल में फंसी हुई है, उसकी वजह से अयोध्या धाम की यात्रा नहीं करवाएंगी। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस सनातन धर्म से परहेज करने के कारण ही कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मुसलमानों के वोट क्षेत्रीय दल प्राप्त कर रहे हें और कांग्रेस को सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों के वोट भी नहीं मिल रहे है। यही वजह है कि 545 में से कांग्रेस के लोकसभा में मात्र 52 सांसद हैं। कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाने का प्रयास तो कर रही है, लेकिन उसे सफलता मिलना मुश्किल है। हो सकता है कि इस बार चुनावों में कांग्रेस सांसदों की संख्या 52 भी कम हो जाए। जबकि वहीं भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दे दिया है। मौजूदा समय में भाजपा के 303 सांसद हैं। इस बार भाजपा चार सौ सांसदों की चाहत रखती है। यदि 545 में से भाजपा के चार सौ सांसद होते हैं तो यह भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में आने वाली बाधाओं को भी भाजपा ने ही हटाया। कांग्रेस माने या नहीं, लेकिन आज देश का हर नागरिक स्वीकार करता है कि अयोध्या में राम मंदिर भाजपा और पीएम मोदी की वजह से ही बना है। स्वाभाविक है कि इसका फायदा चुनाव में भाजपा को ही मिलेगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद पीएम मोदी देश भर में सभाओं को संबोधित भी करेंगे। हिंदी भाषी राज्यों में तो भाजपा का दबदबा है ही। इस बार पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल जैसे राज्यों में भी भाजपा अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने का काम कर रही है ताकि सांसदों की संख्या चार सौ के पार की जा सके। 

S.P.MITTAL BLOGGER (03-01-2024)
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