निंबार्क पीठ के पीठाधीश्वर श्याम शरण महाराज को अजमेर से लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनाने पर मंथन। देश भर में निंबार्क पीठ के करोड़ों अनुयायी हैं।

राजस्थान में मार्बल नगरी किशनगढ़ के निकट स्थापित निम्बार्क पीठ के पीठाधीश्वर श्री श्याम शरण महाराज को अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा में उच्च स्तर पर मंथन हो रहा है। अंतिम निर्णय श्री श्याम शरण महाराज की सहमति के बाद होगा। यदि श्याम शरण महाराज को भाजपा उम्मीदवार बनाया जाता है तो देश भर में भाजपा के पक्ष में सकारात्मक माहौल बनेगा। निम्बार्क पीठ के अनुयायी देश भर में है। इनकी संख्या करोड़ों में बताई जाती है। निम्बार्क पीठ को सनातन धर्म का प्रतीक ही माना जाता है। यही वजह है कि निम्बार्क तीर्थ में भगवान विष्णु के अवतार माने वाले सूक्ष्म शालिग्राम विराजित हैं। अजमेर जिले में भी निम्बार्क पीठ को बहुत मान सम्मान के साथ देखा जाता है। पीठाधीश्वर श्याम शरण महाराज जो प्रवचन देते हैं उसे सनातन धर्म को मानने वाले गंभीरता से सुनते हैं। निम्बार्क पीठ में भाजपा और कांग्रेस के नेता भी श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के नेता भी आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पीठाधीश्वर श्याम शरण महाराज का राजनीति में सीधा कोई दखल नहीं है, लेकिन उनका झुकाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति हे। श्याम शरण जी महाराज ने अनेक अवसरों पर संघ के हिंदुत्व का समर्थन किया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी निम्बार्क पीठ आकर श्याम शरण महाराज का आशीर्वाद लिया है। संघ की ओर से जब धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया जाता है, तब निम्बार्क पीठ के पीठाधीश्वर  की उपस्थिति महत्वपूर्ण होती है। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिन चुनिंदा धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया गया है, उसमें श्यम शरण महाराज भी शामिल हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण में निम्बार्क पीठ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। निम्बार्क पीठ के प्रति आदर को देखते हुए ही पीठाधीश्वर श्याम शरण महाराज को लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाने पर मंथन हो रहा है। यूं तो श्याम शरण महाराज की उम्मीदवारी का असर देश भर में होगा, लेकिन राजस्थान में ज्यादा असर माना जा रहा है। यदि श्याम शरण महाराज की सहमति होती है तो भाजपा को उम्मीदवार बनाने पर कोई ऐतराज नहीं है। यहां यह उल्लेखनीय है कि हाल ही के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने चार धर्म गुरुओं को उम्मीदवार बनाया था, इन सभी की जीत हुई। इनमें बाबा बालक नाथ, महंत प्रतापपुरी, ओटाराम देवासी और बालमुकुंद आचार्य है। हालांकि अजमेर से भाजपा के कई दिग्गज नेता भी चुनाव लड़ने के इच्छुक है, लेकिन इन सब में श्याम शरण महाराज का पलड़ा सबसे भारी हैं। यदि श्याम शरण महाराज भाजपा के उम्मीदवार होते हैं तो कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस श्याम शरण महाराज पर कोई आरोप नहीं लगा सकेगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (08-01-2024)

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