152 शंकराचार्य कहां से आए? निरंजन पीठ के आचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद ने सवाल उठाया?
निरंजन पीठ के आचार्य स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज 14 जनवरी को अजमेर प्रवास पर रहे, यहां उन्होंने आजाद पार्क में आयोजित सौ अरब राम नाम मंत्र वाली पुस्तकों की परिक्रमा का शुभारंभ किया। अजमेर प्रवास के दौरान ही स्वामी जी मेरे पुष्कर रोड स्थित आवास पर परिजनों को आशीर्वाद देने भी पधारे। मेरी 90 वर्षी माताजी कुंती देवी, पत्नी अचला मित्तल, पुत्र एडवोकेट हर्षित मित्तल, पुत्रवधु सीएम सलोनी मित्तल आदि ने आचार्य श्री का स्वागत किया और चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य श्री हमारे नवनिर्मित ऑफिस में कुछ धर्म प्रेमियों से संवाद भी किया। हमारे परिवार के सदस्य और मेड़ता के समाजसेवी जुगल किशोर अग्रवाल ने आचार्य श्री से जानना चाहा कि देश में कितने शंकराचार्य हैं और इन शंकराचार्यों की धर्म के क्षेत्र में क्या भूमिका है। इस पर आचार्य श्री ने कहा कि यंू तो देश में शंकराचार्य की चार पीठ है, इनमें ज्योतिष पीठ, गोवर्धन पीठ, श्रृंगेरी पीठ तथा द्वारिका पीठ है। लेकिन आचार्य श्री ने इस पर अफसोस जताया कि आज देश में 152 व्यक्ति स्वयं को शंकराचार्य होने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने माना कि इन सब बातों से सनातन धर्म को नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि जो चार प्रमुख पीठ है उनमें से भी सिर्फ एक गोवर्धन पीठ पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी की शास्त्र सम्मत शंकराचार्य के पद पर नियुक्ति है। श्रृंगेरी और द्वारिका पीठ के शंकराचार्य के पद रिक्त हैं। जो जोग शंकराचार्य होने का दावा कर रहे हैं, वे स्वघोषित हैं। ज्योतिष पीठ पर अभिमुक्तेशानंद की नियुक्ति का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में सनातन धर्म के पक्ष में सकारात्मक माहौल है, जब वे शंकराचार्यों को लेकर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते। लेकिन जो लोग स्वयं को शंकराचार्य घोषित कर रहे हैं, उन्हें सनातन धर्म की मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए। हमारी चारों पीठ बेहद ही सम्मानजनक है। समाजसेवी और अजमेर के प्रमुख व्यवसायी भगवान चंदीराम ने सनातन धर्म के महत्व के बारे में जानना चाहा तो आचार्य श्री ने कहा कि अन्य धर्मों के मुकाबले सनातन धर्म बहुत उदार और सहनशील है। सनातन धर्म को मानने वाले लोग ही बिना डरे अपने धर्म की आलोचना कर लेते हैं। जबकि ऐसा अन्य धर्म में देखने को नहीं मिलता। मुस्लिम धर्म का व्यक्ति अपने धर्म के विपरीत कोई बात कहता तो सबसे पहले मुस्लिम धर्म के लोग ही नियंत्रण का काम करते हैं। अन्य धर्म की आलोचना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि एक सीमा तक तो आलोचना हो सकती है, लेकिन जब धर्म को नुकसान हो तो सभी सनातनियों को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय देश में जो माहौल है, उसकी वजह से अयोध्या में राम मंदिर बना है। राम मंदिर बनने के कारण देश का हर नागरिक खुश है। आचार्य श्री अपने अजमेर प्रवास में समाजसेवी अमित डाणी के जयपुर रोड स्थित निवास पर भी पहुंचे, यहां श्री सीताराम गोयल, पार्षद भारती श्रीवास्तव, अशोक मुदगल, सुभाष काबरा, अशोक पंसारी, उमेश गोयल, रमेश अग्रवाल, ओम प्रकाश मंगल, गिरधारी मंगल, रमाकांत बाल्दी, मुकुल डाणी, विजय गोयल, एसके ऐरन, सुनील गोयल, यश डाणी, ओझा जी आदि गणमान्य नागरिकों ने स्वागत किया। इसी प्रकार पुष्कर रोड स्थित एसपी मित्तल के आवास पर दिनेश गर्ग, राजेंद्र गुप्ता, प्रवीण अग्रवाल, अरविंद गर्ग, कमल मित्तल, संतोष कंसवा, चांदमल बंजारा, नारायण सोनी आदि ने स्वागत किया। ऋषि घाटी स्थित जगदीशपुरी मंदिर परिसर में समाजसेवी विष्णु चौधरी की ओर से आचार्य श्री का अभिनंदन किया गया। इसी प्रकार रोडवेज बस स्टैंड के पीछे मिशन कंपाउंड में प्रमुख व्यवसायी राजेश मालवीय के निकवास पर भी आचार्य श्री ने परिजन को आशीर्वाद दिया।
S.P.MITTAL BLOGGER (15-01-2024)
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