पाकिस्तान में बेटी मरियम द्वारा पिता नवाज शरीफ के पैर छूने को हिंदू धर्म से जोड़ा। आखिर पाकिस्तान के अधिकांश मुसलमानों को हिंदुओं की परंपराओं से इतनी नफरत क्यों हैं? भारत में लाखों हिंदू दरगाहों में जाकर जियारत करते हैं।

पड़ोसी देश पाकिस्तान का माहौल कितना खराब है, इसका अंदाजा पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री  मरियम नवाज के अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पैर छूने की घटना से लगाया जा सकता है। मरियम ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद अपने पिता नवाज शरीफ के पैर छुए और आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दृश्य के वीडियो जब मीडिया में दिखाए गए तो पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने इसे हिंदू धर्म से जोड़ दिया। कट्टरपंथियों का कहना रहा है कि इस्लाम में बेटी द्वारा पिता के पैर छूने की कोई व्यवस्था नहीं है, ऐसा हिंदू धर्म में होता है। घटना के बाद नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज की आलोचना हो रही है। सवाल उठता है कि पाकिस्तान के कट्टरपंथियों को हिंदू धर्म की परंपराओं से इतनी नफरत क्यों हैं? यह माना कि बेटी द्वारा पिता के पैर छूने की परंपरा हिंदू धर्म में ही है, लेकिन इस परंपरा में क्या गलत है? जब कोई बेटी उपलब्धि हासिल करती है तो सबसे पहले अपने पिता से ही आशीर्वाद लेती है। मरियम ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यदि पिता नवाज से आशीर्वाद लिया है तो इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। यह किसी धर्म का मामला नहीं है बल्कि एक बेटी का अपने पिता के प्रति श्रद्धा (अकीदत) जताना है। भारत की सनातन संस्कृति में तो पिता और बेटी के रिश्ते को बहुत पवित्र माना गया है। यहां तक मान्यता है कि जिस पिता के घर में बेटी है, उस पिता को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। जब पिता अपनी बेटी का कन्यादान करता है तो सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए मृत्यु के बाद आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसा नहीं कि इस्लाम धर्म में बेटी का सम्मान न किया गया हो। इस्लाम में मां के संबंध में तो बहुत अच्छे विचार व्यक्त किए गए है। मां के दामन को ही जन्नत माना गया है। एक बेटी ही मां बनती हे। इसमें कोई दो राय नहीं कि मरियम ने जब पिता नवाज शरीफ के पैर छूए तो उन्होंने पीठ पर हाथ रखकर भरपूर आशीर्वाद दिया। यह दृश्य बता रहा था कि बेटी के मुख्यमंत्री बनने से सबसे ज्यादा खुशी पिता को हुई है। पिता बेटी के इस आत्मीय मिलन पर यदि कट्टरपंथियों को ऐतराज है तो फिर यह चिंता का विषय भी हो सकता है। पाकिस्तान में बेटी द्वारा पिता के पैर छूने को हिंदू धर्म की परंपरा बताकर विरोध किया जा रहा है तो वही भारत में दरगाहों में लाखों हिंदू जियारत करते है। यह जियारत मुस्लिम परंपराओं के अनुरूप की जाती है। भारत में कभी भी हिंदुओं के दरगाह में जाने पर ऐतराज नहीं हुआ। अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में तो मुसलमानों से ज्यादा जियारत के लिए आते हैं। कई हिंदू दरगाह के खादिमों के पैर छूकर आशीर्वाद भी प्राप्त करते हैं। दरगाह में सभी धार्मिक परंपराएं खादिमों द्वारा संपन्न करवाई जाती है। अच्छा हो कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी विरोध करने के बजाए हिंदू धर्म की परंपरा का सम्मान करें। जब एक पिता अपनी बेटी को आशीर्वाद देता है तो कामयाबी ज्यादा मिलती है। दुनिया में ऐसा कोई धर्म नहीं होगा जिसमें बेटी को अपने पिता से आशीर्वाद (दुआएं) लेने से रोका जाए। मरियम ने मुख्यमंत्री के पद पर सफल होने के लिए ही अपने पिता से आशीर्वाद लिया है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (01-03-2024)

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