सरदार पटेल ने 1949 में नव संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर संयुक्त राजस्थान की घोषणा की थी तो अब 30 मार्च को राजस्थान दिवस क्यों मनाया जाता है?अजयमेरु की नव संवत्सर समारोह समिति के संरक्षक सुनील दत्त जैन ने मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया। सरदार पटेल के भाषण को फेसबुक पर पढ़ा जा सकता है।
इतिहास गवाह है कि स्वतंत्र भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभव भाई पटेल ने 1949 में हिंदू कैलेंडर के नव संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन संयुक्त राजस्थान की घोषणा की थी। यह बात अलग है कि इस दिन अंग्रेजी कैलेंडर की 30 मार्च की तारीख थी, लेकिन सरदार पटेल का उद्देश्य संयुक्त राजस्थान की घोषणा के लिए हिंदू कैलेंडर की शुरुआत के पहले दिन की थी। पूरे देश ने राजस्थान की अलग परिस्थितियां थी, यहां अनेक रियासतों को शामिल कर संयुक्त राजस्थान बनाया गया था। नवसंवत्सर समारोह समिति अजयमेरु के संरक्षक और समाजसेवी सुनील दत्त जैन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का ध्यान इस विसंगति की ओर आकर्षित किया है। जैन ने कहा कि 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाने का कोई तुक नहीं है। यह सरदार पटेल की मंशा के विपरीत है। जैन ने कहा कि राजस्थान दिवस तो नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाया जाना चाहिए। इस बार 9 अप्रैल को नव संवत्सर की शुरुआत होगी। ऐसे में राजस्थान दिवस भी 9 अप्रैल को ही मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान दिवस का महत्व हिंदू कैलेंडर से ही है। जब देश को आजाद करवाने वालों ने हिंदू कैलेंडर की तिथि को महत्व दिया तो आज हम अंग्रेजी कैलेंडर की तारीख की लकीर को क्यों पीट रहे हैं। जैन ने मुख्यमंत्री शर्मा से आग्रह किया कि राजस्थान दिवस को हिंदू कैलेंडर की तिथि के अनुरूप ही मनाया जाए। उन्होंने बताया कि इस बार भी अजमेर में नव संवत्सर (9 अप्रैल) को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9829147270 पर सुनील दत्त जैन से ली जा सकती है।
पटेल का भाषण:
संयुक्त राजस्थान की घोषणा पर 1949 नव संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सरदार पटेल ने जो भाषण दिया उसे मेरे फेसबुक www.facebook.com/SPMittalblog पर पढ़ा जा सकता है। देश की खास कर राजस्थान की युवा पीढ़ी को इस भाषण को पढ़ना चाहिए। किन परिस्थितियों में संयुक्त राजस्थान की घोषणा हुई, इसकी विस्तृत जानकारी पटेल के भाषण में है। इसके साथ ही तत्कालीन रियासतों और उनके प्रमुखों का उल्लेख भी पटेल के भाषण में किया गया है। इस भाषण की सबसे खास बात यह है कि इसमें सच्चाई और नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया गया है। सरदार पटेल के भाषण से उनके विचारों को भी समझा जा सकता है।
S.P.MITTAL BLOGGER (29-03-2024)
Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511