कन्याकुमारी के विवेकानंद स्मारक पर 21 घंटे का तप करने पर कांग्रेस को ऐतराज। तो कांग्रेस भी मानती है कि पीएम मोदी की अध्यात्म वाली छवि से भाजपा को फायदा हो रहा है।

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई की रात तक कन्या कुमारी पुंच जाएंगे और फिर 31 मई को दोपहर एक बजे से विवेकानंद स्मारक पर 21 घंटे का तप करेंगे। यानी आम चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार समाप्त होने के तुरंत बाद पीएम मोदी भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप ध्यान और पूजा पाठ करेंगे। इसे सनातन संस्कृति में अध्यात्म भी कहा जाता है। लेकिन कांग्रेस को पीएम मोदी के इस तप पर ऐतराज है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कहा है कि पीएम मोदी जब विवेकानंद स्मारक पर तप करे, तब उनके कार्यक्रम का प्रसारण सरकारी न्यूज़ चैनल पर रन किया जाए। आयोग को इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को आदेश देना चाहिए। मालूम हो कि पीएम मोदी के कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन पर होता है और निजी न्यूज चैनल वाले भी दूरदर्शन से ही सिग्नल लेकर प्रसारण करते हैं। कांग्रेस को लगता है कि मोदी की अध्यात्म वाली छवि का फायदा चुनाव में भाजपा को मिल रहा है। हालांकि पीएम मोदी जब कन्या कुमारी में तप करेंगे, तब 1 जून को मात्र 57 सीटों पर मतदान होगा। पीएम मोदी के तप का विरोध कर कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी सनातन विरोधी सोच को उजागर किया है। कांग्रेस को यदि यह लगता है कि मोदी की अध्यात्म वाली छवि से भाजपा को फायदा होगा तो फिर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी ऐसा क्यों नहीं करते? राहुल गांधी यदि किसी धार्मिक स्थल पर जाकर ध्यान लगाएंगे तो किसी को भी ऐतराज नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस के नेता कभी भी अपनी छवि सनातन धर्म के अनुरूप नहीं बनाना चाहते। कांग्रेस को लगता है कि यदि सनातन संस्कृति के अनुरूप आचरण किया गया तो फिर मुसलमानों के वोट नहीं मिलेंगे। मुसलमानों के वोट की खातिर ही कांग्रेस हमेशा अपनी छवि को सनातन विरोधी प्रदर्शित करती रही है। यही वजह है कि अयोध्या में बने राम मंदिर के दर्शन राहुल गांधी ने अभी तक भी नहीं किए है। चूंकि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है, इसलिए राम मंदिर जाकर राहुल गांधी गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचना चाहते हैं। जानकार सूत्रों के अनुसार राम मंदिर न जाने का दबाव समाजवादी पार्टी का भी रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी अभी तक राम मंदिर नहीं गए हैं। कांग्रेस की तरह यादव भी अभी तक राम मंदिर नहीं गए हैं। कांग्रेस की तरह सपा को भी मुसलमानों के नाराज होने का डर है। मुसलमानों के वोट एक मुश्त मिल जाएं इसलिए सपा और कांग्रेस के नेता राम मंदिर से परहेज कर रहे हैं। देखना होगा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग से जो शिकायत की है उस पर आयोग क्या निर्णय लेता है। वैसे प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों का कवरेज करना सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी है। 

S.P.MITTAL BLOGGER (30-05-2024)
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