1200 साल पहले जिस आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को आग लगाकर नष्ट किया, उसी नालंदा के नए परिसर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह होती है राष्ट्र और अपनी संस्कृति की सेवा।

इतिहास गवाह है कि आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने 831 ईस्वी में भारत के प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की इमारत में आग लगा दी। इस आग से विश्वविद्यालय में रखी तीन लाख से भी ज्यादा पुस्तकें राख हो गई, तब खिलजी की सेना ने सनातन संस्कृति के धमाचार्यों और बौद्ध भिक्षुओं को मौत के घाट उतार दिया। खिलजी का मकसद भारत की सनातन संस्कृति और उसके ज्ञान को नष्ट करना था। खिलजी ने यह कृत्य तब किया, जब दुनिया में नालंदा विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ माना जाता था। इस विश्वविद्यालय में तब भी अन्य देशों के विद्यार्थी अध्ययन करते थे। जिस विश्वविद्यालय को खिलजी ने 1200 साल पहले नष्ट किया उसी नालंदा के नए परिसर का उद्घाटन 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। नालंदा बिहार की राजधानी पटना के निकट राजगीर में स्थित है। उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने आक्रमणकारी खिलजी के कृत्यों का तो कोई उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा कि किताबें जल जाए, लेकिन ज्ञान को नहीं मिटाया जा सकता है। भारत के मौजूदा दौर में जब सनातन संस्कृति को नष्ट किए जाने की बात खुलेआम कही जा रही है, तब पीएम मोदी ने भारत की सनातन संस्कृति को मजबूत करने वाला काम किया है। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि जो नेता सनातन संस्कृति को नष्ट करने की बात कह रहे है वह अब बड़ी संख्या में लोकसभा में पहुंच गए है। नई संसद का माहौल कैसा होगा? यह आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। मोदी ने दो दिन पहले बनारस में गंगा आरती में भाग लिया तो 19 जून को को नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। देश में आज अनेक राजनेता आक्रमणकारियों और भारत की सनातन संस्कृति को नष्ट करने वालों के हिमायती है। लेकिन पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने तीसरे कार्यकाल में भी राष्ट्र की सेवा और अपनी संस्कृति को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के जिस नए परिसर का उद्घाटन किया है उसमें 900 से ज्यादा विद्यार्थी पढाई कर सकेंगे। इस विश्वविद्यालय में भारत के अलावा 20 अन्य देशों के विद्यार्थी भी अध्ययन करते है। बख्तियार खिलजी ने भले ही 1200 साल पहले नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया हो, लेकिन नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर इस विश्वविद्यालय को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया है। इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले देश विदेश के विद्यार्थी आक्रमणकारी खिलजी का इतिहास भी पढ़ेंगे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (20-06-2024)
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