राहुल गांधी की रैली की तैयारियों में बसपा वाले विधायक भी जुटे।

राहुल गांधी की रैली की तैयारियों में बसपा वाले विधायक भी जुटे।
छह माह गुजर जाने के बाद भी नहीं बन पाए हैं मंत्री या संसदीय सचिव।
सीएम अशोक गहलोत दिल्ली पहुंचे। 

===========
23 जनवरी को जयपुर स्थित कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की उपस्थिति में सरकार के मंत्रियों, विधायकों एवं पार्टी के जिला अध्यक्षों आदि की बैठक हुई। सरकार और संगठन की इस संयुक्त बैठक में 28 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली की तैयारियों पर विमर्श हुआ। रैली में भीड़ जुटाने से लेकर अन्य इंतजामों पर चर्चा हुई। सरकार और संगठन की संयुक्त बैठक में यह पहला अवसर रहा जब बसपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी उपस्थित रहे। बैठक में बसपा वाले विधायकों के शामिल होने से कांग्रेस के राजनीतिक हल्कों में अनेक चर्चाएं व्याप्त हो गए हैं। पिछले दिनों ही इन सभी छह विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के सामने सदस्यता ग्रहण की  थी। हालांकि कोई छह माह पहले बसपा के सभी छह विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होकर कांग्रेस में शामिल हो जाने का पत्र दिया था। पत्र देने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधायकों को कांग्रेस का विधायक मान लिया। लेकिन छह माह गुजर जाने के बाद भी बसपा वाले इन विधायकों को मंत्री या संसदीय सचिव का पद नसीब नहीं हो सका है। कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के वीटो पावर की वजह से बसपा वाले विधायक मंत्री नहीं बन सके हैं। पायलट पहले ही सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि बसपा के विधायक बिना शर्त और अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सब जानते हैं कि बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सक्रिय भूमिका थी। गहलोत ने अपने 2008 से 2013 तक के कार्यकाल में भी बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाया था, तब इन सभी विधायकों को मंत्री या संसदीय सचिव का पद दिया गया, लेकिन इस बार इन विधायकों को अभी तक भी मंत्री या संसदीय सचिव का पद नहीं मिल पाया है। अशोक गहलोत स्वयं भी मानते हैं कि बसपा के विधायकों के शामिल होने से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार मजबूत हुई है। 200 में से कांग्रेस के 100 विधायक जीते हैं। बसपा के छह विधायकों के शामिल हो जाने से कांग्रेस विधायकों की संख्या 106 तक पहुंच गए हैं। यूं तो 12 निर्दलीय विधायक भी गहलोत सरकार को शुरू से ही समर्थन दे रहे हैं। निर्दलीय विधायकों में से भी कई मंत्री या संसदीय सचिव पद के लिए लालायित है। लेकिन अभी तक भी निर्दलीय विधायकों को भी सफलता नहीं मिली है। निर्दलीय विधायकों के मुकाबले बसपा से आए विधायकों का मंत्री बनने का दावा ज्यादा मजबूत है, क्योंकि इन छह विधायकों ने बसपा छोड़ कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पायलट और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान की वजह से बसपा और निर्दलीय विधायकों को सरकार में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी की रैली की तैयारियों में जिस प्रकार बसपा वाले विधायक भी जुटे हैं उससे प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति में बदलाव होगा।
गहलोत दिल्ली पहुंचे:
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की बैठक में भाग लेने के बाद सीएम अशोक गहलोत 23 जनवरी को दोपहर सरकारी विमान से दिल्ली पहुंच गए हैं। कहा जा रहा है कि 28 जनवरी को होने वाली राहुल गांधी की रैली की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए ही गहलोत आला कमान से संवाद करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। आर्थिक मोर्चे पर केन्द्र सरकार को घेरने के लिए राहुल गांधी की देश भर में रैलियां आयोजित की जा रही है। राहुल की रैली को युवा आक्रोश रैली का नाम दिया गया है। 28 जनवरी को जयपुर में रैली के बाद 30 जनवरी को राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में ऐसी ही रैली को संबोधित करेंगे। राहुल की रैलियां देश के अन्य शहरों में भी आयोजित होगी।
एस.पी.मित्तल) (23-01-2020)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
वाट्सएप ग्रुप से जोडऩे के लिए-95097 07595
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
Print Friendly, PDF & Email

You may also like...