अजमेर में 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई। इसे कहते हैं जले पर नमक छिड़कना। विधानसभा में जलदाय मंत्री से झूठ बुलवाने वाले अफसरों और इंजीनियरों पर कार्यवाही हो। वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल की मौजूदगी में झूठ बुलवाया गया। यह और भी शर्मनाक है।
31 जुलाई को अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने पेयजल की समस्या को विधानसभा में उठाया। भदेल के सवाल के जवाब में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में अजमेर में पेयजल वितरण की व्यवस्था बिगड़ी हुई थी, लेकिन भाजपा का शासन आने पर हमने मौजूदा संसाधनों से वितरण व्यवस्था को सुधारा और अब 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई हो रही है। जलदाय मंत्री का यह बयान अजमेर जिले के लोगों के जले पर नमक छिड़कना जैसा है। भीषण गर्मी में भी लोगों को चार पांच दिन में एक पर मात्र एक घंटे के लिए पेयजल की सप्लाई हुई। त्राहि-त्राहि कर रहे है लोग रोजाना जलदाय विभाग के दफ्तरों पर मटके फोड़ रहे है। जब अजमेर के लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरी रहे हैं तब जलदाय जलदाय मंत्री विधानसभा में अजमेर में 48 घंटे में यानी दो दिन में पेयजल सप्लाई की बात कह रहे है, जलदाय मंत्री के ऐसे बयान के बाद अजमेर के लोगों के गुस्से का अंदाजा लगाया जा सकता है। मंत्री विधानसभा में जो बयान देते हैं, वह संबंधित विभाग के अधिकारी और इंजीनियर तैयार करते हैं। स्वाभाविक है कि जलदाय विभाग के अधिकारियों और इंजीनियरों ने ही मंत्री को बताया गया होगा कि अजमेर में 48 घंटे में पेयजल की सप्लाई हो रही है। मंत्री से झूठ बुलवाने में अधिकारियों और इंजीनियरों की भूमिका रही है। मंत्री ने जब 48 घंटे वाली वाल कही तब विधानसभा में अध्यक्ष की कुर्सी पर अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी बैठे थे। देवनानी ने भी मंत्री को टोकते हुए कहा कि अजमेर में चार-पांच दिन में पेयजल कमी सप्लाई हो रही है। देवनानी के बयान पर प्रश्न कर्ता विधायक भदेल ने भी मुहर लगाई। यानी मंत्री के बयान को विधानसभा में ही अध्यक्ष और प्रश्नकर्ता विधायक ने झूठा बता दयिा। अब जब झूठ उजागर हो गया है, तब जलदाय मंत्री को उन अधिकारियों और इंजीनियरों पर कार्यवाही करनी चाहिए, जिन्होंने विधानसभा में झूठा बयान दिलवाया। मंत्री चौधरी को इस पूरे मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह मामला विधानसभा की पवित्रता से भी जुड़ा हुआ है। यदि जलदाय मंत्री दोषी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि प्रशासनिक झूठ में सरकार भी शामिल है। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी को भी कार्यवाही करनी चाहिए। मंत्री ने जब देवनानी के सामने ही झूठ बोला है, तो अब देवनानी की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करवाए।
S.P.MITTAL BLOGGER (01-08-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9929383123To Contact- 9829071511