आतंकी विचारधारा किसी को भी नहीं बखशेगी। संभल और स्वर्ण मंदिर के गोली कांड में पाकिस्तान कनेक्शन। राहुल गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को सच्चाई समझनी चाहिए।
4 दिसंबर को पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में जो गोली कांड हुआ, उसमें पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल बाल बाल बच गए। बादल पर यह हमला तब हुआ, जब वे सिख समुदाय की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के निर्देशों के अनुरूप स्वर्ण मंदिर में धार्मिक सजा भुगत रहे थे। सब जानते हैं कि बादल की राजनीतिक पार्टी अकाली दल का भाजपा से कोई गठबंधन नहीं है और न ही बादल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि के हैं। बादल की पार्टी केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों का समर्थन भी नहीं कर रही है। लेकिन इसके बाद भी सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाई गई। यह घटना बताती है कि आतंकी सोच किसी को भी नहीं बख्शेग। हमलावर के तौर पर नारायण सिंह चौरा को गिरफ्तार किया गया है। चौड़ा पूर्व में खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा रहा और उसके संबंध पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठनों से हैं। पाकिस्तान के कट्टरपंथियों का उद्देश्य भारत में अशांति करना है। नेता किस दल का है उससे आतंकियों का कोई मतलब नहीं है। सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर परिसर में सजा भुगत रहे थे, इसलिए उन पर हमला करना आसान था। हमलावर चौरा के जो कनेक्शन पाकिस्तान से सामने आए है, वैसे ही कनेक्शन उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद विवाद में हुए गोलीकांड में भी सामने आए हैं। संभल में गोली कांड के बाद जो कारतूस बरामद किए गए है वे पाकिस्तान के हैं। इससे जाहिर होता है कि घटना वाले दिन उग्र भीड़ में आतंकी भी शामिल थे। यह पहला अवसर नहीं है, जब संभल की घटनाओं में पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है। इससे पहले संभल के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से कई पाकिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। संभल में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय की है। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, संभल और स्वर्ण मंदिर के गोली कांड पर कुछ भी कहे, लेकिन इन नेताओं को सच्चाई को समझना चाहिए। लोकसभा में अखिलेश यादव ने संभल प्रकरण में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की आलोचना की है। इसी प्रकार राहुल गांधी ने भी चार दिसंबर को संभल जाने की जिद की। ये नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों के खातिर कुछ भी करे, लेकिन आतंकियों को जब भी मौका मिलेगा तो वे किसी को भी नहीं बख्शेंगे। आतंकी सोच रखने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सुखविंदर सिंह एक पवित्र स्थल पर धार्मिक सजा भुगत रहे है। चूंकि स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले किसी भी तलाशी नहीं ली जा सकती इसलिए हमलावर बड़ी आसानी से अपनी पेंट की जेब में रिवाल्वर रखकर ले गया। यदि सुरक्षाकर्मी जसबीर सिंह सतर्क नहीं दिखाता तो बादल का बचना मुश्किल था। राहुल गांधी चार दिसंबर को जब गाजीपुर की भीड़ में खड़े थे, तब उन्हें अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए था। राहुल गांधी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता है, इसलिए उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को मिलने वाले जेड प्लस की सुरक्षा सुविधा है। लेकिन राहुल गांधी इस सुरक्षा सुविधा के नियमों का ही उल्लंघन कर रहे हैं। राहुल गांधी को भी सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमलों से सबक लेना चाहिए। सवाल यह भी है कि जब दस दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के संभल जाने पर रोक लगी हुई है तो फिर राहुल गांधी संभल क्यों जो रहे थे?
S.P.MITTAL BLOGGER (05-12-2024)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511