तमिलनाडु विधानसभा में संविधान और राष्ट्रगान का खुलेआम अपमान हुआ, फिर भी कांग्रेस चुप है। राज्यपाल रवि ने इसे संविधान का निर्लज्ज अनादर बताया। सीएम स्टालिन के पुत्र व मंत्री उदय ने भी पहले ही सनातन धर्म को खत्म करने की बात कह चुके हैं।
6 जनवरी को तमिलनाडु विधानसभा के शुभारंभ पर ही संविधान और राष्ट्रगान का खुलेआम अपमान किया गया। राज्यपाल आरएन रवि ने मुख्यमंत्री एनके स्टालिन से आग्रह किया कि राज्य गीत तमिल थाई वाज़्थु के साथ साथ देश के राष्ट्रगान को भी बजाया जाए, लेकिन सीएम स्टालिन ने साफ कहा कि सिर्फ राज्यगीत को ही बताया जाएगा। राष्ट्रगान न बजाए जाने पर राज्यपाल ने अभिभाषण नहीं पढ़ा और सदन का बहिष्कार कर राजभवन लौट गए। राज्यपाल ने कहा कि यह संविधान और राष्ट्रगान का निर्लज्ज अनादर है। संविधान में यह नियम है कि विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाए, लेकिन तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके और उनके मुख्यमंत्री ने संविधान के इस नियम की पालना नहीं की। राज्यपाल का यह भी कहना रहा कि उन्होंने राज्य गीत तमिल थाई वाज़्थु के बजाने पर कोई ऐतराज नहीं किया, लेकिन उनका आग्रह था कि राज्य गीत के साथ देश का राष्ट्रगान भी बजाया जाए। यदि देश की किसी विधानसभा में राष्ट्रगान से ईर्ष्या की जाए तो उसे राज्य सरकार की मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कांग्रेस चुप:
दिल्ली में संसद भवन परिसर में संविधान की पॉकेट बुक लेकर कांग्रेस ने शीतकालीन सत्र में प्रतिदिन प्रदर्शन किया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में जब सांसद पद की शपथ ली तब भी उनके हाथ में संविधान की पॉकेट बुक थी। कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते देश के संविधान को खतरा है। जो कांग्रेस दिल्ली में संविधान को खतरा बता रही है, वह तमिलनाडु विधानसभा में संविधा और राष्ट्रगान के निर्लज्ज अपमान पर चुप है। क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को तमिलनाडु की घटना संविधान के लिए खतरा नहीं लगती? यदि किसी राज्य की विधानसभा में सिर्फ राज्य गीत ही बजाया जा रहा है तो इससे बड़ा संविधान का अपमान नहीं हो सकता। कांग्रेस की चुप्पी दर्शाती है कि वह अपने सहयोगी डीएमके की विचारधारा का समर्थन करती है।
सनातन को नष्ट करने की भी धमकी:
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के पुत्र और सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन पूर्व में कह चुके हैं कि सनातन धर्म को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। सनातन धर्म के प्रति इतनी दुर्भावना और अब देश के संविधान के अपमान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमिलनाडु में कौनसी विचारधारा शासन कर रही है। कांग्रेस माने या नहीं, लेकिन यह विचारधारा देश को तोड़ने वाली है।
S.P.MITTAL BLOGGER (07-01-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511