यूक्रेन, अफगानिस्तान और जब अमेरिका से आने वाले भारतीयों में फर्क है। घुसपैठियों को अमेरिका से खदेड़ने पर आपत्ति क्यों? कांग्रेस तो रोहिंग्याओं बांग्लादेशियों को भी भारत की नागरिकता दिलवाना चाहती है।

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका से उन लोगों को बाहर निकाला जा रहा है जो अवैध रूप से घुस आए हैं। इनमें भारतीय भी शामिल है। 6 फरवरी को अमेरिका ने 104 भारतीयों को सैन्य विमान से भारत भेज दिया। इस पर कांग्रेस और विपक्ष के अन्य नेता हंगामा कर रहे हैं। संसद को भी बाधित किया जा रहा है। विपक्ष के कुछ नेता अमेरिका से आने वाले भारतीयों को यूक्रेन और अफगानिस्तान से आने वाले भारतीयों से तुलना कर रहे है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने अमेरिका में भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा नहीं की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कहा है कि जिन भारतीयों के पास वैध दस्तावेज हैं उन्हें अमेरिका में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जो भारतीय घुस पैठकर बिना दस्तावेज है, उन्हें ही अमेरिका से बाहर निकाला जा रहा है। इनमें अन्य देशों के नागरिक भी है। अमेरिका की नीति के अनुरूप किसी भी देश का घुसपैठिया अमेरिका में नहीं रह सकता। विपक्ष का हंगामा बताता है कि अमेरिका भी घुसपैठियों को स्वीकार कर लें। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को समझना चाहिए कि भारत और अमेरिका में अंतर है। अमेरिका एक भी घुसपैठिए को स्वीकार नहीं करता है। जबकि भारत में तो बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं को भी भारत की नागरिकता देने की मांग कांग्रेस करती रही है। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि राजनीतिक संरक्षण के कारण घुसपैठियों ने भारत में वैध दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए हैं। आज पूरे देश में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या मौजूद हैं। मोदी सरकार की लाख कोशिश के बाद भी इन घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा नहीं जा रहा है। चिंताजनक बात तो यह है कि ऐसे घुसपैठिए मोदी सरकार के खिलाफ ही धरना प्रदर्शन कर रहे है। भारत में राजनीतिक संरक्षण के कारण घुसपैठिए रह सकते हैं। लेकिन अमेरिका में नहीं। अमेरिका जब अपने हितों का ख्याल रखते हुए घुसपैठियों को खदेड़ रहा है तो इस पर आपत्ति की कोई गुंजाइश नहीं है। उल्टे मोदी सरकार को भी अमेरिका की तरह घुसपैठियों को बाहर खदेडऩा चाहिए। यहां यह भी समझने की जरूरत है कि पूर्व में अफगानिस्तान, यूक्रेन और अब अमेरिका से आने वाले भारतीयों में फर्क है। यूक्रेन और अफगानिस्तान में भारत सरकार ने अपने जहाज इसलिए भेजे क्योंकि उन भारतीयों के पास वैध दस्तावेज थे। युद्ध और अराजकता की वजह से ऐसे भारतीयों को यूक्रेन और अफगानिस्तान छोड़ने की मजबूरी हुई। जो भी भारतीय वैध तरीके से विदेशों में रह रहे हैं, उनके हितों की रक्षा केंद्र सरकार हमेशा करती हे। 

S.P.MITTAL BLOGGER (07-02-2025)
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