दिल्ली में मोदी की गारंटी और अमित शाह की रणनीति की जीत हुई। आप की हार का असर इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा। केजरीवाल की हार, कांग्रेस के लिए उपलब्धि, लेकिन राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की यह 100 वीं हार है।
8 फरवरी को घोषित हो रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम बताते है कि 70 में से 45 सीटें भाजपा को मिलने जा रही है। सत्तारूढ आम आदमी पार्टी 25 सीटों पर सिमट रही है। दिल्ली का यह तीसरा चुनाव है जब कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली है। 2015 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को 68 और 2020 में 62 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार खुद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। केजरीवाल की हार से जाहिर है कि आप ने ईमानदारी और सेवा का जो चोला पहना था वह उतर गया है। इसमें कोई दो राय नहीं कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारन्टी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति की जीत हुई है
भाजपा की रणनीति यह साबित करने में सफल रही कि अरविंद केजरीवाल एक बेईमान राजनेता है। इसके साथ ही भाजपा की ओर से भरोसा दिलाया गया कि सरकार बनने पर मुफ्त की सभी योजनाओं को जारी रखा जाएगा। केजरीवाल ने जहां महिलारणनीति 2100 रूपये प्रति माह देने की घोषणा की वहीं भाजपा ने 2500 रुपये देने का वायदा किया। दिल्ली के मतदाता केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल के टकराव से भी परेशान थे। अब जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है तब दिल्ली-वासियों को तेज गति से विकास होने की उम्मीद है। केजरीवाल के लिए यह भी झटका है कि उनकी सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया चुनाव हार गई है। गत 27 वर्षों से भाजपा दिल्ली में सत्ता से बाहर बैठी थी, लेकिन अब भाजपा सत्ता पर काबिज होने जा रही है।
– इंडिया गठबंधन पर असर :-
दिल्ली में केजरीवाल की हार का असर अब कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन पर पड़ेगा। चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर केजरीवाल ने पहले ही कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए है। टीएमसी, सपा, शरद पवार वाली एनसीपी ने कांग्रेस के बजाए केजरीवाल को समर्थन दिया ।केजरीवाल भी अपनी हार की एक वजह कांग्रेस को भी मानते है। इसलिए केजरीवाल अब इंडिया गठबंधन में राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती देगें। माना जा रहा है कि कांग्रेस के उम्मीदवारों की वजह से मुस्लिम बाहुल्य सीटों को जीत मिली है। पर भी भाजपा 70 में से 13 सीटें मुक्तिम बाहुल्य है, इनमें से अधिकांश में भाजपा की जीत हुई है।
– कांग्रेस की 100 वीं हार:-
राहुल गांधी ने जबसे कांग्रेस का नेतृत्व संभाला है तबसे अब तक चुनावों में कांग्रेस की हार का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली की हार 100 वीं मानी गई है। कांग्रेस भले ही इस बात से खुश हो जाए कि आम आदमी पार्टी की हार हो गई है, लेकिन कांग्रेस के लिए यह शर्मनाक बात है कि लगातार तीन चुनावों में एक सीट भी नहीं मिली है।
– केजरीवाल के नेतृत्व पर सवाल
दिल्ली की हार के बाद आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए जाएंगे। मौजूदा समय में पंजाब में भी आप की सरकार है। दिल्ली की हार के बाद अब सिर्फ पंजाब में आप की सरकार रह गई है। पंजाब में पहले से ही भगवत मान की सरकार केजरीवाल के निर्देश को नहीं मान रही थी। अब जब दिल्ली में भी सरकार चली गई है, तब पार्टी पर केजरीवाल की पकड़ और कम हो गई है।
S.P.MITTAL BLOGGER (08-02-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511