पंजाब में बगावत को रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल बन सकते हैं मुख्यमंत्री। 18 विधायकों वाली कांग्रेस भी सरकार बनाने की फिराक में।

पंजाब में कुल विधायकों की संख्या 117 है, इनमें से 92 विधायक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के है। वर्ष 2022 में केजरीवाल ने ही भगवत मान को मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन केजरीवाल की पार्टी की बुरी हार का असर अब पंजाब में भी देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि आपके के 40 विधायक कांग्रेस के संपर्क में है। रंधावा के इस दावे के बाद आप के विधायकों में और खलबली मच गई है। पंजाब में कांग्रेस के 18 विधायक है। हालंकि 18 विधायकों वाली पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन कांग्रेस को लगता है कि जिस प्रकार महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने बगावत की उसी प्रकार पंजाब में भी बगावत होगी। तब कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर मिल जाएगा। महाराष्ट्र की तरह किसी बगावती विधायक को ही कांग्रेस मुख्यमंत्री बनवाएगी। कांग्रेस की चाल को देखते हुए 11 फरवरी को केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवत मान भी उपस्थित हुए। फिलहाल तो केजरीवाल अपनी पार्टी के विधायकों को एकजुट रखने का प्रयास कर रहे है, लेकिन यदि पार्टी में बगावत की आशंकाओं को और बल मिलता है तो विधायकों को एकजुट रखने के लिए स्वयं भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पंजाब में भले ही भगवत मान मुख्यमंत्री हो, लेकिन सरकार पर पकड़ केजरीवाल की ही है। 92 में से अधिकांश विधायक केजरीवाल के समर्थक हे। केजरीवाल इसलिए भी पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं कि दिल्ली में हार के बाद उनके सामने राजनीतिक चुनौतियां खड़ी हो गई है। केजरीवाल का मानना है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बने ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनके विरुद्ध बड़ी कार्यवाही होगी। ऐसी कार्यवाही से बचने के लिए केजरीवाल के पास पंजाब के मुख्यमंत्री पद का सुरक्षा कवच होगा। यदि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री बनते हैं तो फिर कांग्रेस के लिए आप विधायकों में तोडफ़ोड़ करना मुश्किल होगा। केजरीवाल ने दिल्ली में भी अपने सभी 62 विधायकों को एकुजट रखा। जानकारों की माने तो केजरीवाल भी पंजाब के मुख्यमंत्री बनने के लिए लालयित है। असल में दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास सीमित अधिकार थे, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री के अधीन पुलिस भी आती है और आईएएस, आईपीएस जैसे बड़े अधिकारियों के तबादले का अधिकार भी मुख्यमंत्री के पास होता है। चूंकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए मुख्यमंत्री से ज्यादा अधिकार उपराज्यपाल के पास होते हैं। केजरीवाल फुल पावर वाला मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक है। जहां तक भाजपा का सवाल है तो पंजाब में भाजपा के मात्र 2 और अकाली दल शिरोमणि के तीन विधायक है, लेकिन नए मुख्यमंत्री को बनाने में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। 

S.P.MITTAL BLOGGER (11-02-2025)
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