केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की सफलता में पिता कदम सिंह की कड़ी मेहनत रही। वर्ष 1993 में अजमेर के डीआरएम ऑफिस से सेवानिवृत्त हुए। अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल हुए।

राजस्थान के अलवर के भाजपा सांसद और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के 93 वर्षीय पिता कदम सिंह यादव का 15 मार्च को निधन हो गया। उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार इसी दिन पैतृत गांव जमालपुर (जिला गुडग़ांव हरियाणा) में कर दिया गया। अंतिम संस्कार में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी शामिल हुए। सीएम शर्मा ने कदम सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया। भूपेंद्र यादव की राजनीतिक सफलता के पीदे दिवंगत पिता कदम सिंह की कड़ी मेहनत रही है। कदम सिंह 1993 में अजमेर के रेल मंडल कार्यालय के लेखा शाखा से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के समय तक कदम सिंह अजमेर के फ्रेजर रोड स्थित रेलवे के क्वार्टर में निवास करते थे। रेलवे के क्वार्टर में ही कदम सिंह ने तीन बेटियों और एक बेटे भूपेंद्र यादव को पढ़ाया लिखाया। कदम सिंह के साथ ही रेलवे क्वार्टर में रहने वाले रेलवे स्कूल की रिटायर प्रिंसिपल श्रीमती मीना गुर्जर ने बताया कि कदम सिंह उनके भाई के समान थे। कदम सिंह अपने परिवार के प्रति हमेशा चिंतित रहते थे। रेलवे में नौकरी करने के कारण ही बेटे भूपेंद्र यादव ने स्कूली पढ़ाई सेंट पॉल स्कूल में की और फिर गवर्नमेंट कॉलेज में स्नातक करने के बाद एलएलबी की डिग्री ली। कुछ समय भूपेंद्र यादव ने अजमेर के जिला न्यायालय में वकालत भी की, लेकिन सेवानिवृत्त के बाद कदम सिंह अपने परिवार के साथ हरियाणा चले गए। इसके बाद भूपेंद्र यादव ने राजनीति में प्रवेश किया और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव से लेकर केंद्रीय मंत्री तक बने। भूपेंद्र यादव की राजनीतिक सफलता में उनके पिता कदम सिंह की कड़ी मेहनत रही है। पिता ने जीवन का जो पाठ पढ़ाया उसी की वजह से भूपेंद्र यादव आज देश के चुनिंदा राजनेताओं में से एक है। पिता ने जो सीख दी उसी की वजह से भूपेंद्र यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भरोसा जीत रखा है। आज देश के किसी भी राज्य में चुनाव होने पर भाजपा की रणनीति भूपेंद्र यादव ही तैयार करते हैं। पिता कदम सिंह ने भले ही अपना जीवन रेलवे क्वार्टर में गुजार दिया हो, लेकिन महाराष्ट्र के चुनाव में भूपेंद्र यादव भाजपा के प्रभारी थे, तो केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सह प्रभारी। यानी जिन रेल मंत्री के पास संपूर्ण देश का रेल विभाग हो उन रेल मंत्री ने महाराष्ट्र चुनाव में भूपेंद्र यादव के निर्देशों की क्रियान्विति की। अब जब बिहार के चुनाव हो रहे है तो भूपेंद्र यादव ने भाजपा की रणनीति बनाने का काम शुरू कर दिया है। 27 वर्ष बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनाने में भी यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भूपेंद्र यादव ने अपने पिता कदम सिंह की सेवा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी।  वे राजनीति की कितनी भी ऊंचाईयों पर रहे हो, लेकिन अपने पिता को साथ रखा। भूपेंद्र यादव भी मानते हैं कि उनकी सफलता में पिता का आशीर्वाद है। उल्लेखनीय है कि भूपेंद्र यादव की छोटी बहन श्रीमती रेखा यादव पुष्कर के गवर्नमेंट कॉलेज में प्राध्यापक है तथा रेखा के पति डॉ. मिलन यादव इसी कॉलेज के प्राचार्य हैं। 
S.P.MITTAL BLOGGER (16-03-2025)Website- www.spmittal.inFacebook Page- www.facebook.com/SPMittalblogFollow me on Twitter- https://twitter.com/spmittalblogger?s=11Blog- spmittal.blogspot.comTo Add in WhatsApp Group- 9166157932To Contact- 9829071511

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